तिरुपति बालाजी यात्रा की सम्पूर्ण जानकारी | Tirupati Balaji Yatra in hindi

Tirupati Balaji Yatra in hindi :तिरुपति बालाजी हिन्दू तीर्थ के सबसे प्रसिद्द धार्मिक स्थलों में से एक है जो की बद्रीनाथ महाराज भगवान् व्रिष्णु के अवतार श्री वेंकेटेश्वर जी को समर्पित है और यह आंध्रप्रदेश के चित्तूर जिले के तिरुमाला पर्वत पर स्थित है।

नमस्कार मेरे प्रिय पाठको आगे आप इस लेख में जानेगे तिरुपति बालाजी यात्रा कैसे करे? तिरुपति बालाजी के दर्शन कैसे करे ? तिरुपति कब जाना चाहिए ? तिरुपति बालाजी कैसे पहुंचे ? वहां पहुंचकर ठहरने और खाने की क्या व्यबस्था होगी ? और अंत में जानेगे तिरुपति बालाजी घूमने में कितना खर्चा आ सकता है ? और तिरुपति बालाजी मंदिर का रहस्य और कहानी क्या है ? इन सभी सबलो के जबाब आपको अंत तक मिल जायेंगे ।

Table of Contents

तिरुपति बालाजी कैसे पहुंचे ?

चलिए सबसे पहले हम जानते है आखिर तिरुपति बालाजी पहुंचने के बिकल्प और साधन कौन कौन से है जिससे आसानी से पहुंच सके –

बया ट्रैन –

यदि आप तिरुपति ट्रैन का सफर करते हुए पहुंचना चाहते है तो इसका खुद का त्रिरुपति रेलवे स्टेशन है लेकिन यहाँ ज्यादातर रेलगाड़िया नहीं रूकती तो दूसरा बिकल्प है रेणीगुंटा जंक्शन जो तिरुपति शहर से 7 किलोमीटर पहले ही पड़ता है।

दोस्तों जब आप रेलवे स्टेशन से बहार आएंगे तो वहां तिरुपति ट्रस्ट की बस तिरुमाला हर आधे घंटे में उनका आवागमन होता रहता है जिसमे बैठकर आप तिरुमला के लिए प्रस्थान कर सकते है ।

दोस्तों तिरुपति मंदिर जो है पर्वत श्रृंखला में बना हुआ है जो की तिरुपति शहर से 22 किलोमीटर की दूरी पर तिरुमाला पड़ जाता है ।

बया हवाई जहाज

अगर आप फ्लाइट से तिरुपति आना चाहते है तो यहाँ पर तिरुपति अंतरास्ट्रीय हवाई अड्डा है जो की भारत के बिभिन्न बड़े शहरो से रोजाना डायरेक्ट उड़ाने होती है ।

बया रोड –

अगर आप खुद के वाहन या शेयरिंग टैक्सी या बस से तिरुपति दर्शन के लिए प्रस्थान करना चाहते है तो उस कंडीशन में काफी शानदार हाईवे है जिससे आसानी के साथ पहुंच सकते है ।

तिरुपति में कहाँ रुके ?

दोस्तों जब आप तिरुपति पहुंच जाते है तो आपके मन में सबाल आता है की अब आखिर ठहरने की व्यबस्था कहाँ करे तो चिंता मत करे तिरमाला पहुंचकर बस से उतरते ही थोड़ी दूरी पर आपको CRO ऑफिस मिलेगा जो की तिरुपति ट्रस्ट का है वहां पर आपको काफी सस्ते रूम मिल जाते है ।

  • 3 bed  का रूम किराया मात्र 50 रूपए
  • 6 bed  का रूम मात्र 150 रूपए चार्ज किया जाता है

इसके अतिरिक्त आपको तिरुमला में कोई भी प्राइवेट होटल नहीं मिलेगा लेकिन अगर आप प्राइवेट होटल में रुकना चाहेंगे तो आपको तिरुपति शहर में बालाजी मंदिर से 22 किलोमीटर पहले ही ठहरना पड़ेगा ।

तिरुपति बालाजी यात्रा पर जाने से 90 दिन पहले ही वहां अपने लिए ठहरने की ऑनलाइन बुकिंग जरूर कर ले अन्यथा वहां पहुंचकर आपको कई घंटो लाइन में खड़े होकर सीट बुक करनी पड़ सकती है क्योंकि दर्शनार्थियों की भीड़ बहुत ज्यादा होती है ।

तिरुमला की जो ऑफिसियल ऑनलाइन वेबसाइट है https://www.tirumala.org/

तिरुपति बालाजी में खाने की क्या व्यबस्था है ?

तिरुपति बालाजी में दर्शनार्थियों को नास्ता और खाने की ट्रस्ट द्वारा उत्तम व्यबस्था उपलब्ध है जो की बहुत ही स्वादिष्ट होता है तो आप भी वहाँ जाकर वेंकेटेश्वर जी का प्रसाद ग्रहण करे ।

  • नास्ते का समय – सुबह 9 से 11
  • दोपहर का लंच – 11 से 4 बजे तक
  • शाम का भोजन – 5 बजे से रात 10 बजे तक

तिरुपति कब जाना चाहिए ?

तिरुपति बालाजी की एक झलक दर्शन पाने के लिए हर दिन लाखो शैलानी पहुंचते है लेकिन यहाँ जाने के लिए सबसे बेस्ट समय ऑक्टूबर से मार्च के बीच का होता है । क्योंकि गर्मियों के दिनों यहाँ का तापमान 43 डिग्री तक हो जाता है जिससे लाइन में काफी ज्यादा गर्मी महसूस होती है जिससे यात्रा करने में थोड़ा तकलीफ हो सकती है ।

अगर आप त्योहारों के समय बालाजी जाते है तो आपको काफी ज्यादा लम्बी लाइन लगनी पड़ सकती है ।

तिरुपति बालाजी के दर्शन कैसे करे ?

तिरुपति बालाजी के दर्शन करने के पहले यात्रियों को वही पर काउंटर से E-Pass  बनबाना पड़ता जो की बिलकुल फ्री बनाया जाता है ।

पास बनबाने के लिए आपके पास अपना एक पहचान पत्र साथ में होना अनिवार्य है जैसे वोटर id , आधार इत्यादि ।

  • दर्शन करने के पहले दर्शनार्थियों को तिरुमला पर्वत में ही मंदिर परिसर के पास स्थित पुष्करणी कुंड में स्नान करना होता है.
  • आगे इसके बाद सबसे पहले बारह्स्वामी का दर्शन करना होता है इनके बाद ही बालाजी स्वामी जी के दर्शन करने का प्रावधान है .
  • इसके बाद आप जय गोविंदा का नारा लगाते हुए वेंकेटेश्वर स्वामी के दर्शन के लिए लाइन में लग जाईये और दर्शन मिलने का समय जो होता है वो लगभग २४ घंटे लाइन में लग सकते है ।
  • यदि आप किसी त्यौहार जैसे दीवाली ,दशहरा के समय जाते है तो दर्शन के लिए लाइन 2 दिन भी लगनी पड़ जाती है ।

लाइन में ही ट्रस्ट की तरफ से हर समय नास्ता और पानी की व्यबस्था की जाती है इसके साथ ही आराम करने के लिए जगह जगह पर stairs बने हुए है जहाँ पर आप बिश्राम भी कर सकते है ।

अगर आप इतनी लम्बी लाइन से बचना चाहते है तो बालाजी यात्रा के 90 दिन पहले ही ऑनलाइन पास बुक करके जाये।

तिरुपति बालाजी मंदिर की कहानी ?

तिरुपति बालाजी मंदिर का अस्तित्व आज से लाखो बर्ष पूर्ब का है पौराणिक कथा के अनुसार एक बार माता लष्मी भगवान व्रिष्णु से नाराज होकर बैकुंठ धाम छोड़कर चली गयी ।

माता लक्ष्मी की नाराजगी की बजह होती है महर्षि भृगु ने प्रभु वृष्णु को निद्रा में बैकुंठधाम में अपने पैरो से मार दिए थे तब इससे माता को बहुत दुःख होता है क्योंकि ऋषिमुनि को श्रॉफ देने के बजाय भगवान् माफ़ कर देते है जिससे वो नाराज हो जाती है ।

तब भगवान् व्रिष्णु माता लक्ष्मी को ढूढ़ने लगते है कई दिनों तक ढूढ़ने के बाद उन्हें पता लगता है की लक्ष्मी जी एक कन्या के रूप में पृथ्वी लोक में जन्म ले चुकी है जिसका नाम था पद्मावती ।

इसके बाद प्रभु स्वयं पृथ्वी में जन्म लेने का निर्णय लेते है जो श्री वेंकेटेश्वर महाराज के रूप में उनका जन्म होता है ।

फिर वेंकेटेश्वर जी लष्मी जी से शादी का प्रस्ताव रखते है और माता इस प्रस्ताव को ख़ुशी पूर्वक स्वीकार कर लेती है लेकिन इसके बाद भगवान को विवाह के लिए धन की जरुरत पड़ती है ।

तब वेंकेटेश्वर महाराज पूरे लोको के सभी प्राणियों और देवताओ से धन उधार लेते है । तभी से ऐसी मान्यता है की जो भी प्राणी तिरुपति बालाजी जाता है अपने हिस्से के कुछ धन वहां जरूर चढ़ाकर आता है ऐसा करने से उसके पास कभी भी पैसे या किसी भी चीज बस्तु की कमी नहीं होती इसीलिए तिरुपति बालाजी हर मानव को एक बार जरूर जाना चाहिए ।

तिरुपति बालाजी में बाल दान क्यों किया जाता है ?

तिरुपति में केश दान की बहुत पूरानी परंपरा है इसका अर्थ है की बालो के साथ अपने अहंकार , घमंड और बुराई को त्याग कर देना इसीलिए हजारो लोग रोजाना यहाँ अपने बाल दान करते है ।

तिरुपति बालाजी मंदिर का रहस्य क्या है ?

बालाजी मंदिर कब बना और अस्तित्व में कैसे आया इसके बारे में कोई पुख्ता जानकारी कही भी नहीं लेकिन प्राचीन रिकॉर्ड के मुताबिक यह 5 वी शताब्दी में इसका निर्माण कराया गया था ।

  • अगर हम तिरुपति मंदिर के रहस्य के बारे में बात करे तो इसके भीतर विराजमान मूर्ति यहाँ स्वयं प्रकट हुयी थी जिसके सर पर असली रेशमी बाल है और मुख पर चोट के गहरे निशान जहाँ औषधि के रूप में प्रतिदिन चन्दन लगाया जाता है ।
  • तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रवेश द्वारा पर एक जादुई छड़ी रखी हुयी है जो हजारो बर्षो से उसी तरह चमक रही है इस छड़ी के बारे में कहा जाता है की भगवान् जब माता लक्ष्मी को ढूढ़ते हुए धरती में आये थे तो ये जादुई छड़ी उन्हें माता का पता बता रही थी .
  • बालाजी मंदिर में किसी भी प्रकार की आधुनिक लाइट प्रकाश का उपयोग नहीं किया जाता यहाँ हमेशा दीपक जलाकर उजाला किया जाता है .
  • मंदिर की प्रतिमा के पास ध्यान से सुना जाये तो समंदर की लहरों की आवाज सुनाई पड़ती है इसके बारे में पौराणिक महत्त्व है की ये आवाज बैकुंठ धाम से आती है .
  • बालाजी की मूर्ती में हर गुरूवार को चन्दन का लेप लगाने की प्रथा है और जब चन्दन को हटाया जाता है तो उनके ह्रदय में माता लक्ष्मी की छवि उभर आती है इसे वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा पाए है .
  • मंदिर के गर्वगृह में एक दीपक हजारो बर्ष से उसी तरह उज्ज्वलित है जबकि उसमे कभी भी तेल या घी नहीं डाला जाता है .
  • वेंकेटेश्वर बालाजी को नीचे धोती और ऊपर साडी में सजाया जाता है ऐसा कहा जाता है की बालाजी में ही माता लक्ष्मी जी का रूप विराजमान है इसीलिए उन्हें स्त्री और पुरुष दोनों के कपड़ो से सजाया जाता है .

तिरुपति में घूमने की जगह

जब भी बालाजी घूमने के लिए जाये तो वहां के आस पास की महत्वपूर्ण जगहों को जरूर घूमे जो इस प्रकार है –

1. पुष्करणी तीर्थ

तिरुमाला की चोटी में ही स्थित पुष्करणी कुंड में ही स्नान करने के बाद बालाजी स्वामी के दर्शन करने की प्रथा है जिसे पुष्करणी तीर्थ भी कहा जाता है । पौराणिक कथा के अनुसार इसी कुंड में भगवान् व्रिष्णु जी ने सर्व्रथम पृथ्वी लोक में स्नान किया था ।

2. बराहस्वामी

बारह्स्वामी के बारे में ऐसी मान्यता है भगवान् वेंकेटेश्वर महाराज जी के दर्शन से पहले इनके दर्शन करना अनिवार्य है । यहाँ सच्चे मन से भक्तो द्वारा मांगी गयी सभी मुरादें पूरी होती है और मनमांगी इक्षा पूर्ण होने पर बाल दान करने के लिए दर्शनार्थी पुनः से तिरुपति बालाजी आते है ।

3. तालकोना झरना

82 मीटर की ऊंचाई से गिरने बाला यह झरना देश के सबसे ऊँचे झरनो में से एक माना जाता है ऊपर से गिरता हुआ झरने का पानी जड़ीबूटियों और औषधियों से समृद्ध है इसीलिए जब पर्यटकों के मांथे में छोटी छोटी बूंदो के रूप में गिरता है तो उनके स्किन रोगो को दूर कर देता है ये झरना वेंकेटेश्वर नेशनल पार्क के भीतर स्थित है ।

4. श्री हनुमान मंदिर

ये मंदिर भगवान बालाजी मंदिर के समीप ही स्थित है इसके बारे में पौराणिक महत्त्व मिलता है जिसके बारे में कहा जाता है की त्रेता युग में भगवान राम , माता सीता और लक्षमण जी यहाँ कुछ समय के लिए विश्राम लिए थे ।

5. गोविंदराज स्वामी मंदिर

तिरुपति में बालाजी के बाद दूसरा सबसे बड़ा मंदिर गोविंदराज मंदिर है यहाँ लाखो शैलानी हर साल इस मकसद से आते है की उनका धन बढे और कुशलता से धन को प्रबंधन करने में मदत मिले ।

6. पदमावती अम्बावरी मंदिर

तिरुपति तीर्थ स्थल में स्थित पद्मावती टेम्पल भगवान वेंकटेवर की पत्नी यानि माता लक्ष्मी का अवतार जिनके लिए स्वयं व्रिष्णु जी से पृथ्वी लोक में अवतरित हुए थे । तीर्थ यात्रियों को तिरुमला जाने से पहले माँ पद्मावती का आशीर्वाद लेना जरूरी होता है ।

7. श्री वेंकेटेश्वर नेशनल पार्क

लगभग साढ़े 5 हजार एकड़ में फैला विशाल इस जंगल में बिभिन्न प्रकार के जंगली जानवर और पक्षियों के समूहों को देख सकते है । आहार आप जानवरो और जीव जंतुओं से प्यार करते है तो एक बार इस नेशनल पार्क में अवश्य जाये ।

8. कपिलेश्वर स्वामी मंदिर

प्रकृति के सौंदर्य वातावरण के बीच स्थित यह मंदिर तिरुपति का एक मात्र शिव मंदिर है जो तिरुमला के 108 पवित्र सिद्धांतो में से एक है यही पर कपिल ऋषि ने तपस्या किये थे ।

9. सिलाथोरनाम

यह एक विशालकाय चट्टान है जो की दुनिया के 3 प्राकृतिक रॉक में से एक है इन्हे दूर से देखने पर नाग और संख के जैसे प्रतीत होती है । इसके बारे में ऐसा माना जाता है की तिरुमाला में भगवान वेंकेटेश्वर के मूर्ती का स्रोत है ।

वैज्ञानिक रिसर्च के मुताविक ये चट्टानें लगभग 150 करोड़ बर्ष पुरानी बताई जाती है ।

10. परशुरामेस्वरम टेम्पल

तिरुपति बालाजी से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस मंदिर का महत्त्व इसलिए है की यही पर सबसे पहले लिंगम की खोज की गयी थी ।

बालाजी की यात्रा में कितने दिन लगते है ?

दोस्तों बालाजी में दर्शनार्थियों की कभी कभी भीड़ ज्यादा होने के बजह से यहाँ दर्शन के लिए लाइन में 36 घंटे भी लग जाते है इसीलिए कम से कम 3 दिन का समय निकाल कर ही बालाजी की यात्रा पर जाये ।

बालाजी घूमने का खर्च

तिरुपति बालाजी घूमने का कुल खर्च आपके तिरुपति तक पहुंचने के टिकट और होटल के खर्च को काट दिया जाये तो आप यहाँ पर आसानी से 2500 रूपए में दर्शन कर सकते है । लेकिन ये आपके ऊपर निर्भर करता है की कितना कुल खर्च करना चाहते है और कितना बचा रहे है ।

निष्कर्ष –

दोस्तों इस लेख के माद्यम से आपने तिरुपति बालाजी की यात्रा के बारे में जाना जिसमे बालाजी यात्रा से सम्बंधित सभी जानकारियों को हमने अपनी रिसर्च के द्वारा बताया है । अगर आपको तिरुपति बालाजी यात्रा की जानकारी अच्छी लगी तो अपने दोस्तों के साथ जरूर साझा करे ।

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