राजगीर में घूमने की जगह तथा इतिहास की पूरी जानकारी

नमस्कार दोस्तों मैं आपकी यात्रा को सफल सुखद और मंगलमय की कामना करता हूं तो चलिए इस लेख में जानते हैं बिहार राज्य के नालंदा जिले में स्थित राजगीर में घूमने की जगह तथा खूबसूरत पर्यटन स्थलों के बारे में अगर आप राजगीर की यात्रा करना चाह रहे हैं तो यह लेख आपको पूरा पढ़ना चाहिए।

राजगीर मुख्य रूप से रत्नागिरी, विपुलाचल, वैभवगिरी, सोंगिरी और उदयगिरि नामक पांच पहाड़ियों से घिरा हुआ है ।

राजगीर अपने गौरवशाली इतिहास प्राकृतिक मनमोहक वातावरण पहाड़ो ,घाटियों, वादियों, महलों पार्को, झरनों ,कांच के पुल और एडवेंचर एक्टिविटी के लिए पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है ।

आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि कांच का ब्रिज अभी तक भारत में सिर्फ 2 ही बने हुए है पहला सिक्किम के गंगटोक और दूसरा राजगीर में।

तो चलिए आज के लेख में जानते हैं जानते हैं राजगीर के पर्यटन स्थल कौन-कौन से हैं जिसके बिना इसकी यात्रा अधूरी है-

राजगीर में घूमने की जगह

राजगीर के इन सभी स्थानों को विजिट करने के लिए शेयरिंग टैक्सी या प्राइवेट वाहन बुक करके आसानी से घुमा जा सकता है।

1. राजगीर में शीशा का पुल

आपने फिल्मों में फिल्माया जाने वाला शीशे के पुल में चलते हुए जरूर देखा होगा लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर यह है कहां तो आपकी जानकारी के लिए बता दूं की यह खूबसूरत ब्रिज विदेशों में नहीं बल्कि हमारे भारत के बिहार राज्य के राजकीय शहर में मौजूद हैं जो कि सिक्किम के बाद दूसरा शीशे का पुल है।

पहाड़ों पर बने इस ब्रिज में सैर करना अपने आप में एक सुखद अनुभव का एहसास कराता है इसीलिए साल भर लाखों सैलानी राजगीर में शीशा का पुल में चलने का आनंद लेने के लिए आते हैं।

तो देर किस बात की आप भी राजगीर जाइए और प्रकृति के सुनहरे वातावरण में बने इस पुल भरपूर आनंद उठाइए।

कृपया ध्यान रखें राजगीर के इस टूरिस्ट प्लेस का इंजॉय करने के लिए आपको सुबह जल्दी पहुंचना होगा वरना लाइन बहुत लंबी लग जाती है जिससे टिकट मिलने में मुश्किल हो जाती है क्योंकि टिकट यहां लिमिटेड होते हैं।

2. नेचर सफारी राजगीर

बिहार सरकार के लगातार प्रयासों से यहां हर प्रकार के पर्यटन स्थलों को बनाया जा चुका है उन्हीं में से एक है राजगीर का नेचर सफारी।

अगर आप नेचर सफारी घूमने के लिए जाते हैं तो यहां बहुत सारे रोमांस से भरे एडवेंचर एक्टिविटी को कर पाएंगे जैसे कि- जिपलाइन, स्काई साइकलिंग, रॉक क्लाइंबिंग, रेसलिंग, सस्पेंशन ब्रिज, आर्चरी रिंग, और ग्लास ब्रिज के साथ-साथ कई और एडवेंचर को इंजॉय कर सकते हैं।

3. राजगीर का रोपवे

अब तक बिहार का पहला रोपवे राजगीर में ही बनाया गया है यह रोपवे पहाड़ों में बने विश्व शांति जैपनीज स्तूप तक पहुंचने के लिए उपयोग किया जाता है।

अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं तो संपूर्ण बिहार राज्य में इससे बेहतर स्थान घूमने के लिए और कहीं नहीं मिलेगा।

जब इस में बैठकर सफर करेंगे ऊपर से पहाड़ों की हरी-भरी घाटियों का बेहद शानदार दृश्य दिखाई देता है जिसे आप अपने कैमरे में कैद करना बिल्कुल मिस ना करें।

जब भी आप राजकीय की यात्रा पर जाएं अपने घूमने की लिस्ट में राजगीर रोपवे को जरूर शामिल करें यह राजगीर की पिकनिक में चार चांद लगा देगा।

4. राजगीर वाइल्डलाइफ सफारी

राजगीर का एक और प्रमुख पर्यटन फरवरी 2022 में बनकर तैयार हो गया जिसका उद्घाटन नीतीश सरकार के द्वारा किया गया।

प्रकृति प्रेमियों के लिए यह चिड़ियाघर किसी जन्नत से कम नहीं इस जूलॉजिकल पार्क में विलुप्त हो रहे जंगली जानवर और पक्षियों के जातियों संरक्षित करके रखा गया है।

जहां पहुंचकर इन जानवरों को देख सकते हैं बाघ, बायसन, तेंदुआ, बंदर, भालू, हिरण, गोरिल्ला, लकड़बग्घा, शेर, चीता और भी कई जंगली जानवरों का यह घर होने के साथ-साथ सैकड़ों प्रजातियों के पक्षियों का घर है।

राजगीर के चिड़ियाघर को घूमने के लिए आते हैं तो सुबह में जल्दी पहुंचे अन्यथा यहां का टिकट फुल हो जाता है कारण यह है कि यहां प्रतिदिन 1000 लोगों को ही टिकट प्रदान किया जाता है।

5. पांडू पोखर

अगर आप एडवेंचर के शौकीन हैं और राजगीर के आसपास एक स्पेशल टूरिस्ट प्लेस की तलाश में है तो ऐसे में पांडु पोखर आपके लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन साबित हो सकती है।

यहां पर सैलानियों को रिवर राफ्टिंग, हॉर्स राइडिंग, माउंटेन ,साइकिल एवं हॉर्स राइडिंग तथा बच्चों के लिए स्लाइड्स, झूले, लिवरपूल, क्रिस क्रास जैसी जैसी एडवेंचर पर्यटकों को बड़े आसानी से अपनी तरफ आकर्षित करती हैं।

इसके अलावा यहां और भी कई आकर्षण बिंदु हैं जैसे जापानी हाउस, पानी के फव्वारे, सतरंगी, झील, भूल भुलैया, फूलों के बगीचे और बुध की प्रतिमा जैसी और भी कई ऐतिहासिक धरोहर आने वाले पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र बिंदु हैं।

इस झील के मध्य भाग में पांडवों के पिता पांडू की 40 फीट ऊंची मूर्ति है और इस जगह का उपयोग आप चाहे तो वोटिंग के लिए भी कर सकते हैं।

6. वीरायतन म्यूजियम

जैन धर्म को समर्पित राजगीर में घूमने लायक जगह विरायतन म्यूजियम इसे 1983 में पर्यटकों के लिए खोला गया था।

और जैन धर्म के 24 तीर्थ पर्व को शिक्षा और जीवन पात्रों कि कई जीवंत लगने वाली मूर्तियां बनी हुई है इन्हें देखने पर ऐसा प्रतीत होता है कि मूर्तियां आपस में बातें कर रही है या फिर आपसे कुछ बोलने वाली है ।

जिस तरीके से वृंदावन के प्रेम मंदिर में जीवित लगने वाली मूर्तियां बनाई गई है ठीक उसी तरह इस संग्रहालय में जैन धर्म की 24 तीर्थ पर शिक्षा और जीवन पात्रों से संबंधित 50 झांकियों को बनाया गया एक बार यहां जरूर विजिट करिएगा सच में सब बेहतरीन जगह आपको कहीं और नहीं मिलेगी।

7. भगवान कृष्ण के रथ का निशान Lord Krishna’s Chariot Tracks

महाभारत युद्ध की जीती जाती निशानियां आज भी हमारे देश में बहुत जगह देखी जा सकती है यह उसी में से एक है राजगीर में भगवान श्री कृष्ण के रथ के पहिए का निशान।

इसके बारे में मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण का युद्ध जब जरासंध से हुआ उन्होंने बीच युद्ध से रणछोड़ कर जाना उचित समझा और जब उन्होंने अपने रथ को घुमाया तो उसी स्थान पर उनके पहिए के चिन्ह धरती में उभर आए जो कि भगवान कृष्ण के युद्ध को दर्शाता है।

8. ब्रह्मा कुंड राजगीर

जब बिहार के पर्यटन स्थल की बात आती है तो राजगीर का गर्म पानी के कुंड के बारे में जरूर चर्चा होती हैं और होनी भी चाहिए क्योंकि राजगीर में कई सारे ठंडे पानी और गर्म कुंड मौजूद है और उन्हीं में से एक है हमारा ब्रह्मा कुंड जिसका तापमान हमेशा 45 डिग्री सेल्सियस तक रहता है ।

राजगीर के इस कुंड के बारे में सदियों पहले से पौराणिक ग्रंथों में उल्लेख मिलता है की ब्रह्मा के पुत्र मानस ने जब यज्ञ करवाया था तो सभी देवी देवताओं को स्नान करने के लिए ब्रह्मा जी ने अपने दैवीय शक्ति से 22 कुंड को उत्पन्न किये थे उन्ही में से एक है ब्रह्मा कुंड।

यहां मकर संक्रांति के दिन बहुत ही विशाल मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें लाखों श्रद्धालु पहुंचकर इस कुंड में डुबकी लगाते हुए अपने मोक्ष की कामना करते हैं।

9. घोड़ा कटोरा लेक/ इको पार्क

जैसा नाम वैसा काम प्राचीन समय में यह इस खूबसूरत झील का उपयोग राजाओं के घोड़ों को पानी पिलाने के लिए किया जाता था तभी से इसका नाम घोड़ा कटोरा पड़ा।

लेकिन आज के समय में यह राजगीर में घूमने की जगह है जो चारों तरफ पहाड़ों से घिरा हुआ और शुद्ध वातावरण के बीच स्थित है इस झील पर्यटकों को नौका विहार करने के लिए उपयोग किया जाता है।

10.साइक्लोपीयन वॉल

आपने चाइना की दीवार के बारे में तो जरूर सुना होगा लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे भारत देश में भी ऐसी दीवाल मौजूद है जो सेटेलाइट से देखी जा सकती है।

जी हां हम बात करें साइक्लोपीयन वॉल की जिसे आज से लगभग 2500 साल पहले मौर्य वंश के शासकों के द्वारा बनवाई गई थी इसकी ऊंचाई 4 फीट और लंबाई 40 किलोमीटर है जो पूरे राजगीर शहर को घेरे हुई है।

लेकिन प्रकृति के प्रकोप के कारण अब यह दीवारें खंडार में तब्दील हो चुके हैं इनका कुछ ही भाग अब बचा हुआ है जो टूरिस्टो के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

11. विश्व शांति स्तूप

रत्नागिरी पर्वत के शिखर पर 150 फीट ऊंचा विश्व शांति स्तूप संपूर्ण दुनिया के सभी धर्मों के बीच भाईचारा और आपसी मेलजोल को दर्शाता है।

इसीलिए इस शांति स्तूप में केवल बौद्ध धर्म ही नहीं बल्कि दुनिया के सभी धर्मों के लोगों के लिए आस्था का केंद्र है शायद इसीलिए विश्व भर से सैलानी बिहार के इस खूबसूरत पर्यटन स्थल का दीदार करने के लिए आते हैं।

1312 फीट की ऊंचाई वाले इस पर्वत पर बने शांति स्तूप के भीतर चारों तरफ बौद्ध प्रतिमाएं विराजमान की गई।

12. गृद्धकुट पर्वत

यह स्थान अपने आप में बहुत ही पावन पवित्र है जहां कभी भगवान बुद्ध तप साधना किया करते थे बोधगया जाने से पहले भगवान बुद्ध ने इसी स्थान को अपनी तप साधना के लिए चुना था और यही पर्वत पर बैठकर 6 वर्ष घोर तपस्या किए थे।

यहां गिद्ध यानी (चील पक्षी) के आकार में बहुत सारी चट्टाने बिखरी पड़ी है इसीलिए इसे गृद्धकुट पर्वत के नाम से जाना जाता है जब आप यहां जाएंगे तो इन्हीं अपनी आंखों से देख सकते हैं।

13. जरासंध का अखाड़ा

अगर आपने महाभारत देखा होगा तो जरासंध का नाम तो आपने जरूर सुना होगा जो कुश्ती में बहुत प्रबल था। अपने पराक्रम से कई योद्धाओं को मार गिराता था यह यह उसी का जहां वह कुश्ती लड़ने की अभ्यास किया करते थे।

14. मनियार मठ

राजगीर का एक बहुत ही प्राचीन ऐतिहासिक धरोहर मनियार मठ जिसका शाब्दिक अर्थ होता है मणि धारण करने वाला इच्छाधारी नाग

इस मंदिर का निर्माण द्वापर युग में मगध नरेश राजा जरासंध ने मनसा देवी मंदिर के रूप में करवाया था लेकिन अभी पैकेट प्रकोप के कारण खंडहर में तब्दील हो चुका है अब केवल यह ऐतिहासिक विरासत बनकर रह गई है और यह राजगीर में घूमने वाली जगहों में से एक।

15. विपुलाचल पर्वत

यह स्थान बौद्ध धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है जो कि भगवान महावीर को समर्पित है यहां पर बौद्ध धार्मिक के चार मंदिर स्थापित किए गए हैं ।

इस मंदिर में भगवान महावीर के चरण पादुका के दर्शन होते हैं मंदिर तक पहुंचने का रास्ता काफी जटिल है जो पहाड़ों की घाटियों में जंगली रास्ते से सैकड़ों सीढ़ियां चढ़कर विपुलाचल पर्वत शिखर तक पहुंचा जाता है।

16. सोन भंडार

राजगीर रेलवे स्टेशन से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित दो प्राचीन गुफाएं मौजूद है जो बिंबिसार राजाओं के द्वारा बनवाया गया था ।

इन गुफाओं के बारे में ऐसा माना जाता है कि इन राजाओं के सोने का भंडार उनके मरने के उपरांत यहीं पर छिपाया गया होगा ।

17. सप्तपर्णी गुफा

राजगीर कई बौद्ध इतिहास से भरा पड़ा है उसी का एक हिस्सा है सप्तपर्णी गुफा इसके बारे में कहा जाता है कि बुध की मृत्यु के बाद यहीं पर पहली सभा बुलाई गई थी कि अब आगे क्या करना होगा।

यह बहुत ही ज्यादा रहस्यमई गुफा है एक पहाड़ से दूसरे पहाड़ के लिए बहुत दूर तक जाती है लेकिन अब एक खंडहर में तब्दील हो चुकी है।

17. भिम्बिसारा जेल

इस जेल का इतिहास बहुत ही अनोखा है प्राचीन समय में राजगीर का राजा भिम्बिसारा हुआ करता था और वह बौद्ध धर्म अपना लिया था और बुद्ध का प्रचार प्रसार किया करता था ।

यह सब भिम्बिसारा के बेटे से देखा नहीं गया उसे लगा की बौद्ध प्रचार में उसके पिता सारा धन खर्च किए दे रहे हैं तो उसने एक दिन अपने सैनिकों से अपने पिता को कैद करवा लिया ।

अपने पिता से पूछा कि आपकी कोई इच्छा है तो उन्होंने कहा कि मेरा जेल ऐसे स्थान में बनवा दो जहां से बुद्ध दिखाई दे तो उसने उनकी इच्छा के अनुसार ऐसे जगह पर जेल बनवाया जहां से भगवान बुद्ध साक्षात दिखाई देते थे

18. जयप्रकाश उद्यान

मनिहार मठ के पास स्थित जयप्रकाश उद्यान एक सुव्यवस्थित पार्क है जो पर्यटकों को कुछ शांति भरा समय बिताने के लिए अवसर प्रदान करता है। राजगीर घूमते घूमते जवाब थक जाएं कुछ समय बैठकर इस उद्यान में आराम कर सकते हैं।

राजगीर कब जाना चाहिए ?

दोस्तों वैसे तो राजगीर में सबसे अधिक पर्यटक गर्मियों के मौसम में यहां घूमने आते हैं कारण यह है कि ग्रीष्म काल में बच्चों की छुट्टियों का समय होता है जिसके कारण यहां ज्यादा भीड़ उमड़ती है लेकिन यहां जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच का होता है इसी समय यहां राजगीर महोत्सव मनाया जाता है।

राजगीर कैसे पहुंचे?

राजगीर घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए बस ट्रेन और हवाई मार्ग उपलब्ध जो भारत के सभी शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है

बाया रेल मार्ग

अगर आप का राजगीर पहुंचने का माध्यम ट्रेन है तो राजगीर का अपना रेलवे स्टेशन है जो कि भारत के प्रमुख शहरों जैसे – पटना ,कोलकाता, दिल्ली, लखनऊ, कानपुर जैसे शहरों से प्रतिदिन ट्रेनों का आवागमन होता है

लेकिन यदि आपके शहर से डायरेक्ट राजगीर के लिए ट्रेन नहीं मिलते तो पटना पहुंचकर राजगीर के लिए ट्रेन पकड़ सकते है।

बाया हवाई मार्ग

हवाई यात्रा करके राजगीर पहुंचने वाले यात्रियों के लिए इसका नजदीकी एयरपोर्ट पटना है जो कि राजगीर से 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

FAQ-

राजगीर कितने पहाड़ियों से घिरा हुआ था

बिहार का राजगीर मुख्य रूप से इन पांच पहाड़ियों से घिरा हुआ है रत्नागिरी, विपुलाचल, वैभवगिरी, सोंगिरी और उदयगिरि.

राजगीर क्यों प्रसिद्ध है

बिहार का महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल राजगीर कभी महाभारत कालीन मगध नरेश जरासंध की राजधानी हुआ करती थी और बाद में बुद्ध की बोधगया जाने से पहले की उनकी तपोस्थली भूमि थी इसलिए बौद्ध धर्म का प्रमुख तीर्थ स्थल भी है.

आशा करता हूं राजगीर में घूमने वाली सभी जगहों को आप विस्तार पूर्वक जान गए होंगे जिससे आपको घूमने में सहूलियत मिलेगी इसी तरह के अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए हमें कमेंट कर जरूर बताएं और जुड़े रहें हमारी वेबसाइट मेक भारत के साथ। 

Leave a Comment