sahastradhara maheshwar – मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के अंतर्गत सहस्त्रधारा महेश्वर में नर्मदा नदी पर बनने वाला यह जलप्रपात कुदरती खूबसूरती की बेजोड़ अद्भुत नमूना है। प्रकृति के सानिध्य वातावरण में जब आप सादगी भरे भाव से देखेंगे तो कल-कल करती नर्मदा की जल धाराएं आपकी यात्रा को रोमांच से भर देगा।
यह तो सच है की आप जलप्रपात देखे होंगे, नदियां देखा होगा, और कई झरने भी देखे होंगे लेकिन क्या आपने कभी प्रकृति का ऐसा सुंदर दृश्य देखा है जहां सैकड़ों हिस्से में पानी की धाराएं बह रही हो अगर नहीं तो आपको निश्चित रूप से एक बार महेश्वर का सहस्त्रधारा घूमने अवश्य जाना चाहिए।
घूमने फिरने के शौकीन लोगों का पसंदीदा स्थान है महेश्वर का यह झरना आसपास के बड़े शहरों से अपनी पिकनिक को इंजॉय करने के लिए परिवार तथा दोस्तों के साथ भारी संख्या में पर्यटक यहां आते हैं।
अपने सहस्त्रधारा टूर को और भी एडवेंचर बनाने के लिए मेरा सुझाव है कि आप महेश्वर के नर्मदा घाट से 3 किलोमीटर की नाव की सवारी करते हुए जाइए जो आपकी यात्रा को और भी रोमांचक और यादगार बना देगा।
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सहस्त्रधारा महेश्वर घूमने का सबसे अच्छा समय
महेश्वर के सहस्त्रधारा घूमने के लिए आप चाहे किसी भी मौसम में जाएं यहां हर मौसम में पानी पर्याप्त मात्रा में होता है। वास्तव में अगर आप ग्रीष्म ऋतु में यहां घूमने जाते हैं तब आप को गर्मी से थोड़ा राहत जरूर मिलेगी।
वैसे महेश्वर का सहस्त्रधारा घूमने के लिए सबसे बेस्ट समय अक्टूबर से लेकर अप्रैल तक होता है क्योंकि इस मौसम में पानी बहुत ज्यादा बहता रहता है।
महेश्वर के सहस्त्रधारा कैसे पहुंचे ?
- अगर आप महेश्वर से नहीं है किसी अन्य शहर से यहां घूमने के लिए आ रहे हैं तो इसका नजदीकी रेलवे स्टेशन तथा एयरपोर्ट इंदौर है जो कि 96 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- इंदौर से आपको महेश्वर जाने के लिए प्रतिदिन बस तथा प्राइवेट टैक्सी महेश्वर नगर तक के लिए मिल जाएगी।
- महेश्वर बस स्टैंड से सहस्त्रधारा 5 किलोमीटर है जो कि ऑटो टैक्सी के द्वारा तय करना पड़ेगा यह रास्ते बेहद खराब है लेकिन जब आप सहस्त्रधारा के करीब पहुंचेंगे और नर्मदा की घाटियों के चट्टानों पर बैठकर इसका मनोरम दृश्य देखेंगे तो खराब रास्ते की परेशानी को कुछ ही पलों में भूल जाएंगे।
सहस्त्रधारा जाने से पहले ध्यान देने योग्य बातें
- खरगोन के इस खूबसूरत पर्यटन स्थल को जब आप घूमने के लिए जाएं तो अपने साथ 1 जोड़ी कपड़ा जरूर लेकर जाए हो सकता है कि आपका भी मन मचल जाए और आप यहां स्नान करने की सोचे ।
- यदि आपसे तैरना नहीं आता तो आप पानी में बिल्कुल भी जाने की कोशिश ना करें नदी के तट पर बैठकर परिदृश्य को देखें।
- जब आप यहां घूमने के लिए जाएं तो अपने साथ खाने पीने की चीजें जरूर रखें क्योंकि आसपास मार्केट नहीं है।
नर्मदा में सहस्त्रधारा जलप्रपात कैसे बना (कहानी) ?
मान्यताओं के अनुसार नर्मदा स्थित सहस्त्रधारा जलप्रपात का नाम हिंदू देवता सहस्त्रबाहु के नाम पर पड़ा है। इन्होंने नदी के तट पर बैठकर घोर तपस्या की तब जाकर उनके गुरु दत्तात्रेय प्रसन्न हुए और उन्होंने वरदान मांगने के लिए कहा।
तब सहस्त्रार्जुन ने वरदान में हजार भुजाओं वाला शरीर मांगा और तभी से वह बहुत बलशाली हो गया और सहस्त्रबाहु के नाम से जाना जाने लगा ।
एक बार सहस्त्रबाहु अपनी पत्नी के साथ नर्मदा के इसी घाट पर स्नान कर रहे थे तभी उनके मन में विचार आया कि क्यों ना नदी के पानी को अपने पराक्रमी भुजाओं से रोका जाए और उन्होंने ऐसा ही किया तब मां नर्मदा की जलधाराएं तेज होने के कारण हजार अलग-अलग धाराओं में बट गई।
सहस्त्रधारा महेश्वर के आसपास घूमने की जगह
महेश्वर के इस खुशनुमा झरने के आसपास कई और बेहतरीन महेश्वर पर्यटन स्थल मौजूद है जहां आपअपने सहस्त्रधारा यात्रा के दौरान भ्रमण करने अवश्य जाएं-
1. अहिल्याबाई किला
रानी देवी अहिल्याबाई के द्वारा मराठा आर्किटेक्चर में बनवाया गया यह किला बहुत ही शानदार है इसके सुंदरता के कारण यहां कई फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है।
किले के दुर्ग में कई मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है क्योंकि रानी अहिल्याबाई भगवान शिव की बहुत बड़ी उपासक थी।
2. नर्मदा घाट महेश्वर
नर्मदा नदी पर बना यह बहुत ही सुंदर घाट है यहां पर आप चाहे तो स्विमिंग और वोटिंग का लुफ्त उठा सकते हैं।
नदी के बीचो-बीच बना बनेश्वर मंदिर जहां आप नाव के द्वारा पहुंच पाएंगे और यह पर्यटकों के लिए एक अलग ही अनुभव का एहसास कराता है।
3. अहिल्याबाई मंदिर
महेश्वर की रानी अहिल्या भगवान शिव की बहुत बड़ी भक्त थी और प्रतिदिन अपने प्रजा के सुख शांति के लिए पूजा अर्चना किया करते थे उस दौर के सभी मंदिर आज भी यहां पर मौजूद है।
यहां की खास बात है प्रतिदिन सवा लाख शिव लिंग बनाए जाते हैं जो भारत के अलग-अलग तीर्थ स्थानों में भेजा जाता है और वहां से आए हुए भक्तों खरीद कर अपने घर ले जाते हैं।
4. स्वर्ण झूला (देव पूजा)
यह जगह महेश्वर किला के भीतर आज भी वैसे कि वैसा ही मौजूद है और यहां रानी पूजा करने के लिए आया करती थी उनके इस देव पूजा में कई रहस्यमई चीजें मौजूद हैं जैसे कि सोने का झूला और भी कई चीजें आप यहां देख सकते हैं।
इसी पूजा घर के पास उनका विश्राम कक्ष था जो आप के समय में होटल में तब्दील कर दिया गया और यहां केवल VIP लोगों को ठहरने की व्यवस्था है।
5. रेवा सोसाइटी
सहस्त्रधारा से 5 किलोमीटर दूर महेश्वर किला के पास अहिल्याबाई ने एक रीवा सोसाइटी बनवाई थी जहां पर उन्होंने महेश्वरी साड़ी की मैन्युफैक्चरिंग कंपनी शुरू करवाई थी।
आज भी यहां की साड़ियां विश्व प्रसिद्ध है जो भारत के विभिन्न राज्यों में निर्यात की जाती है और महिलाओं के द्वारा काफी पसंद की जाती हैं।
यदि आप परिवार के साथ सहस्त्रधारा भ्रमण करने जा रहे हैं तो महेश्वर के इस प्राचीन फैक्ट्री से अपने चाहने वालों के लिए साड़ियां खरीद कर जरूर ले जाए।
6. मांडव हिल स्टेशन
महेश्वर के 1 दिन के टूर के दरमियान मांडू टूरिस्ट प्लेस को भी कवर कर सकते हैं यह जगह महेश्वर से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है ।
यहां बादलों से ढके हुए पहाड़ और घाटियां के मध्य स्थित मांडू का किला जहां रानी रूपमती और बाज बहादुर खान के अमर प्रेम कहानी की गूंज सुनाई देगी।
7. राजराजेश्वर मंदिर
यह बहुत ही प्राचीन मंदिर है जहां सैकड़ों बरसों से 11 अखंड ज्योति जल रहे हैं महेश्वर दुर्ग के भीतर इन सभी स्थानों को विजिट करने के बाद आप नर्मदा घाट के पास में ही राज राजेश्वर मंदिर में दर्शन करने के लिए अवश्य जाएं। यहां आपको आध्यात्मिक रूप से एक अलग ही सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होगी।
FAQ- शहद धारा के बारे में पूछे जाने वाले प्रश्न ?
Q. सहस्त्रधारा कहां है ?
सहस्त्रधारा भारत में दो स्थानों पर है पहला उत्तराखंड के देहरादून में और दूसरा मध्य-प्रदेश के महेश्वर में ।
Q. सहस्त्रधारा का अर्थ ?
जहां दो या दो से अधिक (सैकड़ों) पानी की जलधाराएं बहते हैं उसे सहस्त्रधारा के नाम से जाना जाता है।
आशा करता हूं सहस्त्रधारा महेश्वर यात्रा का संपूर्ण विवरण आपको मिल गया होगा
अगर आपका कोई सुझाव या सवाल हो तो नीचे कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं
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