उत्तराखंड का जिला उधम सिंह नगर का मुख्यालय रुद्रपुर में घूमने की जगह में कई महत्वपूर्ण स्थान है जो स्थानीय और बाहर से आने बाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है ।
सदियों से उत्तराखंड बड़े बड़े ऋषिमुनियों , देवताओ और पर्यटकों का पसंदीदा स्थान रहा है चाहे वो तीर्थ यात्रा हो या फिर खूबसूरत प्रकृति की वादियां जो देश विदेश से शैलानियों को अपनी तरफ आकर्षित करता है ।
जो भो विदेशी पर्यटक भारत घूमने आता है उनमे से हर व्यक्ति उत्तराखंड की इन बेहतरीन टूरिस्ट प्लेस में एक बार जरूर खींचा चला जाता है और उन्ही स्थानो में से एक रुद्रपुर है जो मंदिरो ,ऐतिहासिक धरोहरों और औद्योगिक केंद्र के लिए प्रसिद्द है ।
दोस्तों आज के इस लेख में हम बात करने बाले है रुद्रपुर में घूमने की जगह और पर्यटन स्थल के बारे में और साथ में जानेगे रुद्रपुर घूमने कब जाये , कैसे पहुंचे , और रुद्रपुर में क्या प्रसिद्द है , रुद्रपुर कैसे घूमे इन सभी सबालो के जबाब आपको इस लेख में मिल जायेगा इसीलिए आपसे अनुरोध है की लेख को पूरा पढ़े ।
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रुद्रपुर में घूमने की जगह
अगर हम बात करे रुद्रपुर पर्यटन स्थल की तो आप यहाँ से हल्द्वानी और नैनीताल घूम सकते है क्योंकि इनके दूरी क्रमशः 35 और 65 किलोमीटर है ।
चलिए आज हम बात करते है उत्तराखंड के कुमायु क्षेत्र में स्थित रुद्रपुर के पर्यटन स्थल के बारे में जो स्थानीय लोगो की पसंदीदा टूरिस्ट प्लेस है।
1. गुलरभोज डैम
रुद्रपुर में स्थित गूलरभोज डैम भाकड़ा नदी में बनाया गया इसका निर्माण 1966 से 1975 के बीच में किया जो 1975 में बनकर तैयार हो गया पहाड़ी क्षेत्र में बनने बाला यह डैम की खासियत है की यह टूरिस्टों के लिए काफी रोमांटिक प्लेस है ।
दोस्तों के साथ कुछ समय व्यतीत करने के लिए यहाँ एक बार जरूर विजिट करे और साथ डैम में होने बाली बोटिंग नाव की सवारी का आनंद उठाने के लिए पर्यटक यहाँ जाते है ।
डैम के सामने बड़ा सा हरा भरा गार्डन बना हुआ है चाहे तो वहा बैठकर फोटोग्राफी का सकते है
यहाँ कई वाटर स्पोर्ट एक्टिविटी होती है जैसे –
- Speed Boat
- Jet skj
- jet atack
- banan Ride
- Bumfer ride
- Moter boat
- donut Boat
- watre surfing
- kayak Boat
- pantoon Boat
- luxry Boating
ये सभी बोटिंग एक्टिविटी इस डैम में कराई जाती है जिसका समय और पैसा निर्धारित किया गया है इन में किसी भी वाटर एक्टिविटी के लिए 100 रूपए से 500 रूपए तक अगल अलग बोट कीअलग अलग चार्ज किया जाता है ।
2. लेक पैराडाइस
रुद्रपुर सिटी का सबसे पॉपुलर कृत्रिम झील का सौन्दर्यीयकरण उधम सिंह नगर निगम के द्वारा कराया गया है स्थानीय लोगो की पसंदीदा टूरिस्ट प्लेस होने के कारण झील का दीदार करने अक्सर यहाँ के लोग पहुंच जाते है शहरवासियों के अलाबा बाहरी टूरिस्ट भी यहाँ घूमने आते है ।
इस हरे भरे सौंदर्य वातावरण में खरगोश के अलाबा बिभिन्न प्रकार के पक्षियों को बिलकुल फ्री में सैर करते हुए देखा जा सकता है साथ में झील में बोटिंग का भरपूर आनंद उठा सकते है ।
यदि आप फॅमिली के के साथ में रुद्रपुर में घूमने की जगह में लेक पैराडाइस जाते है तो आपके लिए बिलकुल बेस्ट प्लेस है क्योंकि यहाँ पर बच्चो के लिए बिभिन्न प्रकार के झूले बनाये गए है जो आपके बच्चो को बहुत पसंद आएगा ।
हरियाली भरे वातावरण में खाने पीने के लिए लेक एरिया के भीतर ही रेस्टोरेंट की भी सुभीधा उपलब्ध है ।
3. गिरी सरोवर मंदिर
गिरी सरोवर धाम धार्मिक दृष्टि से ये बहुत महत्वपूर्ण स्थान है यहाँ पर मौजूद सभी मंदिर महाभारत काल से जुड़े हुए है और ये स्थान ऋषिमुनियों की तपस्थली भी हुआ करती थी ।
कहा तो ये भी जाता है की इस स्थल में पांडवो ने भी भगवान शिव की पूजा अर्चन करते थे रुद्रपुर के काशीपुर सिटी में स्थित गिरिसरोवर में भरी संख्या में शर्द्धालु अपने मनवांछित इक्षा लेकर दर्शन करने के लिए जाते है इस तीर्थ स्थल में हिन्दू देवताओं के कई बड़े मंदिर मौजूद है जिनमे से ये प्रमुख मंदिर है –
- राम लक्षमण और सीता मंदिर
- सीतला माता मंदिर
- हनुमान मंदिर
- महिषासुर मंदिर
- शिव मंदिर
- सिद्धि विनायक मंदिर
- राधा मंदिर
- वृषनु टेम्पल
- संतोषी टेम्पल
- गंगा मंदिर
4. गिरी ताल
मान्यताओं के अनुसार गिरिसारिवार में तपस्या करने बाले साधु संत इस सरोवर में स्नान करते थे ।
यहाँ पर चैत्र, नवरात्री और गणेश चतुर्थी के समय बहुत बड़ा मेला का आयोजन किया जाता है उस समय रुद्रपुर में घूमने बाले श्रद्धालुओं की संख्या लाखो में होती है ।
गिरिसरोवर के पास में ही स्थित रुद्रपुर के काशीपुर क्षेत्र में पर्यटन स्थल के लिए मशहूर गिरीताल जो की बहुत प्रसिद्द स्थान है ये ऐतिहासिक धरोहर महाभारत काल से जुडी हुयी है ।
5. Chaiti Mndir
चैती माता का मंदिर उधम सिंह जिले के काशीपुर तहसील में स्थित है जो रुद्रपुर से महज 55 किलोमीटर की दूरी पर पड़ता है काशीपुर बस स्टैंड से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चैती माता मंदिर 51 शक्ति पीठो में से है ।
भगवान व्रिष्णु द्वारा सुदर्शन चक्र से माता सती के पार्थिव शरीर को काट दिए जाने पर उनके 52 टुकड़े हुए और जहाँ जहाँ उनके अंग पृथ्वी में गिरे वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आया ये उन्ही में से एक है यहाँ पर देवी सती का दाहिना हाँथ गिरा था ।
प्रत्येक बर्ष बसंत पंचमी और नवरात्री के समय यहाँ विशाल मेले का आयोजन किया जाता है जिसमे भारी संख्या में भक्त दर्शन के लिए पहुंचते है । खास तौर पर दुर्गा पूजा के समय यहाँ बहुत ज्यादा भीड़ भाड़ का माहौल रहता है ।
मंदिर के भीतर कोई मूर्ती नहीं बल्कि माता के दाहिना अंग जहा गिरा था वहा एक शिला पर उनकी भुजा दबी हुयी है उसी की पूजा की जाता है ।
6. द्रोण सागर
रुद्रपुर सिटी से 55 किलोमीटर दूरी पर स्थित बहुत ऐतिहासिक जगह मौजूद है जिसे हम द्रोण सागर के नाम से जानते है इस जगह के बारे में पौराणिक महत्त्व मिलता है कहते है गुरुद्राणचार्य जी ने पांडवो को यही पर शिक्षा दीक्षा दिए थे ।
शिक्षा प्राप्त करने के बाद सभी शिष्यों ने अपने गुरु को कुछ न कुछ दक्षिणा देने का चलन हुआ करता था उसी चलन को निभाने के लिए भीम ने अपने गुरु को दक्षिणा के रूप में इस झील का निर्माण फावड़े से किया था ।
द्रोण सागर में गुरुद्रोणाचार्य जी के मंदिर के साथ राधा कृष्णा मंदिर कोटेश्वर महादेव मंदिर , नील कंठ महादेव मंदिर ,वेद बुद्धि बोध मंदिर के साथ और भी कई धार्मिक दृष्टि से श्रद्धालु यहाँ पर दर्शन के लिए जाते है ।
यदि आप रुद्रपुर के आस से है तो एक बार इन ऐतिहासिक धरोहरों को देखने तो बनता है ।
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7. संजय वन
प्रकृति प्रेमियों के लिए ये हरा भरा गार्डन शहर के भीड़ भाड़ से दूर शांत वातावरण में यहाँ के स्थानीय लोगो के रहन सहन को प्रदर्शित करता है ।
यहाँ कई प्रकार की झोपड़िया बनायीं गयी गयी जो आपको गांव की यादो को तजा करा देती है हर बर्ग की आयु के लोगो के लिए शानदार टूरिस्ट प्लेस है।
वन के भीतर एक कुंआ है जिसे पतालतोड़ के नाम से जानते है इस कुंआ की सबसे खास बात है की ये सैकड़ो बर्षो से बिना किसी मोटर या उपकरण से शिव जी की प्रतिमा में ऊपर से पानी बहता रहता है जो अपने आप में अद्भुत है । और यहाँ घूमने जाने बाले यात्रियों को सोचने में मजबूर कर देता है ।
इसका निर्माण कार्य कुमायु सरकार के द्वारा कराया गया है जो काफी ज्यादा बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है ।
8. मोटेश्वर महादेव मन्दिर
उधमपुर नगर के काशीपुर तहसील में स्थित है मोटेश्वर मंदिर को भीम शंकर के नाम से भी जानते है इस मंदिर को महाभारत कालीन बताया जाता है और इसका शिवलिंग 12 वा उप ज्योतिर्लिंग माना जाता है ।
शिवलिंग की मोटाई अधिक होने की बजह से ये मंदिर मोटेश्वर महादेव के नाम से विख्याता है स्कंध पुराण के अनुसार भगवान् जी ने कहा जो भी भक्त काबड़ कंधे में रखकर हरिद्वार से गंगा जल लेकर यहाँ चढ़ाएगा उसे मोक्ष की प्राप्ति होगी इसी मान्यता की बजह से भक्तो की मनोकामना पूरी होने पर शिव को काबड़ चढ़ाई जाती है ।
पौराणिक कथाओं के उल्लेख के अनुसार मोटेश्वर मंदिर में विराजमान शिव लिंग को सर्ब प्रथम गुरुद्रोणाचार्य जी ने देखा था फिर उनके शिष्य भीम ने वही पर मंदिर बनाकर गुरु दक्षिणा दिए थे ।
9. अटरिया मंदिर
अतिरिया मंदिर के पास में थोड़ी थोड़ी दूरी में कई देवी देवताओं की मंदिर बने हुए है यहाँ पांडवो के इतिहास से लेकर महिषासुर मर्दनी माँ दुर्गा के कई रूपों के दर्शन होते है
माना जाता है की माँ अटरिया देवी का मायका रुद्रपुर में रामपुरा है आपको बता दे की चैत्र नवरात्र के नवमी के बाद बड़े धूम धाम से सजा कर ढोल नगाड़े के साथ माँ की ढोली को रामपुरा से अटरिया लाया जाता है जैसे माँ गंगा को मुखबा गांव से गंगोत्री धाम में ले जाया जाता है। और इसी दिन से अटरिया मेले की शुरुआत होती है।
चैत्र नवरात्री में रुद्रपुर में घूमने बाले पर्यटकों की संख्या लाखो में पहुंच जाती है जो यहाँ के बिभिन्न प्रसिद्द अन्दिरो की बजह से शर्द्धालु अपनी मनोकानए लेकर पूजा पाठ करने जाते है ।
ये मेला चैत्र नवरात्री के अष्टमी से आरम्भ होता है जो 21 दिनों तक चलता है जिसमे माँ अटरिया के भक्त दर्शन के लिए लाखो की तादाद में आते है ।
10. Fun Joy Watrepark
रुद्रपुर काशीपुर बाईपास के नजदीक में स्थित फन जॉय वाटर पार्क शहर की रौनक को कई गुना तक बढ़ा देता है वीकेंड में यहाँ पर वाटर स्विमनिग एक्टिविटी करने के लिए स्थानीय पर्यटक काफी ज्यादा पर्यटक यहाँ आते है ।
बहुत से लोगो को वाटरपार्क के बारे में नहीं पता होता है की आखिर यहाँ होता क्या है तो जानकारी के लिए बता दू जिस प्रकार फिल्मो में स्वीमिंग , समुद्री लहरे दिखाई जाती है ठीक उसी तरह से यहाँ भी पानी में होने बाली फन मस्ती को एन्जॉय कर सकते है ।
यहाँ कई प्रकार की वाटर स्विमिंग स्पोर्ट का मजा ले सकते है ।
11. गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब
उधम सिंह नगर का सबसे प्रसिद्द स्थलों में से एक नानकमत्ता साहिबा गुरुद्वारा जहाँ गुरुनानक जी भाई मरदाना के साथ पहली बार पुरातन समय में जब उन्होंने पूरब की उदासी पर गए हुए थे ।
तब वहा पहुंचकर उन्होंने एक पीपल के पेड़ के नीचे बैठ कर विश्राम लिया था और बैठ कर कई बर्षो तक लोगो को शिक्षा दिए और उन्हें सही रास्ते में लेकर आये और उसी स्थान पर धार्मिक गुरुद्वारा बनबाया गया जो धार्मिक दृष्टि से रुद्रपुर में घूमने के लिए काफी शानदार प्लेस है
इसी गुरुद्वारे के कुछ दूरी पर नानकमत्ता साहिब डैम बना हुआ है जहाँ पर नाव की सवारी का आनंद उठाने के लिए पर्यटक आते है
गुरुद्वारा में प्रवेश करने के लिए टोकन दिया जाता है जिसमे आप अपने जूते चप्पल को बांधकर रख सकते है जब आप दर्शन करके वापस लौटेंगे तो टोकन लौटना पड़ेगा।
12. नानक सागर डैम
सरयू नदी में बनने बाला यह बांध नानक सागर डैम के नाम से जाना जाता है जिसे राज्य सरकार के द्वारा पीने के पानी और सिंचाई के पानी के लिए बनबाया गया था लेकिन आज के आधुनिक समय में यह एक टूरिस्ट प्लेस में बदलता जा रहा है ।
अब यह रुद्रपुर में टूरिस्ट आकर्षण का केंद्र है यहाँ पर पर्यटक वाटर स्पोर्ट्स का मजा लेने के लिए आते है और अपने दोस्तों के साथ नाव की सवारी का फुल एन्जॉय करते है ।
वीकेंड में यहाँ पर काफी ज्यादा टूरिस्ट देखे जाते है जो अपना कुछ समय बिताने के लिए नानक सागर डैम में आते है ।
13.उल्टा किला
यदि आप भारत के ऐतिहासिक धरोहरों के बारे में जानने में रूचि रखते है तो उधमपुर जिला में स्थित उल्टा किला के बारे में आपको अवस्य जानकारी होनी चाहिए ।
ये कोई टूरिस्ट प्लेस नहीं है इसे सिर्फ उधम सिंह नगर की ऐतिहासिक धरोहर है जो पुरातत्व बिभाग के संरक्षण में आता है
उल्टा किला के अंदर जाने की किसी को इजाजत नहीं है
जैसा इसका नाम है सच में ये वैसा ही है किले की नीव हवा में लटक रही है और ये सदियों से जमीन के नीच दफन है जितना भाग किला का ऊपर दिखाई देता उससे कही ज्यादा ये जमीन के भीतर दबा हुआ है ।
इसके बारे में कहा जाता है की इसे पांडवो ने बनवाया था सदियों पुराना उल्टा किला समय के पहिये में जमीने में धंस गया
पुरातत्व बिभाग के द्वारा जब किले की खोदाई प्रारम्भ शुरू हुई तो अब तक कई रहस्य्मयी प्रचीन मूर्तिया मिली 6 वी शताब्दी की बताई जाती है इस जगह पुरातत्व बिभाग ने सबसे पहले 1972 में खुदाई की उसके बाद ये सिलसिला जारी रहा ।
रुद्रपुर कैसे पहुंचे
रुद्रपुर पहुंचने के लिए 3 बड़े बिकल्प है बस , ट्रैन और हवाई जहाज
बया ट्रैन – रुद्रपुर पहुंचने के लिए भारत के किसी भी शहर से आने बाले यात्रियों को रुद्रपुर के लिए ट्रैन मिल जाएगी यदि आपके शहर से डाइरेक्ट ट्रैन रुद्रपुर के लिए नहीं टी हरिद्वार पहुंचकर रुद्रपुर के लिए ट्रैन पकड़ सकते है ।
बया हबाई जहाज – अगर आप हवाई यात्रा करके रुद्रपुर जाना चाहते है तो इसके नजदीकी एयरपोर्ट पंत नगर है जहा से घरेलु उड़ने होती है जो दिल्ली से प्रतिदिन यहाँ के लिए फ्लाइट मिल जाएगी । पंत नगर से रुद्रपुर की दूरी महज 12 किलोमीटर है ।
रुद्रपुर के धार्मिक स्थल, मंदिर कौन कौन है
रुद्रपुर में धार्मिक दृष्टि से कई महत्वपूर्ण मंदिर मौजूद है जो अपने अलग महत्त्व रखते है और इनका उल्लेख पौराणिक ग्रंथो में भी मिलते है महाभारत काल से जुड़ा हुआ यह स्थान काफी प्रिसद्ध है
- चैती मंदिर
- अटरिया मंदिर
- नानकमत्ता साहिब गुरुद्वारा
- सीतला माता मंदिर
- गिरी सरोवर
- राधा टेम्पल
- मोटेस्वर महादेव मंदिर
रुद्रपुर क्यों प्रसिद्ध है
रुद्रपुर प्रसिद्द है अपने ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल के लिए जहाँ प्राचीन काल से जुड़े महाभारत के समय के कई ऐसे रहस्य छुपाये हुए है जो आज भी रहस्य है सबसे खास बात की गुरुद्रोणाचार्य जी पांडवो और कौरवो को रुद्रपुर के काशीपुर में ही शिक्षा दिए थे और उनके निशान आज भी यहाँ मौजूद है ।
रुद्रपुर कैसे घूमे ?
रुद्रपुर घूमने के लिए सबसे अच्छा बिकल्प है बाइक लेकर यदि आपके पास बाइक उपलब्ध है तो आसानी होंगी अन्यथा उधम सिंह नगर में किराये पर लेकर पर्यटन स्थलों को देख सकते है ।
उत्तराखण्ड का पंत नगर हवाई अड्डा भी रुद्रपुर से 12 किलोमीटर की महज दूरी पर स्थित है इसीलिए रुद्रपुर के साथ में हल्द्वानी और नैनीताल भी यहाँ से घूम सकते है।
निष्कर्ष –
दोस्तों इस लेख में आपने जाना रुद्रपुर में घूमने की जगह और यहाँ के प्रसिद्द धार्मिक मंदिरो की पूरी जानकारी यदि आपको रुद्रपुर पर्यटन स्थल का यह लेख पसंद आया हो तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे।
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