Top 15 औली हिल स्टेशन घूमने की पूरी जानकारी

उत्तराखंड हिल स्टेशन की जब बात आती है तो ज्यादातर लोग नैनीताल और मसूरी को ही जानते हैं जबकि वास्तव में ऐसा बिल्कुल भी नहीं है यहां एक से बढ़कर एक पर्यटन स्थल मौजूद है ।

चमोली जिले में स्थित औली हिल स्टेशन उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र के बद्रीनाथ धाम के पास स्थित है जो किसी जन्नत से कम नहीं यहां बर्फ से ढके हुए पहाड़ों से लेकर पिघलते हुए ग्लेशियर की खूबसूरती दिल को खुश कर देती है यही चीज इसे धरती के सबसे रोमांटिक स्थानों में से एक बनाती है।

औली भारत में चुनिंदा स्कीइंग स्थलों में से एक है यहां के बर्फीले पहाड़ों में सर्दियों के समय देश विदेश से भारी संख्या में सैलानी पहुंचकर स्कीइंग जैसे एडवेंचर एक्टिविटी का आनंद लेते हैं।

आइए जानते हैं औली में घूमने की जगह कौन-कौन सी है जहां आप अपनी रोमांचकारी यात्रा को यादगार बना सकते हैं।

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Table of Contents

औली में घूमने की जगह

अगर आप औली घूमने जाएं तो इन जगहों पर जरूर जाएं

1. केवल कार की सवारी (रोपवे)

auli ropway

औली के प्रमुख आकर्षणों में से एक केवल कार की सवारी का लुफ्त उठाना यह रोपवे सवारी कश्मीर के गुलमर्ग के बाद एशिया में दूसरी सबसे ऊंची और लंबी रोपवे की सवारी है यह यात्रा 4 किलोमीटर की होती है जो जोशीमठ से शुरू होकर औली में समाप्त होती है इसे पूरा करने में कुल 24 मिनट का समय लगता है।

इस राइट में बैठकर आप सफर करते हुए बर्फ से ढकी हुई चोटियां ,घास के मैदान, और ओक के घने जंगल के साथ-साथ नीचे हो रही स्कीइंग का मनोरम दृश्य देख पाएंगे।

2. औली की स्कीइंग

की स्कीइंग

भारत में स्कीइंग के लिए औली हिल स्टेशन एक आदर्श स्थान है यहां के नंदा देवी कामेट, दूनागिरी , बीथरटोली ,नील पर्वत, गोरी पर्वत, माना पर्वत और नर पर्वत जैसे और भी कई अन्य जगहों पर इस का आनंद उठाया जाता है।

3. जोशीमठ

बर्फ से ढके हुए हमें हिमालय की गोद में बसा जोशीमठ को ट्रैकिंग के प्रवेश द्वार के रूप में जाना जाता है जिसमें वैली ऑफ फ्लावर ट्रैक इसी के पास स्थित है।

इतना ही नहीं हिंदू धार्मिक दृष्टि से यह स्थान बहुत ही पवित्र है उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र के चमोली जिले में स्थित जोशीमठ एक पहाड़ी शहर है जो हिंदू तीर्थ यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है क्योंकि सर्दियों के मौसम में भगवान विष्णु की प्रतिमा यानी कि बद्रीनाथ की मूर्ति को बद्रीनाथ धाम से लाकर यही विराजमान कर दिया जाता। यही पास में विष्णुप्रयाग से अलकनंदा और धौलीगंगा नदियों के संगम को देखा जा सकता है।

4. नंदा देवी चोटी

देवी चोटी

ट्रेकिंग और एडवेंचर के शौकीन लोगों के बीच यह स्थान बहुत ही लोकप्रिय है देवदार के घने जंगलों तथा चारों तरफ बर्फीले पहाड़ों से घिरा हुआ यह क्षेत्र भारत का दूसरा और दुनिया का 23 बी सबसे ऊंची चोटी है इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 7816 मीटर है।

यहां से आसपास की खूबसूरत प्राकृतिक वादियां और हिल स्टेशनों का आकर्षण दिखाई देता है जो अत्यंत ही काल्पनिक होता है।

5. गुरूसों बुग्याल

प्रकृति की गोद में बसा गुरसो बुग्याल सुरम्य घास का मैदान है जो चारों तरफ हरे-भरे ऊंचे ऊंचे ओक के वृक्षों से घिरा हुआ है। और इसी के पास महत्वपूर्ण औली में घूमने की जगह द्रोण त्रिशूल और नंदा देवी का खूबसूरत दृश्य प्रदान करता है

बसंत ऋतु के आगमन होते हुए यहां की बर्फ पिघलने लगती है और उसके नीचे दबे पेड़ पौधे जड़ी बूटियां ऊपर की ओर बढ़ने लगते हैं जिससे यह घाटीप्राकृतिक उद्यान के रूप में तब्दील हो जाती है जो पर्यटकों द्वारा बहुत पसंद किया जाता है।

6. औली में कैंपिंग

पर्यटकों द्वारा औली में सबसे पसंदीदा गतिविधियों में से एक यहां की कैंपिंग है जो मस्ती खेल और स्वादिष्ट भोजन के साथ साथ खुले आसमान के नीचे सोते हुए टिमटिमाते सितारों की आंख मिचोली को देखना और सुबह होते ही सूर्योदय का मनमोहक दृश्य के साथ पहाड़ों की पैकिंग पैदल भ्रमण और हिल स्टेशन का सैर करना जो काफी सुखद अनुभव का एहसास कराता है।

7. नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान

औली के नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान में हिमालय में पाए जाने वाले जंगली जानवरों की श्रृंखला उपस्थित है इनमें- कस्तूरी मृग ,सियार ,लकड़बग्घा जंगली बिल्ली, भालू, लोमड़ी, तेंदुआ जैसे कई और वन्य प्राणियों को घूमते फिरते हुए देखा जा सकता है।

8. त्रिशूल पीक प्वाइंट

त्रिशूल चोटी जैसे इसके नाम से ही पता चलता है की त्रिशूल के आकार की चोटी जी हां कुमाऊं क्षेत्र के पश्चिम की तीन हिमालयन चोटियां मिलकर त्रिशूल चोटी का आकार देती हैं जो दिखने में भगवान शिव के त्रिशूल जैसा प्रतीत होता है।

यह समुद्र तल से 7120 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है इस चोटी को उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित कौसानी के ट्रैकिंग मार्ग से देखा जा सकता है।

इस शिखर पर आने वाले पर्यटकों के लिए बेसकैंप ट्रैकिंग और कैंपिंग भी उपलब्ध है जहां आप रात्रि विश्राम कर सकते हैं।

9. चेनाब लेक औली

यह एक मानव निर्मित झील है जो यहां के लोगों को क्रिस्टल पानी के जलाशय का काम करती है।

चिनाब झील की यात्रा शहरों में निवास करने वाले लोगों के लिए बेहद पसंद आती है क्योंकि यहां तक पहुंचने का रास्ता कच्चा खरंजा और चट्टानों से बना हुआ है।

इस स्थान को अभी बाहर से आने वाले पर्यटक बहुत ही कम जानते हैं जिसकी वजह से यहां केवल स्थानीय लोगों का आवागमन होता है इसीलिए यहां तक पहुंचने के लिए अच्छे मार्ग नहीं बने हुए।

10. नंदप्रयाग

नंद प्रयाग के नाम से प्रसिद्ध यह स्थान औली के आस पास घूमने लायक जगह में से एक है। केदारनाथ और बद्रीनाथ जैसे दो प्रमुख तीर्थ स्थानों तक पहुंचने का प्रवेश द्वार होने के साथ-साथ अध्यात्म का केंद्र है ।

इसके आसपास कई प्राचीन रहस्यमई मंदिर मौजूद है जो हजारों वर्षों पहले ऋषि-मुनियों का घर हुआ करता था यहां जाना इसलिए भी जरूरी होता है क्योंकि यह स्थान आध्यात्मिक विचार उत्पन्न करता है।

11. वसुंधरा जलप्रपात

भारत के आखिरी गांव माणा में स्थित वसुंधरा झरना औली से 55 किलोमीटर दूर है जो चमोली जिले के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है यहां जाकर झरने के नीचे बैठकर आज स्नान कर सकते हैं और वहां से चीन को भी निहार सकते हैं।

लेकिन यहां केवल गर्मियों के मौसम में पहुंचा जा सकता है क्योंकि सर्दियों के मौसम में बर्फबारी की वजह से रास्ते बंद हो जाते हैं

इस झरने के बारे में पौराणिक मान्यता भी है कहते हैं इसका पानी किसी पापी मनुष्य के ऊपर नहीं गिरता जिसकी आत्मा शुद्ध होगी उसी के ऊपर इसका जल गिरता है।

इस जलप्रपात में कई बॉलीवुड और साउथ इंडस्ट्री की फिल्में बन चुकी है लेकिन इनमें सबसे खास फिल्म तमन्ना भाटिया और अल्लू अर्जुन के साथ फिल्माई गई फिल्म बद्रीनाथ है जिसमें झरने और औली के आसपास के क्षेत्रों के बारे में आध्यात्मिक जानकारी दी गई है।

12. क्वानी बुग्याल kwani Bugyal

गुरसो बुग्याल से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित kwani Bugyal ट्रैकर्स के लिए फेमस स्थान है यहां घूमने का सबसे बेस्ट समय जून से सितंबर के बीच होता है और इस दौरान औली हिल स्टेशन आने वाली फरिश्तों के लिए कैंपिंग करने का बेहद शानदार स्थान है ।

13. छत्रकुंड झील

वास्तव में सबसे अच्छे प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर औली के पर्यटन स्थल में चतरा कुंड ही है क्योंकि यहां ट्रैकर्स के लिए ट्रैकिंग मार्ग, सनसेट पॉइंट, घने जंगल और ऊंची ऊंची लंबी हिमालय की घाटियों के मध्य स्थित है खूबसूरत प्राकृतिक क्रिस्टल पानी की झील पर्यटकों को बेहद रास आती हैं।

अगर आप औली हनीमून के लिए जा रहे हैं किसी शांत और खूबसूरत प्राकृतिक वातावरण वाली स्थान की तलाश में है तब छत्रकुंड आपके लिए बेस्ट है।

14. औली की आर्टिफिशियल झील

मुख्य रूप से औली की आर्टिफिशियल झील का निर्माण 2010 में इसलिए कराया गया क्योंकि गर्मियों के मौसम में जब औली में बर्फबारी बंद हो जाती है तो उस समय पर्यटकों के आकर्षण के लिए कृत्रिम रूप से बर्फ तैयार करने के लिए।

इसके आसपास हरे-भरे घास के मैदान और दूर दूर तक फैली हिमालय की घाटियों का परिदृश्य अत्यंत ही मनभावन लगता है।

15. औली में एडवेंचर एक्टिविटी

auli adventure

साहसिक पर्यटकों के लिए औली में सबसे अच्छा स्थान है यहां एडवेंचर लोगों के लिए बहुत कुछ है जैसे- snow बोट राइड, snow बाइक, ट्यूब राइड, रोपवे , स्कीइंग, कैंपिंग, ट्रैकिंग, स्नो राइट,

औली उत्तराखंड कैसे पहुंचे ?

अगर आप उत्तराखंड से बाहर किसी अन्य राज्य से औली घूमने के लिए आ रहे हैं तो आपको सबसे पहले देहरादून पहुंचना होगा और वहां से बस या टैक्सी के माध्यम से औली तक जा सकते हैं।

बया रेल मार्ग

औली हिल स्टेशन पहुंचने के लिए इसका सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है जिसकी दूरी 253 किलोमीटर है। ऋषिकेश से औली तक का सफर बाय बस या प्राइवेट टैक्सी के द्वारा करना पड़ता है।

बाया वायु मार्ग

औली का नजदीकी हवाई अड्डा देहरादून है जिसकी दूरी 279 किलोमीटर है और इसके आगे का सफर आपको बस के माध्यम से औली तक करना पड़ेगा।

औली में रुकने तथा खाने पीने की व्यवस्था है ?

  • होली में गढ़वाल मंडल विकास निगम के गेस्ट हाउस में बने हुए हैं जिसमें 100 से भी अधिक कमरे उपलब्ध है जिसमें आपको ₹700 से 35 हजार रुपए तक के प्रति दिन के कमरे मिल जाएंगे।
  • लेकिन अगर यहां के कमरे भर जाते हैं तो औली में थोड़ी थोड़ी दूर पर बहुत सारे होटल बने हुए हैं जिनका प्रतिदिन का किराया 1000 से 10000 के बीच होता है आप अपने बजट के हिसाब से इनका चयन कर सकते हैं।
  • तीसरा और सबसे अच्छा औली में रुकने का विकल्प औली में कैंपिंग है जिनका ₹2500 नाइट चार्ज किया जाता है और इसमें खाना पीना फ्री होता है तथा इसमें दो लोग आसानी से रुक सकते हैं.

औली घूमने में कितने दिन का समय लगता है ?

औली की सभी महत्वपूर्ण जगह जैसे कि- त्रिशूल पीक, जोशीमठ, गुरसो बुग्याल, केबल कार राइड, क्वानी बुग्याल के साथ-साथ एडवेंचर एक्टिविटी एंजॉय करने में कुल 3 दिन का समय लग जाता है।

FAQ- औली हिल स्टेशन के बारे में पूछे जाने वाले प्रश्न?

Q. औली के शीर्ष पर्यटन स्थल ?

औली के प्रमुख दर्शनीय स्थल है स्कीइंग, गुरूसों बुग्याल, त्रिशूल पीक, अली का रोपवे, नंदा देवी अभ्यारण, पॉलिटिक कैंपिंग.

Q. औली कैसे घूमे ?

औली का केवल कार सबसे लोकप्रिय घूमने का साधन है आप चाहे तो टैक्सी या फिर किराए पर स्कूटी बाइक लेकर औली हिल स्टेशन आसानी से घूम सकते हैं. परंतु यदिआप किराए पर बाइक लेकर यहां घूमते हैं तो काफी सस्ते बजट में आपकी यात्रा पूरी हो जाएगी.

Q. औली कब जाना चाहिए ?

यदि आप गर्म प्रदेशों में रहते हैं ज्यादा ठंड से बचना चाहते हैं तब आपको गर्मियों के मौसम में होली घूमने का प्लान करना चाहिए परंतु वास्तव में औली की खूबसूरती और यहां के स्नोफॉल को इंजॉय करना चाहते हैं तब आपको जनवरी से मार्च के बीच में जाना चाहिए।

Q. औली में बर्फ कब तक रहती है ?

औली सबसे ज्यादा बर्फबारी दिसंबर से फरवरी तक ही पड़ती है इसके बाद मार्च में हल्की फुल्की पर भारी पड़ती है लेकिन उसमें आप ज्यादा इंजॉय नहीं कर पाएंगे . और मार्च के बाद यहां बिल्कुल भी बर्फबारी नहीं होती.

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