मध्यप्रदेश में घूमने की जगह :- भारत के दिल में बसा मध्य प्रदेश टूरिज्म के मामले में देश के अन्य राज्यों से बहुत आगे हैं यहां के पर्यटन स्थलों की सूची में शामिल हिल स्टेशन, आईलैंड , टाइगर सफारी , वाइल्ड लाइफ सेंचुरी ,तीर्थ नगरी, झरने, महल, पार्क, और प्राचीन पुरातात्विक ऐतिहासिक धरोहर जैसे स्थान राज्य को दुनिया भर में गौरवान्वित कर रहे हैं।
इतना ही नहीं यह राज्य धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक परंपराओं के लिए जाना जाता है। सभ्यता के मामले में इस राज्य के निवासी देश के अन्य राज्यों की अपेक्षा बहुत ही सभ्य स्वभाव के होते हैं इनके अंदर अपनापन और लगाओ बहुत ज्यादा होता है ।
आइए जानते हैं मध्य प्रदेश में घूमने लायक जगह के बारे में जहां सबसे ज्यादा पर्यटक घूमने के लिए आते हैं।
मध्यप्रदेश में घूमने की जगह
इस लेख में मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थल को विस्तार पूर्वक बताया गया आपसे अनुरोध है अंत तक पढ़ें –
1. हनुमंतिया आईलैंड
आज के आधुनिक समय में युवाओं के बीच प्रसिद्ध आईलैंड मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित राज्य का सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों में शुमार हनुमंतिया टापू जो जाना जाता है वाटर स्पोर्ट, कैंपिंग, पतंगबाजी, साइकिलिंग, बर्ड वाचिंग , हॉट एयर बैलून, क्रूज वोटिंग, और नौका विहार जैसी गतिविधियों के लिए इसे राज्य सरकार द्वारा इंदिरा गांधी बांध से उत्पन्न हुए झील में निर्मित किया गया है।
यहां हर वर्ष जनवरी के महीने में विशाल समारोह का आयोजन किया जाता है जिसमें भारत के कोने कोने से पर्यटक यहां एडवेंचर एक्टिविटी और पानी में होने वाले खेलों के लुप्त उठाने के लिए आते हैं।
हनुवंतिया टापू कैसे पहुंचे
इस का नजदीकी रेलवे स्टेशन खंडवा जंक्शन तथा एयरपोर्ट इंदौर है अगर आपके शहर से डायरेक्ट खंडवा के लिए रेलवे कनेक्टिविटी नहीं है तब इंदौर पहुंचकर हनुमंतिया टापू के लिए प्रस्थान कर सकते हैं।
हनुवंतिया आईलैंड घूमने की पूरी जानकारी के लिए से पढ़ें
2. प्रेम का प्रतीक मांडू
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मध्य प्रदेश के प्राचीन धार्मिक ऐतिहासिक नगरों की सूची में शामिल मांडू हिल स्टेशन के साथ-साथ प्रसिद्ध है दो ऐसे प्रेम के दीवानों के लिए जिनकी गूंज सैकड़ों वर्षो बाद भी यहां बने किलो में सुनाई देती है।
आपने ताजमहल के बारे में तो बहुत सुना होगा लेकिन क्या आपने कभी दो ऐसे दीवानों की गाथा सुनी है अगर नहीं सुना है तो इस आर्टिकल को पढ़ें
मांडू का किला प्रेम और पराजय का प्रतीक तथा घूमने की पूरी जानकारी
- अगर आप मध्यप्रदेश में मसूरी के जैसे बादलों से ढके हुए पहाड़ को देखना चाहते हैं तो आपको मांडू टूर प्लान करना चाहिए।
- इसके साथ ही आपको यहां रानी रूपमती और बाज बहादुर से संबंधित महल तथा उनकी अमर प्रेम कहानी महलों में सुनने के लिए मिल जाएंगे।
- प्रेम और पराजय का प्रतीक मांडू का किला प्राचीन भारतीय इतिहास के दो प्रेम के परिंदों की निशानी है
मांडू के पर्यटन स्थल
- मालवा पठार का पीक प्वाइंट
- रानी रूपमती का महल
- रीवा कुंड
- सुल्तान बाज बहादुर महल
- दारा खान का मकबरा
मांडू कब जाना चाहिए
अगर आप मानसून के समय जुलाई से सितंबर के बीच में मांडू जाते हैं तो आपको वहां के जंगल और पहाड़ों की रौनक और बादलों की धुंध बेहद पसंद आएगी
मांडू कैसे पहुंचे
चलिए जानते हैं आखिर वह कौन है हरी-भरी घाटियां और पहाड़ों की तलहटी में बसा मांडू प्रकृति सुंदरता का एक अद्भुत नमूना है।
3. पंचमढ़ी
मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में स्थित पचमढ़ी यहां का एकमात्र हिल स्टेशन है जो विदेशी पर्यटकों का पसंदीदा टूरिस्ट प्लेस है खास करके शादी के बंधन में बंधे नए जोड़ों के लिए हनीमून डेस्टिनेशन के लिए पचमढ़ी काफी शानदार स्थान है।
यहां के प्रमुख आकर्षण घुमावदार रास्ते, पहाड़ों की ट्रैकिंग, हसीन वादियां, फूलों, महलों, घाटियां झील, झरने, नदियां और हरे-भरे जंगल तथा बादलों से ढके पर्वत शामिल है।
पचमढ़ी कैसे पहुंचे
पचमढ़ी का नजदीकी रेलवे स्टेशन पिपरिया जंक्शन है तथा इसका निकटतम हवाई अड्डा भोपाल है।
4. खजुराहो
यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल खजुराहो मध्य प्रदेश का प्रमुख पिकनिक स्पॉट है जो विदेशी सैलानियों को साल भर अपनी कलाकृतियां, कामुक मूर्तियां और मंदिरों की बेहतरीन नक्काशी की वजह से अपनी तरफ खींचने में कामयाब होता है।
ज्यादातर लोग खजुराहो को कामुक मूर्तियों के लिए जानते हैं लेकिन बहुत ही कम ऐसे लोग हैं जो इसके इतिहास के बारे में जानते हैं।
आज से हजारों वर्ष पहले लगभग 950 और 1050 ईस्वी में बनाए गए यहां हिंदू और जैन मंदिरों का समूह है । यहां प्राचीन समय में यहां 80 मंदिरों का निर्माण किया गया था लेकिन अब मात्र 22 ही ऐसे मंदिर बचे हुए हैं जहां पर्यटक घूमने के लिए जा सकते हैं।
खजुराहो में घूमने वाली जगह
- कंदरिया महादेव मंदिर
- चित्रगुप्त मंदिर
- लक्ष्मण मंदिर
खजुराहो कैसे पहुंचे
का नजदीकी रेलवे स्टेशन महोबा है जो कि 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है तथा हवाई अड्डा खजुराहो इंटरनेशनल एयरपोर्ट है।
5. कान्हा नेशनल पार्क
मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित कान्हा राष्ट्रीय उद्यान भारत की एकमात्र ऐसी जगह है जहां बारहसिंघा सबसे ज्यादा पाए जाते हैं देश में बारहसिंघा के जीवन रेखा तथा संरक्षण के लिए सबसे अनुकूलित जगह यही मानी जाती है ।
जब भारत से बारहसिंघा विलुप्त होने की कगार पर थे तब सरकार को इन्हें संरक्षित करने के लिए किसी खास स्थान की तलाश थी और तलाश पूरी हुई कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के रूप में जहां आज बारहसिंघा के साथ-साथ टाइगर सफारी हाथी सफारी का विकल्प उपलब्ध है।
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान घूमने का सबसे अच्छा समय मध्य दिसंबर से लेकर अंतिम जनवरी तक का माना जाता है कारण यह है कि उसी समय बारहसिंघा गर्भावस्था में होते हैं और उस समय इन्हें बेहद करीब से देखा जा सकता है।
6. भेड़ाघाट
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जबलपुर जिले में नर्मदा नदी पर बनने वाला यह झरना मार्बल रॉक्स की वजह से संपूर्ण भारत में विख्यात है। इसे मध्य प्रदेश का प्राकृतिक सौंदर्य होने का गौरव प्राप्त है।
आपने घरों तथा महलों में मार्बल देखे होंगे लेकिन क्या आपको कभी मार्बल चट्टानों के बीच बहती नदी में वोटिंग करने का अवसर मिला है अगर नहीं तो आपको मध्य प्रदेश मैं घूमने लायक जगह भेड़ाघाट झरना का भ्रमण एक बार जरूर करना चाहिए।
भेड़ाघाट कैसे पहुंचे
भेड़ाघाट का नजदीकी रेलवे स्टेशन तथा एयरपोर्ट जबलपुर है जो कि 10 किलोमीटर के भीतर स्थित है।
7. पीपल मॉल भोपाल
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शॉपिंग मॉल तो आपने बहुत शहरों में देखे होंगे लेकिन भोपाल के पीपल मॉल जैसा शायद ही आपने कभी देखा हो।
यह शॉपिंग मॉल के साथ-साथ एम्यूज़मेंट पार्क भी है जिसके अंदर दुनिया के सात अजूबे तथा इंडिया गेट, लाल किला, लोटस टेंपल, और ताज होटल के साथ ही साथ कृत्रिम कश्मीर को यहां एक ही साथ में देख सकते हैं।
8. जानापाव कुटी
मालवा पठार की सबसे ऊंची चोटी जानापाव कुटी इंदौर से 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यह प्राकृतिक सौंदर्य का एक अद्भुत नमूना।
यहां के शांत और शुद्ध वातावरण में पक्षियों की मनमर्जियां आने वाले पर्यटकों के दिल को छू लेते हैं शायद इसीलिए इंदौर शहर वासी छुट्टियों के दिनों में यहां के हरे भरे पहाड़ों में ट्रेकिंग करना पसंद करते हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि भगवान विष्णु अवतार परशुराम जन्म स्थान का वर्णन पुराणों में इसी स्थान का किया गया है।
9. धारकुंडी आश्रम
मंत्रमुग्ध कर देने वाली वादियां घने जंगलों ,पर्वतों और झरनों के मध्य स्थित धारकुंडी जो तप साधना और अध्यात्म का सर्वोच्च अनुभव कराता है।
आज के भागदौड़ भरी जिंदगी में कुछ शांति भरा पल बिताने के लिए यहां पर्यटक अध्यात्म और साधना का अनुभव करने के लिए आते हैं ।
मध्य प्रदेश के इस दर्शनिक स्थल का वर्णन श्री भगवत गीता में भी किया गया है महाभारत युद्ध की समाप्ति के बाद राजा युधिष्ठिर अपने भाइयों समेत यहां आए थे।
धारकुंडी कैसे पहुंचे
मध्यप्रदेश के सतना जिले में स्थित धारकुंडी आश्रम पहुंचने के लिए इसका निकटतम रेलवे स्टेशन सतना है तथा हवाई अड्डा जबलपुर।
10. चित्रकूट
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यह वही स्थान है जहां भगवान राम अनुज लक्ष्मण और माता सीता सहित 11 वर्ष तक अपने वनवास काल के समय को बिताए थे।
लाखों करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र चित्रकूट मध्यप्रदेश के सतना जिला में स्थित है इसके बारे में आपने रामायण में जरूर सुना होगा ।
यहां त्रेता युग की कई निशानी जगह जगह पर बिखरी पड़ी है जो उस समय की गाथाओं को सच साबित करते हैं ।
चित्रकूट में घूमने के लिए स्थान
- गुप्त गोदावरी
- रामघाट
- सीता रसोई
- सती अनुसुइया
- हनुमान धारा
- लक्ष्मण पहाड़ी
- भरतकूप
चित्रकूट यात्रा की संपूर्ण जानकारी के लिए इसे पढ़ें
11. मैहर
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भारत का एकमात्र शारदा देवी मंदिर मध्य प्रदेश के सतना जिला के त्रिकूट पर्वत की श्रृंखला में स्थित है।
भक्तों को मंदिर तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां तथा रोपवे के माध्यम से पहुंचना होता है अगर आप सीढ़ियों के माध्यम से जाते हैं तो आपको 1063 चढ़कर देवी के भवन तक पहुंचना पड़ता है।
लेकिन मेरा सुझाव है कि जब आप मैहर जाएं तो वहां के रोपवे का आनंद उठाएं क्योंकि यह हरे-भरे पहाड़ों और घाटियों से होकर गुजरता है जिसका नजारा मंत्रमुग्ध कर देता है।
मैहर कब जाएं
मैहर धाम साल में कभी भी घूमने के लिए जा सकते हैं यहां हर समय श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जाती है लेकिन त्योहारों के समय खासकर के नवरात्रि में भक्तों की संख्या गिनने में नहीं आती।
मैहर कैसे पहुंचे
वैसे तो मैहर रेलवे स्टेशन है लेकिन अगर आपके शहर से डायरेक्ट यहां के लिए ट्रेन उपलब्ध नहीं है तो सतना या प्रयागराज पहुंचकर मैहर के लिए ट्रेन पकड़ सकते हैं और इसका नजदीकी एयरपोर्ट जबलपुर है।
मां शारदा देवी मंदिर मैहर का दर्शन ऐसे करें होगी सभी मुरादें पूरी
12. सांची स्तूप
विश्व धरोहर सांची का स्तूप मध्य प्रदेश के रायसेन जिला के अंतर्गत एक छोटी पहाड़ी पर स्थापित स्तूप बौध्य धार्मिक दृष्टि से एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है ।
यहां पर्यटकों को घूमने तथा पिकनिक मनाने के लिए कई ऐसे प्राचीन ऐतिहासिक स्थान मौजूद जिनमें से सबसे प्रसिद्ध है अशोक स्तंभ, सांची स्तूप, गुप्त मंदिर, चार द्वार,म्यूजियम, सांची का ग्रेट बावल, और बौद्ध विहार जैसी जगह के दर्शन करने के लिए मिल जाएंगे।
सांची घूमने का सबसे अच्छा समय सर्दियों का मौसम होता है और उसी समय यहां फेस्टिवल समारोह मनाया जाता है
सांची कैसे पहुंचे
सांची का नजदीकी रेलवे स्टेशन विदिशा है जो कि मात्र 10 किलोमीटर दूरी पर है तथा या राजधानी भोपाल से 52 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। नजदीकी एयरपोर्ट भोपाल है जो कि 46 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
13. नर्मदा उद्गम अमरकंटक
![Best 22] मध्यप्रदेश में घूमने की जगह A to Z जानकारी amarkantak](https://makebharat.com/wp-content/uploads/2022/05/amarkantak.jpg)
अमरकंटक मध्य प्रदेश राज्य का प्रमुख हिंदू जैन तीर्थ स्थल है यहां के घने जंगलों से तीन प्रमुख नदियों का उद्गम होता है जिसमें से नर्मदा सोन तथा जोहिला नदी शामिल है। आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि एमपी की सबसे बड़ी नदी नर्मदा ही है।
अमरकंटक में घूमने लायक जगह
- दूध धारा
- कपिलधारा
- नर्मदा कुंड
- सोनाक्षी शक्तिपीठ
- माई की बगिया
- श्री सर्वोदय दिगंबर जैन मंदिर
- सोनमुड़ा
14. भीमबेटका
यह स्थान प्राचीन पाषाण काल में आदिमानव बस्ती करता था जब मनुष्य ने पत्थरों का औजार इस्तेमाल करना शुरू भी नहीं किया था तब से यहां आदिमानव रह रहे थे यहां आज भी उनके अवशेष देखे जा सकते हैं।
यहां बनी गुफाओं में आज से हजारों वर्ष पहले हमारे पूर्वजों के रहन-सहन और उनके द्वारा उकेरी गई चट्टानों में जानवरों तथा उस समय के संस्कृति और सभ्यता को बड़ी ही खूबसूरती के साथ प्रस्तुत किया गया।
यहां कई सारी गुफाएं मौजूद हैं जहां आदिमानव रहा करते थे यहां जाने के बाद आप देख पाएंगे कि मानव इतना लंबा सफर तय करने के बाद कहां से कहां पहुंच गया।
भीमबेटका कैसे पहुंचा
भीमबेटका पहुंचने के लिए आपको सबसे पहले भोपाल आना पड़ेगा फिर वहां से 80 किलोमीटर की दूरी बस के द्वारा तय करते हुए पहुंचा जा सकता।
15. महाकालेश्वर धाम
![Best 22] मध्यप्रदेश में घूमने की जगह A to Z जानकारी mahakaleshwar](https://makebharat.com/wp-content/uploads/2022/05/mahakaleshwar.jpg)
मध्य प्रदेश के उज्जैन जिला मैं शिप्रा नदी के किनारे स्थित महाकालेश्वर धाम भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है ।
यह जगह उन चार प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में शामिल है जो हर 12 वर्ष में कुंभ मेले का प्रतिनिधित्व करते हैं।
इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां भगवान शिव को मुर्दों की चिता से निकलने वाली राख से प्रतिदिन भस्म आरती की जाती है जिसमें हजारों श्रद्धालु के साथ-साथ पक्षियों में शामिल होते हैं ।
महाकालेश्वर मंदिर परिसर में भगवान शिव का अदभुत मंदिर बनाया जा रहा है जो जीवंत जैसी लगने वाली मूर्तियों के रूप में निर्माण हो रहा है ।
इसे बनाने के लिए भारत के चुनिंदा शिल्पकार पत्थरों की नक्काशी करने के लिए बुलाए गए जो कि 2023 में बनकर श्रद्धालुओं के लिए चालू हो जाएगा।
महाकालेश्वर कैसे पहुंचे
यहां पहुंचना बहुत आसान है क्योंकि यह इंदौर से मात्र 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है अगर आपके शहर से डायरेक्ट महाकालेश्वर के लिए ट्रेन हवाई जहाज नहीं है तो आप इंदौर आ कर महाकालेश्वर के लिए प्रस्थान कर सकता है।
16. उदयगिरि की गुफाएं
मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में स्थित अत्यंत प्राचीन 20 गुफाएं बनी हुई है जो लगभग 4 से 5 ईसवी के बीच अनुमानित पुरातात्विक द्वारा बताया जाता है।
पहाड़ों को काटकर छोटे-छोटे कमरों के रूप में इन्हें निर्मित किया गया है इन गुफाओं की बाहरी दीवारों पर हिंदू तथा जैन धर्म के देवी देवताओं को बड़ी सुंदरता के साथ उकेरा गया है।
अगर आपको प्राचीन इतिहास और सभ्यता को जानने में रुचि है तो आप एक बार उदयगिरि की प्राचीन गुफाओं को देखने के लिए जा सकते हैं ।
17. भोपाल का बड़ा तालाब
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जैसा कि आपको पता ही होगा कि भोपाल झीलों का शहर है यहां कई छोटी बड़ी कृत्रिम और प्राकृतिक झीलें मौजूद है लेकिन उन सभी में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध बड़ा तालाब है जो वन विहार क्षेत्र के किनारे स्थित है।
यहां देश-विदेश से पर्यटक वोटिंग करने के लिए आते हैं अगर आप भी मध्यप्रदेश में रहकर खूबसूरत जगह में नौका विहार का आनंद लेना चाहते हैं तो इससे बेहतर जगह कहीं और नहीं मिलने वाली है।
इसके आसपास पर्यटकों को घूमने के लिए वन विहार, सैर सपाटा, मानव जीवन संग्रहालय इत्यादि हैं।
18. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व
प्रदेश के सबसे मशहूर पिकनिक स्पॉट बांधवगढ़ जो कभी रीवा रियासत के अंतर्गत हुआ करता था प्राचीन समय में यह स्थान विश्व भर के राजवंशों के शिकार करने का प्रमुख स्थान हुआ करता था आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि यहीं पर दुनिया का पहला सफेद शेर पाया गया था।
आज के समय में यह स्थान टाइगर सफारी के लिए बहुत ही प्रसिद्ध है जो हर साल लाखों पर्यटकों को अगवाई करता है।
यहां संरक्षित किए जाने वाले जंगली जानवर बाघ ,शेर ,चीता, हाथी , और बताइए जी भजन के अलावा सैकड़ों प्रजातियों के पक्षियों का बसेरा है।
19. ओमकारेश्वर धाम
हिंदू तीर्थ स्थल ओमकारेश्वर धाम 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक जो की नर्मदा नदी के किनारे खंडवा जिले में स्थित है यह स्थान धार्मिक स्थल होने के साथ-साथ हिल स्टेशन के लिए भी प्रसिद्ध है ।
यहां आने वाले श्रद्धालु पहाड़ों की ट्रैकिंग और यहां की खूबसूरत वादियों का अद्भुत नजारा देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं
20. ग्वालियर का किला
विदेशी पर्यटकों का पसंदीदा स्थान ग्वालियर का किला जब भारत में सबसे खूबसूरत किलो की बात आती है तो इसका स्थान सर्वोपरि होता है ।
भारत की राजनीति का प्रत्यक्ष साक्षी रहा यह किला कई राजवंश शासकों के उतार-चढ़ाव को देखा है । लगभग 3 वर्ग किलोमीटर के दायरे में बने इस किले का निर्माण सातवीं शताब्दी में बलुआ पत्थर से कराया गया था।
यहां पर इतिहास से जुड़े कुछ साक्ष्य देखने के लिए मिल जाएंगे जिनमें से महाराजाओं और रानियों के रहन-सहन तथा उनके महल साथ ही साथ उनके द्वारा उपयोग किए जाने वाले वस्त्र और और चारों को देख पाएंगे।
इस किले की रौनकआज भी उसी तरह है जिस तरह हजारों वर्ष पहले हुआ करतीथे आप यहां जाएंगे तो रास्ता ही अंदाज देखने के लिए मिल जाएगा कि किस तरह राजा रानी रहा करते थे और उनके महल किस तरह हुआ करते थे यह सब आपको हज जाने के बाद ही पता चलेगा। मध्य प्रदेश में घूमने वाली जगह
यह वही किला है जहां से रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों से लड़ते हुए किले के ऊपर से छलांग लगाई और फिर अंत में अंग्रेजों की गोली लगने के कारण वीरगति को प्राप्त हुई।
21. ओरछा
बेतवा नदी के किनारे बसा ओरछा मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक स्थल का एक प्रमुख हिस्सा है यहां पर्यटकों को घूमने फिरने के लिए ऐतिहासिक धरोहर के साथ-साथ मंदिर , पार्क, महल, हवेलियां और मुगल राजवंशों तथा उनकी ऐतिहासिक निशानिया देखने को मिल जाएंगे।
ओरछा में क्या क्या घूमने
- रामराजा मंदिर
- ओरछा का किला
- जहांगीर महल
- फूल बाग
- हवेलिया
- वन्य जीव अभ्यारण इत्यादि
22. मानव जाति संग्रहालय भोपाल
एक ऐसा म्यूजियम है जो मानव जीवन इतिहास को बयां करता है जहां मानव की उत्पत्ति से लेकर आधुनिक युग तक के सफर को बड़ी खूबसूरती के साथ दर्शाया गया है जब आप यहां जायेंगे तो देख पाएंगे हम मनुष्यों का कितना कठिन भरा सफर रहा होगा और यह केवल आपको मध्यप्रदेश के भोपाल शहर में ही देखने को मिलेगा जो कि बड़ा तालाब के पास स्थित है।
आशा करता हूं मध्यप्रदेश में घूमने की जगह की यह सूची आपको अच्छी लगी होगी जिससे आपको एमपी के टूरिज्म को घूमने में सहूलियत मिलेगी। आपसे अनुरोध है इसलिए को फेसबुक तथा सोशल साइट्स में जरूर शेयर करें।
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