श्री खाटू श्याम मंदिर के दर्शन और यात्रा की (A-Z) जानकारी

राजस्थान के सीकर जिले में स्थित हिंदू प्रसिद्ध तीर्थ स्थल खाटू श्याम मंदिर की यात्रा पर जाने का विचार कर रहे हैं तो आपको इस लेख को निश्चित रूप से अंत तक जरूर पढ़ना चाहिए जिससे खाटू श्याम के दर्शन , पूजा विधि और आसपास की जगहों को घूमने में आसानी होगी।

यह मंदिर भक्तों के लिए इसलिए भी खास है क्योंकि यहां भगवान श्रीकृष्ण के साथ राधा की नहीं अपितु पांडव पुत्र भीम के पोते बर्बरीक की पूजा की जाती है। और इसका उल्लेख श्री भगवत गीता में बड़े सुंदर शब्दों में किया गया।

हर साल फागुन महीने के एकादशी से 5 पांच दिवसीय मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें देश के कोने कोने से श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ता है।

चलिए यात्रा की जानकारी शुरू करने से पहले खाटू श्याम के इतिहास के पन्नों को पलट कर एक नजर डालते हैं कि आखिर ऐसी क्या वजह की राधा की जगह बर्बरीक की पूजा भगवान श्री कृष्ण के साथ यहां क्यों होती है ?

खाटू श्याम का इतिहास

खाटू श्याम जी मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ कुरुक्षेत्र में पांडवो और कौरवो के बीच युद्ध ये दौरान भीम के पोते बर्बरीक का नाम आपने कभी न कभी जरूर सुना होगा।

  • बर्बरीक की तप , साधना और शिक्षा से भगवान शिव प्रसन्न होकर तीन ऐसे बाण दिए जो लक्ष्य को भेद कर वापस लौटा सकता था इसी की कारण बर्बरीक बहुत शक्तिशाली बन गए और जब कुरुक्षेत्र में युद्ध शुरू हुआ तब उन्होंने पांडवो की तरह से लड़ने की इक्षा जाहिर किया ।
  • बर्बरीक के तीन बाण और शक्ति के बारे में भगवान् श्री कृष्ण भली भाती जानते थे की यदि बर्बरीक युद्ध में भाग लेता है तो पांडव बड़े आसानी से ही जीत हासिल करे लेंगे और न्याय की अभिव्यक्ति नहीं हो पायेगी ।
  • तब कृष्ण जी ने ब्राह्मण का रूप धारण करके बर्बरीक से उसका सिर मांग लेते है बिना हिचकिचाहट के उन्होंने अपना सर काट कर कृष्ण जी के चरणों में न्योछावर कर देते हैं
  • बर्बरीक के इस बलिदान से श्याम जी बहुत प्रसन्न हुए और उन्हें वचन दिए कि ऐसे सदानी आज से मैं तुम्हें अपना नाम और अपनी शक्ति प्रदान करता हूं तुम तीनों लोगों में खाटू श्याम के नाम से जाने जाओगे.
  • तभी से खाटू श्याम अस्तित्व में आया और राजस्थान के सबसे बड़े तीर्थ स्थलों के रूप में कृष्ण के साथ बर्बरीक को बिधि पूर्वक पूजा जाने लगा ये थी बर्बरीक से खाटू श्याम बनने की कहानी .

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खाटू श्याम कैसे बने ?

पौराणिक कथाओं के अनुसार महाभारत युद्ध के समय बर्बरीक ने अपनी माँ को वचन देते है है की वो हमेशा कमजोर और निर्वल पक्ष से युद्ध करेंगे और उन्होंने ने ऐसा ही किया पांडवो के पक्ष से लड़ने की सोचा ।

  • बर्बरीक भगवान श्री कृष्ण जी के पास कुरुक्षेत्र में पहुंचते है तब श्री कृष्ण जी कहते है की आप कमजोर निर्बल के पक्ष से युद्ध करना चाहते है वो ठीक है .
  • लेकिन हर क्षण में आपसे दूसरा पक्ष हार जायेगा और वो कमजोर पड़ जायेगा क्योंकि कुरुक्षेत्र के इस युद्ध में भाग लेने बाला कोई योद्धा आपके बाणो का सामना नहीं कर पायेगा ये मै भली भांति जनता हु .
  • तब बर्बरीक ने कृष्ण जी से कहते है प्रभु अब मै क्या करू मै तो वचन बद्ध हु तब भगवान कहते है बर्बरीक अब तुम्हे मरना होगा और उसी क्षण श्री कृष्ण जी ने बर्बरीक से उनका प्राण मांग लेते है.
  • ये सुनकर बर्बरीक को जरा भी हिचकिचाहट न करते हुए उन्होंने पल भर में अपने सर को धड़ से अलग कर प्रभु के चरणों में रख दिया.
  • तब भगवान उनसे प्रसन्न होकर उन्हें वचन देते है की हे शीश दानी आज मैं तुम्हें अपना नाम देता हु और कलयुग में तुम मेरे नाम यानी कि श्याम के रूप में पूजे जाओगे इसी प्रकार बर्बरीक से खाटू श्याम बने.

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खाटू श्याम मंदिर खुलने का समय

खाटू श्याम मंदिर को भक्तों के लिए इस प्रकार खोला जाता है

सर्दियों के समय मंदिर खुलने का समय

  • सुबह 5:30 बजे से दोपहर 1:00 PM
  • शाम 5:00 बजे से रात्रि 9:00 PM

गर्मियों के दौरान मंदिर खुलने का समय

  • प्रातकाल 5:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक
  • शाम 4:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक

हर साल फागुन मास में लक्खी मेले के समय मंदिर को 24 घंटे भक्तों के लिए खुला रखा जाता है।

बाबा खाटू श्याम मंदिर में आरती वंदन का समय

खाटू श्याम मंदिर आरती समय सारणी इस प्रकार है-

दिनआरती वंदनसर्दियों का मौसमगर्मियों का मौसम
प्रतिदिनमंगला आरतीसुबह 5:30 बजेप्रातः काल 4:30 बजे
प्रतिदिनश्रृंगारसुबह 8:00 बजेसुबह 7:00 बजे
प्रतिदिनभोग आरतीदोपहर 12:30 बजेदोपहर 12:30 बजे
प्रतिदिनसंध्या आरती6:30 बजे7:30 बजे
प्रतिदिनविश्राम आरतीरात्रि 9:00 बजेरात्रि 10:00 बजे

श्री खाटू श्याम बाबा के दर्शन कैसे करे ?

जानकारी के लिए बता दू की खाटू श्याम बाबा के दर्शन करने के लिए आपके पास दो विकल्प होते हैं पहला ऑफलाइन क्योंकि वहां जाकर टिकट काउंटर से टिकट लेकर दर्शन कर सकते हैं।

दूसरा और सबसे अच्छा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा कर जाएं जिससे दर्शन में परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा । ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए आप इनकी ऑफिशल वेबसाइट https://shrishyamdarshan.in से बुक कर सकते हैं।

यदि आप बिना रजिस्ट्रेशन जाते है और वहां ज्यादा भीड़ बढ़ती है तब आपको मंदिर के बाहर खड़े होकर पूजा अर्चना करना पड़ सकता है इसीलिए अपना रजिस्ट्रेशन बुकिंग पूरी होने पर ही जाये ।

  • जब आप खाटू श्याम की यात्रा पर जाये तो सुनिश्चित कर ले की आपको कोरोना की वैक्सीन लगी होनी चाहिए.
  • बर्बरीक मंदिर में प्रवेश करने से पहले मास्क लगाना अनिवार्य है अन्यथा २ हजार का फाइन लगा दिया जायेगा .
  • 18 बर्ष से काम आयु के लोगो का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा .
  • मंदिर के भीतर कोई भी चीज साथ में लेकर जाना पूर्णतः मना है फिर चाहे वो प्रसाद ही क्यों न हो.
  • अगर आप इन सभी बातो का ध्यान अच्छी तरह से रखते है तो अपना रजिस्ट्रेशन बुक करा सकते है .

खाटू श्याम बाबा के दर्शन से पहले श्याम कुंड में स्नान करके दर्शन के लिए लाइन में लग जाये इसी कुंड से श्याम जी बाबा की मूर्ती प्रकट हई थी ।

खाटू श्याम पूजा विधि के नियम

हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा खाटू श्याम बाबा की पूजा का जो मुख्य दिन है हर माह की आने बाली द्वादश का विशेष दिन होता है।

जो इस दिन खाटू श्याम की पूजा करता है वो मानव भगवान श्री कृष्ण की ही पूजा करता है और जो कृष्ण की पूजा करता है वो भवसागर से पार होता है ।

ऐसी मान्यता भी है की यदि कोई भक्त खाटू श्याम जी बाबा के लगातार 5 द्वादस को व्रत रखकर उनकी सच्चे भक्ति से पूजा करता है तो उनके सारे बिगड़े हुए काम पूरे हो जाते है ।

पूजा की सामग्री –

  • बिना टुटा हुआ एक मुट्ठी चाबल
  • देशी घी का दीपक
  • खीर
  • चूरमा का लड्डू
  • एक मीठा पान
  • रोली
  • अक्षत

शाम के समय गौ पूजा करते हुए चौकी बनाकर रोली और अक्षत मिलकर ज्योति में अर्पण करे उसके बाद 5 चूरमे के लडूओं की आहूतिया देनी होती है।

इन सभी सामग्री को रखकर ज्योति जलाकर उसमे 5 बार देशी घी से आहुतिया देते हुए खाटू श्यामाये नमः का ज्ञाप करते रहना है बाबा श्याम की पूजा करने से मनुष्य की मनवांछित इक्षा जरूर पूरी होती है ।

खाटू श्याम मंदिर कहां है ?

खाटू श्याम बाबा का मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में खाटू श्याम नामक गांव में स्थित है जो राजस्थान की राजधानी जयपुर से 80 और दिल्ली से 300 किलोमीटर की दूरी पर है ।

खाटू श्याम के आस पास घूमने की जगह

दोस्तों जब आप खाटू श्याम मंदिर घूमने जाये और आपके समय हो तो आप सीकर के आस पास की इन जगहों में घूमने जा सकते है

  1. जीण मंदिर- देश की अतुल्य सांस्कृतिक मंदिर जीर्ण मंदिर खाटू श्याम से २५ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जहाँ माँ दुर्गा रूप में पूजा जाता है ।
  2. सालासर बालाजी का मंदिर– खाटू श्याम धाम से लगभग 100 किलोमीटर दूर सुजानगढ़ जिला में सालासर बालाजी धाम स्थित है जहाँ बीर हनुमान जी दाढ़ी मूंछ के साथ में मूर्ती रूप में स्थापित है ये धाम भी खाटू श्याम की तरह ही पूरे भारत का प्रसिद्द तीर्थ स्थल है ।
  3. गायत्री मंदिर- खाटू श्याम धाम या बर्बरीक मंदिर परिसर में गायत्री माता का भी मंदिर बना हुआ है जिनके दर्शन के लिए श्रद्धालु यहाँ जाते है ।
  4. हनुमान मंदिर– खाटू श्याम में हनुमान का बहुत ही प्राचीन मंदिर बना हुआ है यहाँ जाने से मनुष्य को सभी पापो से मुक्ति मिलती है ।
  5. लक्ष्मण गढ़ किला
  6. सीकर म्युसियम
  7. हर्षनाथ मंदिर
  8. देवगढ़ किला
  9. दांता रामगढ़
  10. गणेश्वर
  11. जयपुर पिकनिक स्पॉट

खाटू श्याम कब जाये ?

खाटू श्याम जी के दर्शन करने के लिए वैसे तो साल के 12 महीने श्रद्धालु आते रहते है लेकिन खाटू श्याम जाने का सबसे बेस्ट समय जो है वो अगस्त से लेकर मार्च तक का समय सबसे बेस्ट होता है खास तौर पर जन्माष्टमी के समय यहाँ लाखो में दर्शनार्थी आते है ।

खाटू श्याम कैसे पहुंचे ?

खाटू श्याम तक पहुंचने के लिए 3 बड़े बिकल्प है बस, ट्रैन , और हवाई जहाज

खाटू श्याम जाने का रास्ता by train

  • बया ट्रैन – ट्रैन का सफर करके खाटू श्याम बाबा यात्रा पर पहुंचने बाले यात्रियों को सबसे पहले जयपुर रेलवे स्टेशन पहुंचना होगा

यदि आपके शहर से जयपुर के लिए डायरेक्ट ट्रैन या फ्लाइट नहीं नहीं है तो दिल्ली पहुंचकर जयपुर के लिए ट्रैन पकड़ सकते है

उसके बाद जयपुर से 80 किलोमीटर की दूरी खाटू श्याम मंदिर (बर्बरीक मंदिर ) रेलवे स्टेशन के बाहर या सिंधी बस स्टैंड से आपको खाटू श्याम के लिए डायरेक्ट बस सेवा या टैक्सी मिल जाएगी जिनका आवागमन दिन भर होता रहता है ।

  • बया हवाई जहाज – हवाई यात्रा करके खाटू श्याम बाबा मंदिर पहुंचने बाले दर्शनर्थियो के लिए नजदीकी एयरपोर्ट जयपुर अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट है जसके लिए भारत के सभी प्रमुख शहरो से प्रतिदिन उड़ाने होती है .

खाटू श्याम में रुकने और खाने की व्यबस्था

  • दोस्तों खाटू श्याम में श्रद्धालुओं के लिए रुकने की काफी अच्छी व्यबस्था की गयी है जगह जगह पर कई धर्मशालाए बनी हुयी है जिनका एक दिन का चार्ज 3०० से 5०० के बीच होता है ।
  • इसके अलाबा ठहरने के लिए प्राइवेट होटल भी मिल जायेंगे जिनके एक दिन का चार्ज मिनिमम 800 से 1 हजार किया जाता है ।
  • यही यदि हम खाटू श्याम बाबा में खाने की ब्यवस्था की बात करे तो यहाँ बहुत सारे रेस्टोरेंट या स्ट्रीट फ़ूड की दुकाने मिल जाएँगी जो १०० से १५० रूपए थाली में भरपेट भोजन करवा देते है जो बहुत ही स्वादिष्ट खाना होता है ।

FAQ – खाटू श्याम के बारे में पूछे जाने बाले प्रश्न ?

Q- खाटू श्याम कौन है ?

महाभारत काल और द्वापर युग में जन्मे पांडव पुत्र भीम के पोते और नाग कन्या मौरवी के पुत्र बर्बरीक को खाटू श्याम के नाम से जाना जाता है जिन्हे भगवान कृष्ण ने अपना नाम दिया था ।

Q- खाटू श्याम का मंदिर क्यों प्रसिद्ध है ?

खाटू श्याम मंदिर में भगवान व्रिष्णु को कलयुगी अवतार के रूप में पूजा जाता है जिस प्रकार त्रेता युग में राम अवतार , द्वापर में कृष्ण ठीक उसी तरह कलयुग में खाटू श्याम के नाम से पूजते है ।

Q- खाटू श्याम पूजा विधि ?

शाम के समय गौ पूजा करते हुए चौकी बनाकर इन सभी सामग्री को रखकर ज्योति जलाकर उसमे 5 बार देशी घी से आहुतिया देते हुए खाटू श्यामाये नमः का ज्ञाप करते रहना है बाबा श्याम की पूजा करने से मनुष्य की मनवांछित इक्षा जरूर पूरी होती है

Q-खाटू श्याम में मेला कब लगता है ?

हर साल फागुन मास के शुक्ल पक्ष के षष्ठी तिथि से लक्खी मेले का प्रारंभ होता है जो कि अगले 5 दिनों तक निरंतर चलता रहता है.

दोस्तों आशा करता हूं खाटू श्याम मंदिर और बाबा के दर्शन करने की पूरी जानकारी आपको इस लेख में मिल गई होगी अगर आपको कोई सवाल हो तो मैं नीचे कमेंट सेक्शन में पहुंच सकते हैं करने की पूरी जानकारी

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21 thoughts on “श्री खाटू श्याम मंदिर के दर्शन और यात्रा की (A-Z) जानकारी”

  1. बोलो खाटू नरेश की बोलो बाबा खाटू श्याम की बोलो हारे के सहारे की पढ़ कर मैं बहुत खुश हूं मैं तो दर्शन कर कर आया हूं और मैं हर साल आता रहूंगा बाबा खाटू श्याम का दर्शन करने बाबा इस समय मैं बहुत परेशान हूं जो परेशानी दूर होगी तो फिर आऊंगा

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  2. Jai baba khatu shyam ji hamare bhi shukh door karo aur apne darsan ke liye jald se jald bulawo par hi
    Bolo khatu shyam maharaj ki jay

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  3. जय हो खाटू नरेश की हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा खाटू श्याम बाबा मैं पहली बार दर्शन करने के लिए आ रहा हूं मेरे से कोई जाने अनजाने में गलती हो तो मुझे खाटू श्याम जी माफ कर देना मेरा बहुत ही मन हो रहा है आप के दर्शन करु

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  4. हारे का सहारा बाबा ,खाटू श्यामजी हमारा ।
    मै Nageshwar बाबा से दर्शन और आशीर्वाद प्राप्त करने का आज्ञा और पार्थना करता हूं।

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  5. Mera apke darshan krne ka bahut man hai me jarur aaunga apke darshan ke liye.
    Hare ka sahara khatu shyam humara.
    Jai baba ki.🙏🙏🙏🙏

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  6. खाटू श्याम बाबा की जय हो मैं एक बहुत दुखी हूं ना तो घर का मकान है ना कोई इनकम है इतनी कि जो मकान खरीद सकूं मेरी इच्छा है कि मैं अपने लेकर का मकान बना सकूं और कुछ इकट्ठा कर सको बच्चों के लिए मुझे आशीर्वाद देना कि मेरी इच्छा पूरी हो

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  7. बाबा हारे का सहारा खाटू श्याम हमारा बाबा खाटू श्याम चार लड़की हैं मेरे एक लड़का दे दे बाबा आज जो मरा है लड़का उसी लड़का वापस भेजो बाबा हारे का सहारा बाबा जो गलती हुई हो उसे माफ करना बाबू खाटू श्याम बाबा और मैं तेरे दर्शन करने जरूर आऊंगा बाबा मेरी यह प्रार्थना सुन ले मैं जरूर आऊंगा आपके दर्शन करना हारे के सहारे बाबा खाटू श्याम तीन बाण धारी शीश के दानी मैं आऊंगा जरूर आऊंगा आपके दर्शन करने

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  8. Meri bhi pareshani dur kare baba mai is samay zindigi se hara hu meri bigdi bana do baba mai bhi darshan ko aunga koi galti ho to apna bachcha samajh kar chhama karna
    Jay ho khaatu shyam baba ki.

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  9. Jai baba khatu shyam ji ki , bhit man hai mera baba apke mandir ane ka , bhut pareshan hu baba , meri mushkilo ka aap he samadhan ker sakte ho baba , meri madad karo baba main apne biwi bacho ke saath apke darshan kerne ayunga bus meri mushkil asan ker do har saal apke mandir matha tekne ayunga baba, jai ho khatu shyam maharaj ki

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  10. जय श्री खाटू नरेश। जय श्री श्याम। बाबा जी आपके दर्शन करके जीवन धन्य हो गया। आप ही हारे का सहारा हो। बहुत खुशी खुशी दोबारा आपके दर्शनों का सौभाग्य प्राप्त हो ऐसी दिल से इच्छा करता हुँ।।
    जय श्री श्याम

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  11. जय श्री खाटू नरेश। जय श्री श्याम। बाबा जी आपके दर्शन करके जीवन धन्य हो गया। आप ही हारे का सहारा हो। बहुत खुशी खुशी दोबारा आपके दर्शनों का सौभाग्य प्राप्त हो ऐसी दिल से इच्छा करता हुँ।।
    जय श्री श्याम

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