क्या आप भी रण उत्सव में शामिल होना चाहते हैं या फिर व्हाइट डिजर्ट कच्छ का रण यात्रा पर जाने का विचार बना रहे हैं तो यह लेख आपको काफी ज्यादा सहूलियत देगा क्योंकि यहां Rann of kutch के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई है जैसे – कच्छ का रण कैसे पहुंचना है? वहां रुकने तथा खाने-पीने का क्या प्रावधान है ? और साथ ही रण उत्सव में शामिल होने के लिए हमको किन चीजों का ध्यान में रखना चाहिए ? कब जाना चाहिए ? कितने दिन का ट्रिप बनानी चाहिए ? और अंत में यह भी जानेंगे कच्छ के दर्शनीय स्थल घूमने का प्रति व्यक्ति कुल खर्च कितना लग जाता है।
कच्छ का विशाल थार रेगिस्तान नमक दलदली भूमि का एक बड़ा क्षेत्र है जो भारत के पश्चिमी राज्य गुजरात के कच्छ जिला के अंतर्गत हिंदुस्तान और पाकिस्तान की सीमा पर बसा हुआ है इसका अधिकतर क्षेत्रफल भारत में है और बाकी का हिस्सा पड़ोसी मुल्क में है। यह दुनिया का सबसे बड़ा White desert है जिसे देखने के लिए संसार के कोने-कोने से टूरिस्ट आते हैं।
सफेद बर्फ की चादरों की तरह दिखने वाला यह क्षेत्र कोई बर्फीली जगह नहीं है बल्कि अरब सागर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो संभवत भूकंप के कारण समुद्र से अलग होकर जमीन की सतह पर आ गया यहां के दलदली भूमि पर इस तरह से प्राकृतिक नमक बिछी हुई है मानो ऐसा प्रतीत होता है जैसे कश्मीर बर्फ की चादरों से ढका हुआ हो।
गुजरात सरकार के द्वारा कच्छ में हर वर्ष 3 महीने तक चलने वाला रण उत्सव बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है जो 1 नवंबर से 20 फरवरी तक चलता है और इस उत्सव में भारत से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग घूमने के लिए आते हैं इस दौरान यहां कुंभ मेले की तरह पर्यटकों की भीड़ इकट्ठा होती है.
रण उत्सव के समय कच्छ में गुजराती संस्कृति में रंगारंग कार्यक्रम कराए जाते जैसे की- शिल्प ,संगीत और नाच गाने, लोगों के माध्यम से फोक डांस, गुजराती डांस ,गरबा के अलावा और भी विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किया जाते हैं यदि आप भी गुजराती कल्चर में रुचि रखते हैं और इसे बेहद करीब से देखना चाहते हैं तो इस उत्सव में शामिल होकर आप पूरे राज्य की संस्कृति को अच्छी तरह से जान पाएंगे।
रण कच्छ की खूबसूरती के बारे में आप इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि इसे कई प्रसिद्ध फिल्मों में फिल्माया जा चुका है जैसे- मगधीरा , रामलीला, सराइनोडु, शरणार्थी और अन्य
चलिए देर न करते हुए हम जानते हैं कच्छ में किन-किन जगहों को विजिट करना है साथ ही वहां जाने के लिए सरकार का क्या नियम है
Table of Contents
कच्छ के दर्शनीय स्थल
भुज रण कच्छ जा रहे हैं तो इन चीजों को जरूर करें जैसे कि- रेगिस्तान में ऊंट की सवारी, पैरामोटरिंग, ATV राइड, व्हाइट डिजर्ट में रुकना, सनसेट पॉइंट, पतंगबाजी , मैग्नेटिक फील्ड एरिया देखने के साथ-साथ मांडवी बीच घूमने जरूर जाएं।
1. कच्छ व्हाइट डिजर्ट

रण कच्छ डिजर्ट में प्रवेश करने से पहले सरकार के नियमों के अनुसार पहले रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है जो ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों होती है ।
- ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए इनकी ऑफिशियल वेबसाइट www.rannutsav.com में विजिट करके स्वयं कर सकते हैं.
- ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए जहां यात्रियों को रुकने की व्यवस्था की जाती है यानी कि टेंट की व्यवस्था होती है वहीं पर बाहर रण उत्सव ऑफिस से करवा सकते हैं.
यह प्रक्रिया पूरी करने के बाद जब आपका कच्छ से वाइट डिजर्ट्स के लिए जाएंगे तो रास्ते में भिराण्डीयरा नामक चेक पोस्ट में अपना परमिट निकलवाना पड़ता है जिसका ₹100 चार्ज होता है।
परमिट निकलवाने के बाद डिजर्ट में प्रवेश करें और कुदरत के वादियों में खूबसूरती का लुफ्त उठाएं साथ ही साथ यहां आपको कई एडवेंचर एक्टिविटी करने का मौका भी मिलेगा और यदि आप शाम तक रुकते हैं तो ढलते हुए सूरज की रंग बिरंगी केसरिया रंग की किरणों को देखिए खास करके अगर आप पूर्णिमा के दिन जाते हैं तो वह दृश्य दिल को छू लेने वाला होता है। यहां से वापस आते वक्त गुजराती परंपरागत कपड़ों में फोटोग्राफी जरूर करवाएं।
इस रोमांचक यात्रा को पूरी करने के बाद जब आप शाम को अपने टेंट सिटी में वापस लौटेंगे तो वहां शाम को होता है नाइट शो जोकि इसी रण उत्सव का एक हिस्सा है और यहां रात में सांस्कृतिक कार्यक्रम, फोक डांसेज, बोनफायर, के अतिरिक्त गुजराती जनजातियों के रहन सहन, उनके पहनावे, उनके घर के अलावा उनके द्वारा उपयोग किए जाने वाले और भी कई कार्यक्रमों को आज आयोजित किया जाता है।
कच्छ व्हाइट डिजर्ट में इन चीजों को जरूर करें-
- कैमल सफारी
- हॉर्स राइडिंग
- पैरामोटरिंग
- ATVराइड
- नाइट शो
- बोनफायर
3. पैरामोटरिंग

दोस्तों अगर आप रण कच्छ में पैरामोटरिंग करना चाहते हैं तो यह भी विकल्प यहां पर मौजूद है जिसमें सवार होकर आसमान की सैर कर सकते हैं और वहां से फिर रेगिस्तान की खूबसूरती को अपनी आंखों से निहार सकते हैं जो वाकई में मन को प्रसन्न कर देने वाला बेहद खूबसूरत नजारा प्रस्तुत करता है।
3. कालो डूंगर
कालो डूंगर एकमात्र ऐसा स्थान है जहां से महान रण कच्छ की चमकती सुनहरी सफेद रंग का रेगिस्तान दिखाई देता है जो आंखों को अत्यंत सुकून का अनुभव कराता है इतना ही नहीं यहां से आप पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान का विहंगम दृश्य देख सकते हैं ।
इसके साथ-साथ यह पर्वतीय क्षेत्र दत्तात्रेय मंदिर के लिए भी प्रसिद्ध है और तो और यहां धरती का गुरुत्वाकर्षण भी आंखों को भ्रमित कर देता है यदि आप बिना ब्रेक की अपनी गाड़ी को नीचे खड़ी कर देते हैं तो वह स्वतः अपने आप ऊपर की तरफ बढ़ने लगती।
गुजरात का सबसे ऊंचा स्थान कालो डूंगर यानी कि काले रंग का पर्वत है Rann of kutch की यात्रा पर जाने वाले यात्री व्हाइट डिजर्ट सफारी करने के बाद यहां विजिट करने के लिए निश्चित रूप से जाते हैं ।
4. मैग्नेटिक फील्ड एरिया
कच्छ से काला डूंगर रास्ते पर पड़ता है मैग्नेटिक फील्ड एरिया यानी कि अगर आप कार को बिना ब्रेक के खड़ी कर देते हैं तो वह ऑटोमेटिक चढ़ाई मार्ग बार ऊपर की ओर बढ़ने लगती है यहां पर भी रुक कर आप कुदरत के इस नायाब करिश्मा को देख सकते हैं जो काफी अच्छा नजारा प्रस्तुत करता है।
5. मांडवी बीच
कच्छ के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक मांडवी बीच बहुत ही प्राचीन समुद्र तट है वॉटर स्पोर्ट के शौकीन लोगों के लिए यह एक आदर्श स्थान साबित हो सकता है क्योंकि यहां कैंपिंग और कई प्रकार की वाटर स्पोर्ट जैसी गतिविधियों काआनंद लिया जा सकता है।

यहां आप चाहे तो ऊंट की सवारी करते हुए समुद्री किनारों से गुजरते हुए ताजी ताजी ठंडी हवाएं, पानी की सरसराहट और सागर की लहरों की खूबसूरती के बीच शाम के समय डूबते हुए सूरज के रंग बिरंगी केसरिया रंग की किरणें एक सकते हैं जो बेहद लाजवाब होता है। मानो ऐसा लगता है वक्त कुछ पल के लिए यही ठहर जाए।
6. मांडवीकिला
अरब सागर और रूक्मावती नदी के तट पर बसा मांडवी का किला भारत के इतिहास का प्रत्यक्ष साक्षी रहा है इस भव्य किले को 19 शताब्दी में भीषण गर्मी से बचने के लिए निर्मित किया गया था किले में बनाई गई खिड़कियों की नक्काशी इस प्रकार की गई है की हवाओं का झरोखा जब बालकनी तक पहुंचता है तो बेहद ठंडक हो जाता है है।
इस किला की सुंदरता फिल्म इंडस्ट्री को हमेशा आकर्षित करता रहा है साल 1999 में बॉलीवुड की बहुचर्चित फिल्म हम दिल दे चुके सनम, आमिर खान की लगान, जैसी कई और फिल्मों की शूटिंग यहीं हुई।
किले की बालकनी में खड़े होकर आप चाहे तो समुद्र के नीले रंग की लहरें तथा दूर-दूर तक फैले बंजर रेगिस्तान का नजारा मंत्रमुग्ध कर देने वाला होता है मांडवी यात्रा के बिना कच्छ यात्रा अधूरी रह जाती है जाते हैं इसे रण कच्छ पर्यटन स्थल की सूची में जरूर शामिल करें।
7. धोलावीरा
कच्छ से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित धोलावीरा जो आज से लगभग 4500 साल पहले प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता का समृद्ध शाली विकसित शहर हुआ करता था कालांतर में प्रकृति प्रकोप के कारण यह पूरी तरह से वीरान हो गया परंतु उस समय के कुछ अवशेष आज भी यहां देखने को मिलते हैं।
पुरातत्व विभाग को यहां हुई खुदाई के दौरान हड़प्पा सभ्यता संस्कृति की कई प्राचीन अवशेष प्राप्त हुए। वास्तव में इस स्थान की सैर करना अपने आप में एक गर्व महसूस कराता है यहां पहुंच गई आप अतीत की दुनिया में खो जाएंगे। दोस्तों अपनी यात्रा के दौरान धोलावीरा जरुर विजिट करिएगा यहां आपको इतिहास से जुड़े कई रहस्यमई चीजें देखने के लिए मिल जाएंगे।
8. आइना महल पैलेस
इस दर्पण महल का निर्माण 18 वीं शताब्दी में महाराजा लखपति शासन काल में कराया गया था यहां के राजा ने राम सिंह नामक कारीगर को सपनों का महल बनाने का आदेश दिया था और उसने जिस वास्तुकला शैली में निर्मित किया वह पूरी दुनिया को चौंका दिया।
महल के अंदर चमचमाते चश्मे, घड़ियां, विदेशी टाइल्स के साथ रौनक है 2001 में आए भूकंप के दौरान इसका कुछ हिस्सा नष्ट हो गया था लेकिन बाद में इसे फिर से नवनिर्मित कर दिया क्या और आज के समय में यह कच्छ का रण आने वाले पर्यटकों के लिए पसंदीदा पिकनिक स्पॉट है।
9. कच्छ म्यूजियम
गुजरात का सबसे पुराना संग्रहालय कच्छ म्यूजियम है जहां विलुप्त हो चुकी प्राचीन कत्छी लिपि, औजार, पेंटिंग, मूर्तिकला, कीमती धातु की पुरानी वस्तुएं, संगीत यंत्र के अलावा आदिवासी कलाकृतियां भी संग्रहालय में प्रदर्शित की गई।
कच्छ का रण कैसे पहुंचे ?
कच्छ पहुंचने के लिए 3 बड़े ऑप्शन है ट्रेन, बस और हवाई मार्ग विकल्प है बाय ट्रेन
बाया रेलगाड़ी
कच्छ का नजदीकी रेलवे स्टेशन भुज जंक्शन है लेकिन यदि आपके शहर से डायरेक्ट भुज तक के लिए रेलगाड़ी नहीं है तो आप राजकोट या फिर अहमदाबाद पहुंचकर भुज रेलवे स्टेशन के लिए ट्रेन पकड़ सकते हैं। भुज से कच्छ की दूरी 82 किलोमीटर है और इसे तय करने के लिए बस का माध्यम सबसे अच्छा साधन है जोकि रेलवे स्टेशन के बाहर से आसानी से मिल जाती हैं।
बाया हवाई जहाज
हवाई यात्रा का सफर करके कच्छ पहुंचने वाले यात्रियों के लिए इसका निकटतम हवाई अड्डा कांडला है कुछ लोग इसे गांधीधाम के नाम से भी जानते हैं।
रण कच्छ में रुकने तथा खाने पीने की व्यवस्था क्या होती ?
रण कच्छ में पर्यटकों को रुकने के लिए तीन विकल्प है
- होटल– कच्छ यात्रा के दरमियान वहां ठहरने का सबसे सस्ता और अच्छा ऑप्शन प्राइवेट होटल है जो कि आप भुज में रुक सकते हैं इनका नॉर्मल चार्ज होता है लगभग 500 से 1000 में काफी अच्छे होटल मिल जाते हैं.
- होमस्टे – यदि आप गुजरातियों के रहन-सहन और उनके ट्रेडिशनल लाइफ़स्टाइल को देखना चाहते हैं तो आप वहां के स्थानीय निवासियों के घरों में होमस्टे ले सकते हैं यह आपको प्रतिदिन के हिसाब से ₹2000 रहने और खाने पीने की उचित व्यवस्था उपलब्ध करा देते हैं.
- टेंट सिटी – रण उत्सव के समय यात्रियों को ठहरने के लिए यहां हजारों की संख्या में सरकार द्वारा टेंट लगाया जाता है इनकी व्यवस्था फाइव स्टार होटल से कम नहीं होती है यह टेंट सिटी बहुत ज्यादा महंगे होते हैं जिनका प्रतिदिन का किराया 2 लोगों के लिए ₹5000 से शुरू होते हैं और इसी में ब्रेकफास्ट ,डिनर और लंच के साथ साथ रंगारंग कार्यक्रम, बोनफायर, ऊंट सफारी के अलावा भी कई और अन्य रोमांचक चीजों का आनंद उठा सकते हैं।
रण कच्छ घूमने का खर्च कितना लगता है ?
दोस्तों अगर आप 3 दिन का ट्रिप प्लान बनाते हैं और वहां टेंट सिटी में रुकते हैं तब आपका प्रति व्यक्ति रहने खाने और एक स्थान से दूसरे टूरिस्ट प्लेस में आने जाने का बस का किराया और साथ में एडवेंचर एक्टिविटी करते हैं तब 9 से ₹10000 बड़ी आसानी से खर्च हो जाते हैं। वहीं अगर आप होटल में रुकते हैं तब थोड़ा बहुत खर्चे कम होते हैं लेकिन जो आनंद सिटी का होता है वह होटल या होमस्टे में नहीं मिलता।
FAQ-
Q.1 भुज, रण कच्छ ट्रिप प्लान कितने दिन का बनाना चाहिए ?
यदि आप केवल रण उत्सव व्हाइट डिजर्ट घूमने के लिए जा रहे हैं तो आपको 1 दिन का समय पर्याप्त है लेकिन अगर आप महान कच्छ के दर्शनीय स्थल जैसे- मांडवी बीच, आइना महल, धोलावीरा, कालो डूंगर , कच्छ म्यूजियम , भुज और प्राग महल के अलावा और अन्य पर्यटन स्थलों को घूमते हैं तबआपके पास 3 दिन का समय होना चाहिए.
Q.2 रण कच्छ घूमने कब जाना चाहिए
कच्छ का महान रण घूमने का सबसे अच्छा समय सर्दियों का होता है और इसी दौरान यहां नवंबर से लेकर मध्य फरवरी माह तक रण फेस्टिवल बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है जिसे दुनिया भर के टूरिस्ट देखने के लिए आते हैं.
Q.3 रण उत्सव (2022- 2023) कब मनाया जाएगा ?
गुजरात का मशहूर फेस्टिवल रण उत्सव हर वर्ष की तरह इस साल भी 1 नवंबर 2022 से 20 फरवरी 2023 तक मनाया जाएगा .
निष्कर्ष
दोस्तों आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं कि आपको कच्छ का रण उत्सव यात्रा की यह जानकारी कैसी लगी और भारत में विभिन्न जगहों में घूमने की जानकारी पाने के लिए हमें फॉलो जरूर करें
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