रामेश्वरम तीर्थ यात्रा , दर्शन, पूजा विधि की पूरी जानकरी

rameshwaram yatra  दोस्तों आज के इस लेख हम बात करने बाले है भारत के तमिलनाडु राज्य में स्थित देवो के देव यानि की महादेव के 12 शिवलिंग में से एक रामेश्वरम धाम की यात्रा के बारे में

इस मंदिर में शिवलिंग की स्थापना रामायण काल के दौरान हनुमान जी के द्वारा किया गया था तथा आज के समय में यह चार धामों में से एक धाम रामेश्वर धाम भी है।

रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग फोटो रामेश्वर का मंदिर अपनी कौन सी अद्भुत कला के लिए प्रसिद्ध है

हिन्दू तीर्थ यात्रा में सबसे प्रसिद्द धामों में से एक रामेश्वरम तीर्थ यात्रा का सम्पूर्ण वर्णन आगे इस लेख माध्यम से आप जान पाएंगे जैसे की -रामेश्वरम कैसे पहुंचे, रामेश्वरम में भगवान शिव के दर्शन तथा पूजा अर्चना कैसे की जाती है, रामेश्वरम में रुकने तथा खाने पीने की क्या व्यवस्था , और अंत में यह भी बताऊंगा कि रामेश्वरम तीर्थ यात्रा का खर्च कितना लग सकता है ।

आपको इन सभी सवालों के जवाब अंत तक मिल जाएंगे इसलिए आपसे अनुरोध है इसे पूरा पढ़ें।

आगे बढ़ने से पहले हम जान लेते हैं कि आखिर रामेश्वरम तीर्थ नगरी तक पहुंचा कैसे जाएं और उसके लिए साधन क्या-क्या हो सकते हैं-

रामेश्वरम कैसे पहुंचे ?

दोस्तों रामेश्वरम देश के प्रमुख शहरों दिल्ली, मुंबई ,चेन्नई, बेंगलुरु, कोलकाता अहमदाबाद जैसे शहरों से रेल मार्ग ,वायु मार्ग , या फिर रोडवेज से च्छी तरह से जुड़ा हुआ।

बया ट्रैन

पहले जानते हैं ट्रेन से रामेश्वरम कैसे पहुंचे

  • वैसे तो रामेश्वरम में रेलवे स्टेशन है लेकिन यदि आपके शहर से direct ट्रैन यहां के लिएनहीं मिलती तो मधुराई जंक्शन के लिए रेलगाड़ी पकड़ सकते है यहां पहुंच कर रामेश्वरम के लिए ट्रेन पकड़ सकता है.
  • मधुराई से रामेश्वरम की 170 दूरी किलोमीटर .
  • लेकिन यदि इस स्टेशन के लिए भी आपके कस्बे से ट्रैन उपलब्ध नहीं है उस कंडीशन में chennai  egmore  स्टेशन पहुंच कर रामेश्वरम के लिए गाड़ी पकड़ सकते है ।

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बया हवाई जहाज

  • यदि आप फ्लाइट से रामेश्वरम की यात्रा पर जाना चाह रहे है तो इसका नजदीकी एयरपोर्ट madhurai है इसके आगे का सफर बस ट्रैन या टैक्सी से करना पड़ेगा ।

मैं आपको यह सलाह दूंगा की मदुराई से रामेश्वरम तक ट्रेन का सफर करते हुए जाइए क्योंकि इस सफर में भारत के सबसे लंबी समुद्र में बनाई जाने वाली पुल से होकर गुजरेंगे

  • जब पंबन ब्रिज से गुजरते हैं तो आपको काफी शानदार नजारा देखने को मिलेगा और यह नजारा बिल्कुल मिस मत करिएगा इसलिए यदि आप रामेश्वरम तीर्थ आते हैं तो पंबन ब्रिज वाली रेल यात्रा जरूर करके आइएगा इसमें आपको काफी अच्छा परिदृश्य देखने को मिलेगा क्योंकि आपको इसके अलावा कहीं भी किसी ब्रिज में ऐसा नजारा देखने को नहीं मिलेगा.

चलिए दोस्तों अब आगे बात करते हैं कि जब आप रामेश्वर पहुंच जाएं तो आपकोरामेश्वरम दर्शन से पहले क्या क्या करना पड़ता है.

रामेश्वरम दर्शन कैसे करे

  • रामेश्वर मंदिर में दर्शन करने से पहले ही 100 मीटर दूरी पर बना है अग्नि तीर्थ वहां पर जाकर आप समंदर में स्नान कीजिए यहां किसी भी प्रकार की समंदर की लहरें नहीं चलती हैं।
  • कारण यह है कि सीता हरण के बाद जब श्रीराम श्री लंका जा रहे थे तो समंदर की लहरों को शांत रहने के लिए स्पर्श किया था तब से समंदर बिल्कुल यहां पर शांत रहता है.
  • इसके बारे में यह भी कहा जाता है भगवान राम जब रावण का वध करके आए थे उन्होंने यहीं पर स्नान किया था .
  • जब आप अग्नि तीर्थ में स्नान कर लें तो आप मंदिर परिसर में प्रवेश करें .
  • मंदिर परिसर के अंदर एक बार फिर से आपको स्नान करना पड़ेगा यहां 22 कुंड बने हुए हैं जिनमें सभी तीर्थों के जल एकत्रित है इन कुंडों का महत्व पौराणिक इतिहास में काफी ज्यादा है कहा जाता है कि इन कुंडों में हिंदू धर्म के सभी तीर्थों का जल मौजूद है
  • वहां गवर्नमेंट के एंपलाई आपके ऊपर पानी का छिड़काव करते हैं इसकाकुछ चार्ज लिया जाता है जो कि 20 से ₹25 के आस पास होता है.

रामेश्वर मंदिर के गर्भ गृह में दो शिवलिंग मौजूद है पहला वह की जो हनुमान जी ने कैलाश पर्वत से उठाकर लाए थे और दूसरा वह जो सीता माता द्वारा रेत से निर्मित की गई शिवलिंग थी.

रामेश्वर का मंदिर अपनी अद्भुत कला के लिए प्रसिद्ध है क्योंकि भारत का सबसे लंबा कॉरिडोर रामेश्वरम मंदिर में ही है यहां के गलियारे यहां के कोरिडोर आपको बेहद खूबसूरत लगेंगे और दूसरी बात की मंदिर की सुंदर नक्काशी आपका दिल जीत लेगी।

जब अब मंदिर परिसर से प्रवेश करेंगे तो मंदिर का आर्किटेक्चर देखकर सोचने पर मजबूर कर देता है की उस समय पर बिना विज्ञानं के कैसे इस महलो का निर्माण किया जाता रहा होगा जो आज के आधुनिक समय की मशीनों को करने में बहुत वक्त लग जाता है।

रामेश्वरम तीर्थ मंदिर के आसपास कई और देवी-देवताओं की प्रसिद्ध मंदिर भी हैं जिसमें से हनुमान जी , पार्वती माता , और अम्ब्रिका माता मंदिर यहाँ भी जाकर दर्शन करिये ।

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रामेश्वर में रुकने तथा खाने-पीने की क्या व्यवस्था है ?

रामेश्वर में ठहरने के लिए आपके पास तीन ऑप्शन है

  1. पहला विकल्प है कि मंदिर परिसर के आसपास कई छोटी बड़ी धर्मशालाएं बनी हुई है जिनका 1 दिन का चार्ज ₹250 से 300 के आसपास रहता है जोकि सस्ते रेट में काफी अच्छे कमरे मिल जाते हैं.
  2. दूसरा – रामेश्वर मंदिर ट्रस्ट की तरफ से वहां पर बहुत सारे रूम बने हुए हैं जिनकी ऑनलाइन बुकिंग करके अपने रुकने की व्यवस्था बना सकते हैं इनके रेट भी महंगे नहीं होते हैं 500 से ₹600 में बढ़िया कमरे मिल जाते हैं इसकी बुकिंग रामेश्वरम ट्रस्ट की ऑफिशल वेबसाइट www.tnhrce.gov.in जाकर कर सकते हैं
  3. तीसरा ऑप्शन है प्राइवेट होटल जोकि मंदिर के आसपास काफी सारे होटल आपको देखने के लिए मिल जाएंगे जिनका चार्ज लगभग 500 से 1000 तक में बड़े आसानी से मिल जाता है

चलिए अब हम आगे बात कर लेते हैं वहां खाने की व्यवस्था होगी-

रामेश्वरम में खाने पीने की व्यवस्था हैं ?

इसके लिए भी आपके पास दो ऑप्शन है –

  • पहला ऑप्शन रामेश्वर ट्रस्ट की तरफ से वहां पर लंगर चलता है वहां पर आप फ्री में खाना खा सकते हैं लेकिन यहां पर केवल लंच दिया जाता है यानी कि केवल दोपहर का भोजन दिया जाता है। भगवान शिव का लंगर में बैठकर प्रसाद ग्रहण जरूर करें.

इसकी जो टाइमिंग है तो 11:00 बजे से लेकर 3:00 बजे तक रहता है

  • दूसरा ऑप्शन है कि आप मंदिर के आसपास कई सारे रेस्टोरेंट मौजूद हैं जहां पर ₹100 से ₹150 थाली में स्वादिष्ट भोजन मिल जाता है तो आप वहां जाइए और अपना भोजन ग्रहण कीजिए.

रामेश्वरम तीर्थ यात्रा करने का सबसे अच्छा समय कौन सा है ?

वैसे तो रामेश्वरम तीर्थ यात्रा करने के लिए कोई समय की पाबंदी नहीं है अब कभी भी यहां दर्शन करने के लिए जा सकते हैं लेकिन गर्मियों के मौसम में यहां जाने से थोड़ा बचें कारण यह है कि दक्षिण भारत में काफी ज्यादा गर्मी पड़ती है जिसकी वजह से अगर आप मध्य भारत में निवास करते हैं तो वहां की झुलझाती धुप नहीं झेल पाएंगे।

इसलिए रामेश्वरम घूमने का जो बेस्ट समय होता है वह नवंबर से लेकर मार्च तक का होता है

यदि आप मानसून के मौसम में जाते हैं तो वह समय भी अच्छा होता है परंतु उस समय केवल आप रामेश्वर मंदिर में ही दर्शन कर पाएंगे आसपास में घूमने की जगह क्यों मौजूद है उनके दर्शन में बारिश थोड़ा दिक्कतों का सबब बन सकते हैं।

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रामेश्वरम यात्रा करने के लिए कितने दिन का ट्रिप बनाएं ?

दक्षिण भारत के इस शिवलिंग यानि की रामेश्वरम यात्रा के लिए 2 दिन का समय निकालकर जरूर जाएं ।

क्योंकि जिस दिन आप वहां पहुंचेंगे उस दिन तो आपको रामेश्वर मंदिर में दर्शन करते ही लग जाएगा और अगली सुबह इसके आसपास के प्रसिद्ध स्थानों को देखने के निकले खासकर के धनुष्कोड़ी यानी कि रामसेतु के पास घूमने के लिए जाएं और इसके बाद आप अपने घर के लिए रवानगी ले लीजिए।

रामेश्वरम के आसपास घूमने की जगह

जब भी आप रामेश्वर तीर्थ यात्रा के लिए निकले भगवान शिव के दर्शन करने के बाद वहां और भी कुछ धार्मिक ऐतिहासिक जगह मौजूद है जिन्हें देखने के लिए जरूर जाएं और वह प्रमुख जगहें इस प्रकार है-

1. पंचमुखी मंदिर

पंचमुखी मंदिर की खास बात यह है कि यहां हनुमान जी की प्रतिमा में पांच मुख है जिन्हें इसीलिए इस मंदिर का नाम पंचमुखी पड़ा और इस तरह की प्रतिमाएं भारत में विशेष स्थानों पर ही मौजूद हैं एक बार हनुमान जी के दर्शन के लिए यहां जरूर जाएं और अपने रामेश्वरम यात्रा आने की हाजिरी लगवाएं।

2. साक्षी हनुमान मंदिर

यह मंदिर रामेश्वरम धाम से लगभग 2 किलोमीटर दूरी पर स्थित है जो भगवान हनुमान को समर्पित है आप यहां भी जाइएऔर दर्शन कीजिए और यहां के आसपास की व्यूप्वाइंट को यादों के तौर पर अपने कैमरे में कैद करें।

3. अब्दुल कलाम स्मारक

यह छतरी भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की समाधि स्थली है जिसे पर्यटन स्थल के तौर पर बेहतरीन तरीके से बनाया गया है चाहे तो एक बार विजिट कर सकते हैं इसके आसपास के प्राकृतिक नजारा काफी ज्यादा शानदार है जो दर्शनीय है।

4. धनुष्कोड़ी रामसेतु

दोस्तों धनुष्कोड़ी वही स्थान है जहां पर भगवान राम की वानर सेना ने पत्थरों में राम लिखकर समंदर में सेतु का निर्माण किया था तो यहां भी जाइए समंदर के दर्शन कीजिए और आसपास के खूबसूरत समुद्री लहरों के साथ फोटोग्राफी करवाएं।

इसके बाद यहां से आपकी रामेश्वर की यात्रा पूरी होती है अब आप अपने घर के लिए यहां से प्रस्थान कर सकते हैं।

5. Nambu Nayagi Mandir

यह मंदिर माता गौरी यानी कि मां पार्वती जी को समर्पित है इस मंदिर के बारे में ऐसी भी मान्यता है कहा जाता है कि जिन लोगों के संतान प्राप्ति नहीं होती यहां आने से उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है इस मंदिर में वह लोग जरूर जाते हैं जिन्हें संतान प्राप्ति को लेकर काफी चिंतित रहते हैं।

दोस्तों रामेश्वर तीर्थ यात्रा करने की जानकारी आपको कैसी लगी हमें नीचे कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं अगर आप भारत के पर्यटक स्थलों और धार्मिक स्थानों को घूमने का शौक रखते हैं तो हमें नीचे फेसबुक इंस्टाग्राम में फॉलो कर सकते हैं मैं आपकी यात्रा को सफल बनाने में पूर्ण प्रयत्न करूंगा .

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