Best 15] रीवा में घूमने की जगह | रीवा जिला के पर्यटन स्थल

ब्रिटिश काल के समय विंध्य प्रदेश की राजधानी रीवा शहर आज के समय मध्य प्रदेश का एक प्रमुख जिला है जहां पर्यटकों को घूमने फिरने के लिहाज से कई झरने ,झील और ऐतिहासिक धरोहर मौजूद है आइए जानते हैं रीवा में घूमने की जगह के बारे में जहां सबसे ज्यादा सैलानी भ्रमण करने के लिए पहुंचते हैं।

कहने को तो रीवा जिला के आसपास कई पिकनिक स्पॉट है लेकिन उनमें से कुछ राज्य स्तरीय है जो संपूर्ण मध्यप्रदेश में जाने जाते हैं जिनमें से टोंस जलप्रपात और क्योटी वाटरफॉल प्रमुख है।

चलिए जानते हैं आखिर रीवा में घूमने लायक जगह कौन कौन सी है जिनके लिए आप जा सकते हैं

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रीवा में घूमने की जगह

दोस्तों आईये अब हम जानते है रीवा के प्रमुख पर्यटन स्थल और यह घूमने की जगह के बारे में –

1. टोंस झरना (Tons Waterfall)

Tons waterfall rewa
Tons waterfall rewa

रीवा शहर से 48 किलोमीटर दूर सिरमौर तहसील के अंतर्गत स्थित टोंस जलप्रपात यहां का मुख्य पर्यटन स्थल है जो पहाड़ों के सतह पर पहाड़ी चट्टानों के टूटने से बनी है घटिया कई वाटरफॉल का निर्माण करती है जिसका यह एक उदाहरण है।

रीवा जिले की सबसे बड़ी टमस नदी पर बनने वाला यह झरना मध्य प्रदेश का इको टूरिज्म पार्क भी है तथा इसकी ऊंचाई 130 मीटर है।

शैलानियों को घूमने के लिए पर्यटन बिभाग द्वारा निर्मित रास्ता  एकदम झरने के बीचो बीच निकलता है तथा ट्रैकिंग सीढ़ियों के दोनों  तरफ से गिरता हुआ पानी आने वाले सैलानियों को अपनी सुंदरता का कायल बना देते हैं .

झरने के पास कई सेल्फी प्वाइंट भी है जहां से खूबसूरत फोटोग्राफी अपने कैमरे में यादों के तौर पर यहां से कैद करके ले जा सकते हैं।

यहां घूमने का सबसे अच्छा समय मानसून का होता है क्योंकि उस दौरान यहां पर्याप्त मात्रा में पानी होता है।

2. धार कुण्डी आश्रम

dharkundi aashram satna
dharkundi aashram

विंध्यांचल पर्वत श्रृंखला और सतपुड़ा पठार के बीच स्थित धारकुंडी आश्रम मध्य्प्रदेश के सतना जिले में  है यह रीवा शहर से 60 किलोमीटर की दूरी पर सेमरिया रोड पर स्थित है चित्रकूट धाम से 50 कलोमीटर की दूरी पर है.

घने जंगलों शांत पहाड़ों और गहरी खाई के के मध्य बसा धारकुंडी जहां प्रकृति की सुंदरता और अध्यात्म का अद्भुत मिलन होता है इस स्थान को स्वामी सच्चिदा सिंह जी ने अपने गुरु के आदेश पर साधना स्थली के रूप में चुना था।

यहां के पहाड़ों में एक गुफा है वहीं से मीठे पानी का स्रोत है और यह पानी की जलधाराएं पास में ही एक कुंड का निर्माण करते हैं जहां सैलानी स्नान भी कर सकते हैं।

अगर आप रीवा शहर को वाकई में करीब से देखना चाहते हैं तो एक बार आपको धारकुंडी आश्रम परिवार के साथ निश्चित रूप से जाना चाहिए ।

यहाँ अतिथियों एवं योगियों के लिए ठहरने तथा खाने लिए निशुल्क व्यवस्था है

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3. मुकुंदपुर टाइगर सफारी

प्राचीन समय में रीवा रियासत की राजधानी हुआ करता था और इसी के अंतर्गत आने वाले बांधवगढ़ में दुनिया का पहला सफेद से पाया गया था जिस की प्रजाति आज भी रीवा के मुकुंदपुर टाइगर सफारी में देखी जा सकती है.

शहर से लगभग 18 किलोमीटर दूर मुकुंदपुर गांव में स्थित है यदि आप प्रकृति प्रेमी हैं और जंगली जानवरों तथा से प्रेम करते हैं तो आपको एक बार मुकुंदपुर का भ्रमण जरूर करना चाहिए.

यहां घने जंगलों में जीप सफारी का आनंद लेते हुए शेर, बाघ ,चीता के अलावा और भी कई जंगली जानवरों को घूमते फिरते हुए देख पाएंगे जो अपने आप में एक सुखद अनुभव प्रदान करते हैं।

4. सिद्धनाथ स्वामी मंदिर तथा झरना

रीवा पर्यटन स्थल एक महत्वपूर्ण हिस्सा सिद्ध ना तन स्वामी का यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है तथा उनके ऊपर गिरता या झरना पर्यटकों का प्रमुख आकर्षण केंद्र है जिसके कारण यहां सैलानी भीषण गर्मी के दिनों में भी भगवान शिव के दर्शन के साथ साथ झरने में स्नान करने के लिए आते हैं।

इसकी दूरी रीवा से करीब 75 किलोमीटर है तथा मऊगंज से सीधी जिला को जाने वाली रास्ते मैं 15 किलोमीटर आगे बहेरा डावर गांव पर स्थित है।

इसकी खास बात है कि झरने में साल भर पानी पर्याप्त मात्रा में होता है जिसके कारण यहां पर्यटक आते रहते हैं।

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5. पुरवा फॉल । Purwa Waterfall Rewa

purwa waterfall rewa
purwa waterfall rewa

मैहर के कैमोर पर्वत से निकलकर रीवा के पठार में बहती हुयी टमस नदी कई वॉटरफॉल का निर्माण करती है उन्ही में से एक पुरवा फॉल है ।

  • शहर से 32  किलोमीटर दूर सेमरिया रोड पर  स्थित यह प्रकृतिक झरना आपको मंत्र मुघ्ध कर देगा पहाड़ी गलियारों के बीच से बहती नदी पुरवा फॉल जैसे झरने का निर्माण करती है ।
  • झरने के समीप बहती हुयी ठंडी हवाएं और वॉटरफॉल से उड़ती हुयी पानी की छोटी – छोटी बूंदे जब पर्यटकों को छूती  है तो उनकी सारी थकान दूर हो जाती है ।
  • नदी की तेज बहाव से बहता हुआ पानी झरने के रूप में नीचे गिरता है जो पर्यटक को घूमने का एक शानदार अनुभव दिलाता  है ।
  • पुरवा फॉल में फोटोग्राफी के लिए सेल्फी पॉइंट भी बनाया गहा है जहा से इस फाल की बेहतरीन पिक्चर अपने साथ कैमरे में कैद कर सकते है ।

पुरवा वॉटरफॉल घूमने का सबसे अच्छा समय जुलाई से अक्टूबर तक का होता है क्योकि इस समय नदियों में पानी बहुत ज्यादा मात्रा में होता है । इसकी बजह से झरने का अद्भुत दृश्य देखने को मिलता है ।

6. घिनौची धाम

अगर आप रीवा में घूमने लायक किसी ऐसी जगह की तलाश में है जहां जंगल पहाड़ और झरने का आध्यात्मिक अनुपम मिलन हो तो आपको घिनौची धाम की यात्रा पर जाना चाहिए जो कि सिरमौर रोड पर स्थित चचाई जलप्रपात से मात्र 9 किलोमीटर की दूरी पर है।

आजकल के युवाओं के बीच रीवा में घूमने वाली जगह में से एक है घिनौची धाम जो कि मानसून के समय में रीवा पिकनिक स्पॉट का प्रमुख हिस्सा बना रहता है।

7. रानी तालाब (झील)

शहर के बीचो  बीच बना यह ताल इसकी सुंदरता में चार चाँद लगा देता है रीवा का एक मात्र  झील यह रीवा रियाशत की पुरानी धरोहर है आधुनिक युग में निर्मित इस तालाब को यहाँ का झील भी माना जाता है वैसे तो

इसका निर्माण रीवा राजबंशो के समय किया गया था  लेकिन आधुनिक युग में  शाशन दवरा तालाब का नए तरीके से सौन्दर्यीयकरण किया है तब से यह इस शहर का मुख्य पर्यटन स्थल बन चुका है ।

रानी तालाब में घूमने की जगह 

  • रानी तालाब घूमने आने बाले शैलानी बोटिंग का बखूबी लुप्त उठा सकते है
  • बहुत  कम पैसो में पैडल  बोट का मजा ले सकते  है
  • यहाँ घूमने फिरने के लिए फैमिली के साथ जाये क्योकि बच्चो के लिए ये परफेक्ट प्लेस है ।
  • रानी तलाब  के पश्चिमी दिशा में स्थित मंदिर भगवान् हनुमान को समर्पित है यहाँ पर आने पर्यटक मंदिर में दर्शन के लिए अवश्य जाते है।
  • तालब में झील के बीच में 400 वर्ष पुराना मंदिर जो भगवान शिव को समर्पित है इस मंदिर तक पहुंचने के लिए नाव के द्वारा मंदिर तक जाना होता है ।
  • cafe area- शैलानियों को समय व्यतीत करने के साथ उन्हें खाने के लिए कैफे एरिया उपलब्ध है जहा बैठकर भोजन या snaks ले सकते है ।

8. गोविंदगढ़ किला

रीवा रियाशत में  बनबाया गया यह किला बहुत पुराना है इस  किले की  देख रेख न होने की बजह से अब ये खंडहर में तब्दील हो चुका है परन्तु  फिर भी इस किले में पर्यटक पुरानी राजबंश की इस इमारत को देखने के लिए आते हैं –

  • किले के अंदर 400 वर्ष पुराना महामृंत्युजय मंदिर मौजूद है चाहे तो दर्शन के लिए जा सकते है ।
  • गोविंदगढ़ किला के तीन छोर में झील है जो हर मौसम में पानी से भरा रहता है ।
  • किला के बाहर एक मछली मार्किट मौजूद है जो यहाँ की सबसे बड़ी नॉनवेज मार्किट है जहा पर रीवा शहर से हर दिन सैकड़ो लोग जाते है ।
  • बारिश के मौसम में किला के आस पास कई झरने बहते रहते है उस समय यहाँ की प्राकृतिक हरियाली काफी सुकून देह लगती है ।

9. आदित्य वॉटर पार्क रीवा

रीवा जिले का एक और पिकनिक स्पॉट आदित्य वॉटर पार्क जहां छुट्टियों के दिनों में टूरिस्ट पानी में होने वाले खेलों का आनंद लेने के लिए जाते हैं। इसकी दूरी शहर से 10 किलोमीटर दूर हवाई पट्टी बेला के पास स्थित है ।

दोस्तों के साथ छुट्टिया मानाने के लिए  एक शानदार प्लेस है इस वाटरपार्क में पहुंच कर स्वीमिंग का भरपूर लुप्त उठा सकते है ।

10. क्योटी जलप्रपात । Keonti waterfall

भारत का 24 वा सबसे ऊंचा जलप्रपात क्योटी वाटरफॉल है रीवा में घूमने की जगह का प्रमुख हिस्सा है जो शहर से 43 किलोमीटर दूर सिरमौर रोड पर स्थित है।

रेवा जिला से निकलने बाली कई छोटी -छोटी नदिया आगे जाकर एक बड़े वाटरफाल का निर्माण करती है उन्हीं में से एक है हमारा क्योंकि जलप्रपात जो कि भारत का 24 वर्ष सबसे ऊंचा झरना है और यह रीवा से 43 किलोमीटर दूर सिरमौर रोड पर स्थित है।

क्योंटी घूमने का जुलाई से अक्टूबर का होता है क्योंकि इस समय नदियां अपने चरम पर होते हैं जिसके कारण चारों तरफ पानी ही पानी की मधुर गूंज के साथ जलप्रपात का मन लुभावना दृश्य देखने को मिलता है।

क्योटी जलप्रपात के पास मकर संक्रांति के समय 8 दिवसीय विशाल मेले का आयोजन किया जाता है जहां स्थानीय लोग दूर-दूर से इस का आनंद उठाने के लिए आते हैं.

11. बहुती जलप्रपात

bahuti-waterfall
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तमस नदी की सहायक से लार नदी पर बनने वाला याचना मध्य प्रदेश का सबसे ऊंचा झरना में से एक है इसकी ऊंचाई बोतल से 198 मीटर है जो किडनी चट्टानों के टूटने के कारण इस वाटरफॉल का निर्माण होता है।

बरसात के दिनों में जब शेलार नदी पानी का उफान लेकर आते हैं उस मौसम में या प्राकृतिक झरना का दृश्य पाठकों को मंत्रमुग्ध कर देने वाला होता है।

लेकिन दिसंबर के बाद इस झरने में पानी नहीं होता इसलिए इस मौसम में जाने से बचें।

12. देवतालाब मंदिर । Devtalab Mandir

रीवा जिले का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल देवतालाब मंदिर जो भगवान शिव को समर्पित है या शहर मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित है।

स्थानीय लोगों के मान्यताओं के मंदिर के गर्भगृह में भगवान शिव की प्रतिमा स्वयं प्रकट हुई थी फिर यहां पर भगवान विश्वकर्मा के द्वारा सफेद पत्रों को काटकर एक रात में मंदिर का निर्माण किया गया था ।

भगवान शिव के अलावा यहां कई और हिंदू देवी देवताओं के छोटे बड़े मंदिर मौजूद है तथा इसके अतिरिक्त यहां पर एक सरोवर है जहां से शिव को जल अर्पित करने के लिए पानी ले जाया जाता है।

यहां साल के 12 महीने श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है लेकिन महाशिवरात्रि के समय यहां सबसे ज्यादा भीड़ देखी जाती है और उस समय जगह जगह पर भंडारे का भी आयोजन किया जाता है जिसमें भारत के विभिन्न राज्यों से लोग यहां चलत करने के लिए आते हैं।

13. साई मंदिर

शहर के बीच में स्थित मंदिर साई नाथ को समर्पित है इस मंदिर में अपनी श्रद्धा भाव से दिन भर दर्शनार्थी यहाँ आते रहते है । खास तौर पर गुरूवार के दिन अत्यधिक भक्त यहाँ दर्शन के लिए आते है ।

14. लक्षमण बाग

रीवा शहर से 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित प्राचीन ऐतिहासिक हिन्दू मंदिरो की श्रंखला तथा मंदिर के बगल से बहती हुयी बिछिया नदी यहाँ की सुंदरता को बड़े ढंग से सजोये हुए ।

जब आप लक्षमण बाग घूमने के लिए जाये तो ध्यान रहे इस जगह पर भारी मात्रा में बंदरो की झुण्ड होती है अगर आपके पास कुछ खाने की वस्तुए है तो उन्हें संभाल कर रखे ।

15. चचाई जलप्रपात

रीवा में पांच प्रमुख झरने हैं जिनमें से एक चचाई जलप्रपात है जो शहर से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। तथा या टोंस नदी पर बनता है।

जब आप टोंस घूमने जाएं तो एक बार चचाई जलप्रपात घूमने के लिए भी जा सकते हैं वहां से मात्र 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है तथा यहां बिजली का उत्पादन किया जाता है।

16. रीवा का प्रसिद्ध बाजार शिल्पी प्लाजा

रीवा संभाग की सबसे मशहूर बाजार से प्ले बाजार जो कि शहर के मध्य भाग में स्थित है जहां हर प्रकार की चीजें उचित रेट पर मिलते हैं।

जैसे कारण आसपास के जिलों से यहां भारी संख्या में क्रेता और विक्रेता सामान खरीदने के लिए आते हैं और इसी के पास में चौपाटी शाम के समय स्ट्रीट फूड का स्वाद चखने के लिए शहरवासी अक्सर यहां पहुंच जाते हैं।

आशा करता हूं आपको रीवा में घूमने की जगह की सूची आपको पसंद आई होगी

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