Best -15] मिर्जापुर में घूमने की जगह (A-Z) जानकारी

अगर आप मिर्जापुर में पिकनिक का प्लान बना रहे और जानना चाहते हैं मिर्जापुर में घूमने की जगह के बारे में तो आपको अनिवार्य रूप से इस लेख को पढ़ना चाहिए जिससे आपको मिर्जापुर घूमने में सहूलियत होगी।

उत्तर प्रदेश राज्य में गंगा नदी के किनारे बसा मिर्जापुर जिला अपने प्रसिद्ध धार्मिक ऐतिहासिक और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए संपूर्ण भारत में जाना जाता है मिर्जापुर के दार्शनिक स्थल में शामिल झील, झरने, नदियां, पर्वत श्रृंखलाएं, तीर्थ स्थल और मां गंगा की कलकल करती जलधारा के बीच आने वाले पर्यटक नौका विहार करने से अपने आप को रोक नहीं पाते।

मिर्जापुर भारत के उन शहरों में शामिल है जो साल भर तीर्थ यात्रियों की अगुवाई करता है यहां स्थित मां विंध्यवासिनी धाम दुनिया की एकमात्र ऐसी जगह है जहां देवी दुर्गा के सभी स्वरूपों के दर्शन होते हैं।

मिर्जापुर में घूमने की जगह

चलिए जानते हैं मिर्जापुर पर्यटन स्थल के बारे में जो सैलानियों को मिर्जापुर यात्रा के दौरान अपनी सूची में जरूर शामिल करना चाहिए-

1. Aqua Jungle वाटर पार्क मिर्जापुर

एक्वा जंगल मिर्जापुर का सबसे बड़ा और प्रसिद्ध वॉटर पार्क है जहां कई प्रकार के एडवेंचर एक्टिविटी होती हैं जैसे – जिपलाइन , स्काई साइकिलिंग, वाटर स्लाइड ,स्विमिंग पूल, समुद्री लहरें के साथ-साथ यहां के पार्क में आर्टिफिशियल तरीके से जानवरों और पेड़ों के शानदार आर्किटेक्चर पर्यटकों का आकर्षण है।

अगर आप एक साहसिक पर्यटक हैं तो आपको एक बार यहां जरूर विजिट करना चाहिए इससे बेहतरीन जगह पूरे मिर्जापुर में आपको इंजॉय करने को और कहीं नहीं मिलेगी।

मिर्जापुर से बनारस को जाने वाली रास्ते मैं 62 किलोमीटर दूर अहरौरा नगर में बसा यह वाटर पार्क प्रसिद्ध अपने एडवेंचर और पानी में होने वाली गतिविधियों के लिए जहां कई प्रकार के एक्टिविटी कराई जाती हैं।

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2. लखनिया दरी

मिर्जापुर के अहरौरा नगर के दक्षिण में 8 किलोमीटर दूर बहुत ही प्राचीन गुफाएं हैं जो आज से हजारों वर्ष पूर्व आदिमानव की बस्ती हुआ करती थी यहां उनके द्वारा पत्थरों में उकेरा गया शैल चित्रों से साफ साफ पता चलता है कि उस समय के आदिमानव जीव, जंतु, हाथी, घोड़े और प्रकृति से बहुत प्रेम करते थे शायद इसीलिए आज भी यह गुफाएं उस समय का संदेश दे रही हैं।

गुफाओं के अलावा यहां पर घूमने के लिए खूबसूरत जलप्रपात है जो बरसात के समय पर्यटकों का प्रमुख केंद्र रहता है।

आपको यहां जाने से दो फायदे होंगे एक तो प्राचीन समय के गुफाओं में इतिहास और दूसरा झरने का मनोरम दृश्य देखने को मिलेगा। और साथ ही यहां से 1 किलोमीटर की पैदल दूरी पर स्थित चूनादरी झरना मिर्जापुर में घूमने लायक जगह में से एक है।

3. अलोपी झरना

इस जलप्रपात की खासियत है कि चाहे कितनी भी गर्मी का मौसम है फिर भी है लगातार ठंडे पानी की कल कल करती धाराएं बहती रहती है स्थानीय पर्यटक यहां गर्मियों के दिनों में स्नान भी करते हैं।

झरने के आसपास बांस के घने जंगल और पहाड़ों की बड़ी-बड़ी चट्टानों से कई स्तरों में पानी नीचे की तरफ गिरता है और कुदरत का यह मनमोहक दृश्य देखकर मन प्रफुल्लित हो जाता है।

यह जलप्रपात मिर्जापुर से चुनार को जाने वाले रास्ते में लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर उमरिया दाढ़ी राम नामक गांव में स्थित है

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4. मां विंध्यवासिनी मंदिर

मिर्जापुर शहर से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित विंध्यांचल पर्वत पर मां विंध्यवासिनी का मंदिर उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि संपूर्ण जगत में फेमस है ।

इस स्थान का वर्णन श्री भगवत गीता में मिलता है माता यशोदा की पुत्री योग माया को देवकी की आठवीं संतान समझकर कंस ने जब उसे मारने की कोशिश की तब देवी उसके हाथ से छूटकर दुर्गा का विकराल रूप धारण करके कंस को मारने की भविष्यवाणी की थी कंस तुझे मारने वाला मथुरा में जन्म ले चुका है फिर वहां से मां उसी रूप में आकर यहां विराजमान हो गई।

भारत में एकमात्र ऐसी जगह है जहां देवी दुर्गा अपने सभी रूपों में विराजमान है इसीलिए यह स्थान हिंदू धार्मिक दृष्टि से बहुत ही प्रसिद्ध है.

5. काली खोह मंदिर

मिर्जापुर के विंध्यवासिनी मंदिर से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है काली खोह गुफा है जहां मां काली की अद्भुत प्रतिमा है जो आकाश की ओर मुंह खोल कर देख रही हैं।

इस प्रतिमा का पौराणिक महत्व भी है की प्राचीन समय में रक्तबीज नाम का एक ऐसा राक्षस हुआ करता था जिसका खून पृथ्वी में जितने बूंद गिरता था उतने ही राक्षस और पैदा होते थे तब देवी ने यहां प्रकट होकर उस राक्षस का वध करके सारा खून पी गई इसीलिए यह मूर्ति आकाश की ओर मुंह करके देख रही हैं।

6. अष्टभुजा मंदिर

यह मंदिर विंध्याचल धाम स्थित त्रिकोण परिक्रमा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो भगवान श्री कृष्ण की बहन योग माया को समर्पित है यहां मां अपने उसी रूप में विराजमान है जिस रूप में द्वापर युग में कंस के मरने की भविष्यवाणी की थी।

7. चुनार का किला

मिर्जापुर के इतिहास के पन्नों में अमर इस किले को राजा विक्रमादित्य के शासनकाल में बनाया गया यह किला मिर्जापुर में गंगा नदी के दक्षिणी छोर पर स्थित है।

यहां कई बड़े-बड़े दिग्गज हिंदू और मुगल बादशाहो ने शासन किया है जिनमें से – पृथ्वीराज चौहान, शहाबुद्दीन गौरी, स्वामी राज, मोहम्मद शाह , सिकंदर शाह लोधी ,शेरशाह सूरी और हुमायूं जैसे और भी कई राजवंशों के शासन का प्रत्यक्ष साक्षी रहा है चुनार का किला।

आज के समय में यह किला मिर्जापुर के पिकनिक स्पॉट का प्रमुख हिस्सा है जो कि शहर से लगभग 35 किलोमीटर चुनार नामक गांव पर स्थित है किले के दुर्ग में पर्यटकों को देखने योग्य कई ऐसे रहस्यमय स्थान है जो आज से सैकड़ों वर्षो पहले के हैं।

चुनार किला में देखने लायक स्थान

  • सूर्य धूप घड़ी
  • सनसेट पॉइंट
  • सोनबा मंडप
  • विशाल कुआं इत्यादि

8. राम गया घाट मिर्जापुर

शिवपुर क्षेत्र में स्थित राम गया घाट मिर्जापुर का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है यहां देवों के देव यानी कि महादेव का रामेश्वरम मंदिर और मां तारा शक्तिपीठ है जो कि विंध्यांचल त्रिकोणी परिक्रमा का अहम हिस्सा है मिर्जापुर के इस घाट से गया के बीच की जो गंगा नदी है उसे शिव गंगा के नाम से जाना जाता है।

इस स्थान का महत्व त्रेता युग से जुड़ा हुआ है पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीराम ने अपने पितरों का का तर्पण यही किया था उनका एक पैर स्मृति के रूप में गंगा नदी के बीच में आज भी निशानियां के तौर में मौजूद और दूसरे पैर के पदचिन्ह बिहार के गया में गंगा नदी पर ही है।

9. टंडा जलप्रपात

मिर्जापुर शहर से 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित टंडा जलप्रपात मानसून के समय में घूमने के लिए शानदार पिकनिक स्पॉट है।

यहां तक पहुंचने का रास्ता आपको थोड़ा परेशान कर सकता है लेकिन जब आप इसके करीब पहुंचेंगे और इसे सादगी भरे भाव से देखेंगे तो आपके मन को प्रफुल्लित कर देगा और आपकी यात्रा में एक नया रोमांच ला देगा।

यहां घूमने का सबसे बेस्ट समय जुलाई से सितंबर के बीच का होता है क्योंकि उस समय पानी पर्याप्त मात्रा में झरने में बहता रहता है जिसके कारण नजारा बेहद लुभावना होता है।

10. गंगा में नाव की सवारी

मिर्जापुर गंगा नदी के किनारे बसे होने के कारण यहां पर कई गंगाघाट है जहां नाव की सवारी कराई जाती है और इस का आनंद उठाने के लिए काफी दूर-दूर से पर्यटक गंगा में डुबकी लगाने के बहाने नौका विहार का लुफ्त उठाने आते ।

तो आप जब भी मिर्जापुर की सैर करने जाएं तो वहां नौका बिहार का भरपूर मजा उठाएं।

11. सिद्धनाथ की दरी

मिर्जापुर से 20 किलोमीटर दूरी पर स्थित एक दिव्य स्थान है जहां पर्वत के चट्टानों में साधना स्थल, दुर्लभ चित्र, पहाड़ों से बहती सुखद अनुभव कराने वाली जलधारा, गहरी खाई और चारों ओर जंगलों से घिरा क्षेत्र सिद्धनाथ बाबा का आश्रम हुआ करता था। यह स्थान पर्यटन और अध्यात्म का संगम है इसीलिए यह मिर्जापुर में घूमने लायक जगह में से एक है।

12. सीता कुंड

मिर्जापुर रेलवे स्टेशन से 7 किलोमीटर दूर विंध्यांचल पर्वत के पास एक रामायण कालीन कुंड है जिसके बारे में ऐसी मान्यता है कि यहां अपने वनवास काल के समय भगवान राम माता सीता और लक्ष्मण समेत आए हुए थे और माता को खाना बनाने के लिए पानी की जरूरत थी तब भगवान श्रीराम ने अपने बाणों से इस बाणगंगा का निर्माण किया जिसे हम सीताकुंड के नाम से जानते हैं।

आप यहां भी जाइए दर्शन कीजिए और अपने अगले गंतव्य की ओर बढ़े।

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13. सिरसी बांध और जलप्रपात

शहर के भीड़भाड़ से लगभग 1 घंटे के सफर में प्रकृति के अद्भुत परिदृश्य को देखने के लिए परिवार जनों के साथ निश्चित रूप से यहां घूमने जाना चाहिए और कुदरत के इस करिश्माई चट्टानों से कल कल कर बहते झरने का तथा मानव निर्मित जलाशय का आनंद उठाना चाहिए।

मिर्जापुर से 45 किलोमीटर दूर सिरसी जलप्रपात मानव निर्मित बांध है जिसे पानी के संरक्षण के लिए बनाया गया है और आज के समय में मिर्जापुर के दार्शनिक स्थल के लिए भी जाना जाता है।

यहां मानसून के समय में स्थानीय पर्यटक परिवार और दोस्तों के साथ कुदरत के इस करिश्माई झरने को देखने के लिए जाना पसंद करते हैं।

14. अंबेडकर पार्क

मिर्जापुर में घूमने लायक जगहों की बात हो लेकिन अंबेडकर पार्क की बात ना आए तो इसके साथ नाइंसाफी होगी।

स्थानीय पर्यटकों का पसंदीदा घूमने फिरने का स्थान मिर्जापुर का यह गार्डन काफी व्यस्त पार्क है यहां हर समय स्थानीय पर्यटक घूमते फिरते मौज मस्ती करते दिख जाएंगे

शांति भरा लम्हा बिताने के लिए लोग अपने घरों से निकल कर इस सुव्यवस्थित पार्क की तरफ पलायन करते हैं। तो आप भी मिर्जापुर भ्रमण के दौरान इस गार्डन को विजिट अवश्य करें।

15. खजुरी बांध

दोस्तों यदि आप मिर्जापुर में घूमने वाली जगह में किसी ऐसे स्थान की तलाश में हैं जहां पानी का विशाल जलाशय और साथ में बहता झरना हो जिससे दोनों का आनंद एक साथ उठाया जा सके तो आपको खजूरी डैम घूमने का प्लान अवश्य करना चाहिए।

यहां आपको मानव निर्मित मन लुभावना झरना देखने को मिलेगा जो नहर में बने बांध के ओवरफ्लो से बनता है।

16. खड़ंजा फाल

मिर्जापुर घाटियों और पहाड़ियों से घिरा हुआ है जिसके कारण यहां कई विहंगम प्राकृतिक झरने बहते हैं उन्हीं में से एक है खड़ंजा झरना जोकि बरकछा नामक क्षेत्र में स्थित है।

मानसून के दौरान स्थानीय पर्यटक यहां जल कीड़ा तथा कुदरत के खूबसूरत दृश्य को देख कर अपनी आंखों को सुकून देने के लिए अक्सर यहां आते हैं।

ध्यान रखें – जब भी आप यहां के किसी भी जलप्रपात में घूमने के लिए जाएं तो दूर से ही कुदरत की खूबसूरती को देखें पानी के अंदर बिल्कुल भी ना जाए .

मिर्जापुर घूमने का सबसे अच्छा समय ?

मिर्जापुर घूमने का सबसे अच्छा समय जुलाई से लेकर जनवरी तक होता है कारण यह है कि यहां के पहाड़ों की हरियाली और झरनों का मंत्रमुग्ध कर देने वाला नजारा इसी मौसम में देखने को मिलता है।

मिर्जापुर कैसे घूमे ?

दोस्तों अगर आप मिर्जापुर से नहीं है किसी अन्य शहर से यहां घूमने के लिए आ रहे हैं तो आपके पास मिर्जापुर के पिकनिक स्पॉट को घूमने के लिए कई ऑप्शन जिनमें से सबसे अच्छा और सस्ता विकल्प है किराए पर बाइक लेकर जो कि रेलवे स्टेशन या फिर बस स्टैंड के बाहर बहुत सारे एजेंट मिल जाएंगे जो किराए पर गाड़ी देते हैं और इनका चार्ज ₹500 से स्टार्ट होकर 1000 तक प्रतिदिन होता है।

FAQ-

Q. मिर्जापुर किसके लिए प्रसिद्ध है ?

मिर्जापुर प्रसिद्ध है हिंदू तीर्थ स्थल के लिए जो गंगा नदी के किनारे स्थित विंध्यांचल पर्वत में विराजमान शक्तिपीठ विंध्यवासिनी धाम के नाम से जाना जाता है और यह विश्व का इकलौता ऐसा मंदिर है जहां मां दुर्गा अपने सभी स्वरूपों में विराजमान है.

Q. मिर्जापुर में कौन सा बांध है ?

मिर्जापुर जिले के अंतर्गत कुल 2 बांध है जिनमें से सिरसी बांध, और खजुरी बांध हैं.

Q. मिर्जापुर कैसे पहुंचे ?

वैसे तो इस शहर में रेलवे स्टेशन है लेकिन विश्व प्रसिद्ध काशी बनारस से मिर्जापुर की दूरी मात्र 60 किलोमीटर होने से यहां तक पहुंचना बहुत आसान है क्योंकि वाराणसी तक भारत के सभी छोटे बड़े शहरों से ट्रेन और हवाई जहाज का प्रतिदिन आवागमन होता है।

निष्कर्ष

आशा करता हूं मिर्जापुर में घूमने वाली जगह की सूची आपको पसंद आई होगी अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें

आपका कोई सुझाव या सवाल हो तो हमें नीचे कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं

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