मैहर मंदिर, माँ शारदा देवी धाम सम्पूर्ण यात्रा

हिन्दू धार्मिक पवित्र नगरी मैहर मंदिर मध्यप्रदेश के सतना जिला में स्थित भारत का एक मात्र माता शारदा देवी का यह मंदिर बिंध्य क्षेत्र में  600 फिट ऊँचे त्रिकूट पर्वत में बसा हुआ है ।

नैसर्गिक रूप से समृद्ध त्रिकूट पर्वतो की श्रृंखलाओं में तथा तमसा नदी के किनारे प्रकृति की गोंद में समाये हुआ है  मैहर का स्थान श्रद्धालुओं के लिए सबसे पवित्र जगहों में दिया गया है ।

आदि शक्ति दुगा देवी के बिभिन्न रूपों में माँ शारदा देवी  भी है । इस मंदिर में देवी माता के दर्शन के लिए हर मौसम में भक्तो ली लम्बी लम्बी लाइन लगी रहती है मंदिर तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को 1065  सीढिया ऊपर चढ़कर जाना होता है।

तब माता शारदा का दर्शन प्राप्त होता है । ये स्थान शहर से 5 किलोमीटर की दूरी पर है । मैहर नगरी में नवरात्री के समय सबसे ज्यादा भक्त दर्शन के लिए पहुंचते है ।

यह भी पढ़े : चित्रकूट धाम – जहा कण कण में राम का वास है

मैहर का इतिहास

मैहर मंदिर:- – हिन्दू पौराणिक तथ्यों के अनुसार भगवान शिव के तांडव करते वक्त माता सती के शव के अंग और आभूषण जिस -जिस स्थान में गिरा था उन सभी में से एक शक्ति पीठ है मैहर धाम

मैहर का मतलब (माई का हार ) जिसकी बजह से इस जगह का नाम मैहर पड़ा। मैहर देवी शारदा 108 शक्ति पीठो में से एक है ।

कहा  जाता है की प्राचीन काल में मैहर मंदिर की खोज आल्हा और उदल नाम के दो योद्धाओं ने किया था । जो सगे भाई थे

जंगलो के बीच खोज करने के बाद से दोनों ने 12 बर्षो की अटूट तपश्या किये थे तब देवी इनके ऊपर प्रसन्न होकर अपने दैवीय रूप में  दर्शन दिए थे।

और साथ में उन्हें अमर होने का बरदान दिया । तब से ऐसी मान्यता है  की आल्हा और उदल अमर हो गए ।

मंदिर खुलने से पहले हो जाता है माँ शारदा का श्रृंगार :-

अमर का वरदान पा चुके आल्हा आज भी रात में 12 बजे के बाद देवी के पूजा अर्चना के लिए ये योद्धा अदृश्य रूप में यहाँ  शारदा देवी मंदिर में आते है उस वक़्त मंदिर के दरबाजे बंद रहते है ।

कई बार मैहर धाम में अदृस्य घटनाये हो चुकी है जो बिलकुल अद्भुत था मैहर देवी के दरवार बंद होने के बाद जब पुजारी ने सुबह दरवाजा खोला तो उसे माता के श्रृंगार और साथ में  पुष्प अर्पण किये हुए मिले ।

कहते है की हर सुबह मंदिर खुलने के पहले ही माँ शारदा देवी के श्रृंगार अपने आप ही हो जाते है । और यह मैहर मंदिर का चमत्कार बिलकुल सत्य है ।

आल्हा ऊदल कौन थे ?

बनाफर बंश के  चंद्रबंशी क्षत्रीय समुदाय में जन्मे आल्हा और उदल 12 वी ईशवी में बहुत बड़े योद्धा हुआ करते थे इनकी वीरता की गाथा पूरे भारत में विख्यात  है इन्होने अपने पिता के साथ हुए अन्याय और पिता की मृत्यु का बदला लेने के लिए   52 युद्ध में विजय प्राप्त किये थे

इतिहास में इन्होने ने पृथ्वीराज चौहान के साथ भी  बहुत भीषण  युधः हुआ था  और उस युधः में इनकी विजय हुयी यही वो आल्हा और ऊदल मैहर की माता शारदा देवी के सेवक थे ।

तब से लेकर आज तक ये दोनों भाई अदृश्य रूप में मैहर धाम  मंदिर में हर रोज सबसे पहले दर्शन के लिए जाते है  उसके बाद भक्तो के लिए मंदिर को सुबह 4 बजे खोला जाता है ।

मैहर में कितनी सीढ़ी है?

मैहर में कुल 1065 सीढिया है जो क्रमशः 4 भागो में सीढिया बिभाजित है :-

  1. पहला भाग :- नीचे से सीढ़ियों के  पहले खंड में 485 सीढ़ी चढ़ना पड़ता है जिसे यात्री बड़े आसानी  से चढ़ पाते है
  2. दूसरा भाग :-  232 सीढिया इस खंड में यात्रियों के लिए आराम करने की उत्तम व्यबस्था है ।
  3. तीसरा भाग  :-  इस भाग में 152 सीढिया पड़ती है
  4. चौथा भाग :-  अंतिम भाग में 196 सीढिया  इस भाग को चढ़ने में  थोड़ा ज्यादा थकान महसूस होती है क्योकि ये पहाड़ के अंतिम चोटी तक  बिलकुल खड़ी सीढिया है।

इतनी सीढिया चढ़ने के बाद भी श्रद्धालुओं को जरा भी थकान महसूस नहीं होती क्योकि वो देवी दर्शन के लिए लीन  होते है ।

1 घंटे सीढ़ियों की चढ़ाई में  यदि यात्री थक जाये तो  सीढ़ियों के किनारे यात्रियों को आराम करने के लिए जगह- जगह पर बैठने की  सुबिधाये है।

दर्शनार्थियों को धूप  और बारिश से  बचने के लिए मैहर की सीढ़ियों के ऊपर छत भी बनाया गया है ।

मैहर जाने का सबसे अच्छा समय कौन है ?

जैसा की आपको अब पता चल गया होगा की मैहर धाम हिन्दू धर्म की पावन पवित्र  नगरी है जहा लाखो श्रद्धालु  दर्शन के लिए सम्पूर्ण भारत से

अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए शारदा देवी के दर्शन के लिए आते है । वैसे तो मैहर किसी भी मौसम में जा सकते है क्योकि यह एक धार्मिक स्थान है

लेकिन यहाँ पर सबसे ज्यादा लोग ऑक्टूबर में नवरात्री के समय देवी दर्शन के लिए यहाँ आते है इसीलिए ये समय मैहर जाने का सबसे उपयुक्त माना जाता है ।

हर दिन माता शारदा के दर्शन के लिए देश भर से लोग भारी तादात में यहाँ आते रहते है लेकिन दुर्गा पूजा के पर्व के टाइम मैहर में अपनी मनोकामएं लेकर दर्शनार्थी श्रद्धा भाव के साथ पूरी निष्ठा से मैहर आते है ।

नवरात्री के समय 3 किलोमीटर की लम्बी लाइन लगकर देवी दर्शन के लिए पहुंचते है.

मैहर मंदिर खुलने का समय

देवी शारदा माता मंदिर मैहर खुलने का समय सुबह 5 बजे से लेकर शाम 8 बजे तक सप्ताह के सभी दिन यह अद्भुत मंदिर श्रद्धालुओं के लिए दर्शन हेतु खुला रहता है ।

मैहर शारदा देवी मंदिर मंदिर तक कैसे पहुंचे ?

maihar ropway
maihar ropway
  • सीढ़ियों के माध्यम से :-  मंदिर तक पहुंचने के लिए दर्शनार्थियों को 1065 सीढिया चढ़कर मंदिर पहुंचना पड़ता  है तभी देवी शारदा के दर्शन प्राप्त होते है ।
  • बया रोड :-  मैहर मंदिर तक पहुंचने के लिए पहाड़ में बया रोड के माध्यम से भी आधी दूरी तय कर सकते है लेकिन इसके ऊपर का रास्ता जटिल होने कीबजह से आगे रोड ख़त्म हो जाती है फिर वहा  से आपको मंदिर तक सीढ़ियों के द्वारा ही जाना होगा ।
  • रोपवे की सवारी:- इसकी सबारी  कर ऊपर शारदा देवी मंदिर तक बड़े आसानी से पहुंच सकते है । रोपवे में बैठ कर पहाड़ो की खूबसूरती का लुप्त उठा सकते है । और साथ में जल्दी से पहुंच जायेंगे ।

मैहर मंदिर रोपवे का समय :-  रोपवे से सफर करने बाले यात्रियों के लिए रोपवे  सुबिधा सुबह 7 बजे से  शाम 7 बजे तक लगातार चालू रहती है ।

मैहर के आस पास घूमने की जगह

मैहर धाम में मंदिर के अलाबा और भी अन्य  दार्शनिक स्थान है जिनमे से :-

आल्हा उदल अखाडा :-

जो माँ शारदा देवी के अनन्य भक्त थे इसी बजह से मैहर आने बाले श्रद्धालु यहाँ जरूर जाते है

  • इस अखाड़े के पास में ही एक सरोवर यानि (तालाब)  है जिसका  पानी सभी मौसम में एक सामान रहता है ।
  • लेकिन अब आधुनिक युग में यह स्थान मंदिर में तब्दील हो चूका है ।
  • ऐसी मान्यता है की इस सरोवर में आल्हा और उदल स्नान करके रात्रि में माँ शारदा देवी के दर्शन के लिए जाते है ।
  • माहिर मंदिर से 2 किलोमीटर की दूर स्थित ये  यह मंदिर  आल्हा और उदल को समर्पित है इस जगह की मान्यता है की ये दोनों योद्धा यहाँ पर युद्ध का अभ्यास किया करते थे।

पन्नी खोह जलप्रपात

मैहर धाम से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह झरना काफी ज्यादा खूबसूरत है यदि आप इस झरने को घूमने जाते है तो यकीन मानिये दोस्तों यहाँ की प्राकृतिक खूबसूरती आपका दिल जीत लेगी ।

पहाड़ के ऊपर से गिरती हुए झिलमिल जलधारा और ठंडी हवाओं के साथ उड़ती हुयी बूंदे यहाँ आने बाले पर्यटकों को सुकून भर अनुभव देती है ।

बड़ा अखाडा मंदिर मैहर

मैहर में घूमने की जगहों में से एक प्रमुख पर्यटन स्थल बड़ा अखाडा जहा विशालकाय मंदिर के शिखर पर विराजमान शिव और टेम्पल के गर्व गृह में 108 शिवलिंग विराजित किये गए ।

इस मंडी रमे भी श्रद्धालु शिव दर्शन के लिए आते है ।

इक्षा पूर्ति मंदिर मैहर

मंदिरो का शहर मैहर धाम में एक और प्रमुख पर्यटन स्थल माता दुर्गा को समर्पित इस टेम्पल की नक्काशीदार बनावट और चारो तरफ प्राकृतिक हरियाली के सुंदरता का यह एक नमूना है ।

शाम की लाइट के धुंधली रौशनी में मंदिर की खूबसूरती और भी बढ़ जाती है । इनके अलाबा मैहर देवी धाम में और भी पर्यटक स्थल है जिनमे से –

  • गोल मैथ मंदिर मैहर
  • नीलकंठ मंदिर
  • बड़ी खेरमाई मंदिर

ऊपर दिए गए सभी स्थान मैहर धाम से लगभग 15 किलोमीटर के भीतर पड़ते है जब आप मैहर जाये और आपके समय extra हो तो इन सभी प्लेस को विजिट कर सकते है ।

मैहर कैसे पहुंचे ?

मैहर तक पहुंचने के लिए 3 प्रमुख यातायात सुबिधाये उपलब्ध है ट्रैन , बस , हवाई जहाज

बया ट्रैन -मुंबई  प्रयागराज रेलवे लाइन पर मैहर रेलवे स्टेशन और मैहर जो भारत के लगभग सभी बड़े शहरों से पूरी तरह से जुड़ा हुआ है जैसे – दिल्ली , मुंबई , चेन्नई , बंगलोरे , कोकाटे , हैदराबाद आदि इ

रेलवे स्टेशन से मंदिर मैहर मंदिर की दूरी 5 किलोमीटर है । यह  स्टेशन पश्चिम मध्य रेल के अंदर आता है इसके निकटम रेलवे जंक्शन सतना पड़ता है जो भारत के सभी बड़े शहरो से रेलमार्ग से जुड़ा हुआ है

 हबाई यात्रा – यदि आप हबाई यात्रा  कर के मैहर पहुंचना चाहते है तो यहाँ कोई एयरपोर्ट नहीं लेकिन  इसके सबसे नजदीक खजुराहो एयरपोर्ट है जो मैहर से 106 किलोमीटर की दूरी पर है। जबलपुर एयरपोर्ट यहाँ से 145 किलोमीटर दूर है ।

रोड –  माता शारदा देवी मंदिर मैहर नेशनल हाईवे फैसिलिटी यहाँ की सभी जगह की कनेक्टिविटी से जुड़ा हुआ है । यह नेशनल हाइवे 7 पर पड़ता है ।

FAQ Related maihar mandir

मैहर माता के मंदिर में मां दुर्गा का कौन सा रूप है?

माँ शारदा देवी आदि शक्ति दुर्गा देवी के बिभिन्न रूपों में से एक है जो मध्यप्रदेश के सतना जिला में मैहर के त्रिकूट पर्वत के सिखर में विराजमान .जितना महत्व उत्तरप्रदेश में विंध्यवासिनी का है उतना ही महत्त्व mp में शारदा देवी का है ।

मैहर की सीढ़ी कितनी है?

मैहर में कुल 1065 सीढिया है जो क्रमशः 4 भागो में सीढिया बिभाजित है :-
1.पहला भाग :- नीचे से सीढ़ियों के पहले खंड में 485 सीढ़ी चढ़ना पड़ता है जिसे यात्री बड़े आसानी  से चढ़ पाते है
2.दूसरा भाग :-  232 सीढिया इस खंड में यात्रियों के लिए आराम करने की उत्तम व्यबस्था है ।
3.तीसरा भाग  :-  इस भाग में 152 सीढिया पड़ती है
4.चौथा भाग :-  अंतिम भाग में 196 सीढिया  इस भाग को चढ़ने में  थोड़ा ज्यादा थकान महसूस होती है क्योकि ये पहाड़ के अंतिम चोटी तक  बिलकुल खड़ी सीढिया है।

ये भी पढ़े :-

रीवा में घूमने की फेमस जगह । Rewa me ghumne ki jagah

15+सतना में घूमने की जगह । Satna tourist place in hindi

अयोध्या में घूमने की जगह । अयोध्या के प्रसिद्ध मंदिर

खजुराहो की कामुक मूर्तियों का रहस्य

4 thoughts on “मैहर मंदिर, माँ शारदा देवी धाम सम्पूर्ण यात्रा”

  1. Really this is very useful thankyou so much for this is knowledgeable information 🙏This information is very helpful to me in preparing my practical😊

    Reply
  2. Deepak Chaudhary, बिहार पूर्वी चंपारण जिला से हूं,मैं भी एक बार मां शारदे का दर्शन करना चाहता हूं।
    🚩जय माता दी 🚩

    Reply

Leave a Comment