नमस्कार दोस्तों इस लेख में आप जानेगे कान्हा नेशनल पार्क के बारे में पूरी जानकारी और यदि आप कान्हा किसली टाइगर रिजर्व में घूमने का विचार बना रहे हैं तो इस आर्टिकल को आपको पूरा पढ़ना चाहिए ।
लगभग 940 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैले कान्हा किसली का नेशनल पार्क मध्य प्रदेश राज्य के मंडला जिले के अंतर्गत स्थित सतपुड़ा के घने जंगलों के मध्य बसा कुदरती सुंदरता का एक अद्भुत नमूना है मानो ऐसा प्रतीत होता है कि सारी कायनात बस यही समाई हुई है।
इस हरे-भरे बांस और सागौन के जंगलों से गिरा हुआ तथा उष्णकटिबंधीय जलवायु और समतल मैदानी भूमि में स्थित झील झरने नदियां यहां के वन्य प्राणी , जीव जंतु और सैकड़ों प्रजातियों के पक्षियों का जीवन रेखा है।
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कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना कब हुई थी ?
कान्हा नेशनल पार्क को 1 जून 1955 को राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा प्राप्त हुआ और इसके 18 साल बाद यानी कि 1973 में कान्हा टाइगर रिजर्व बनाया गया।
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान क्यों प्रसिद्ध है ?
वैसे तो कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान में कई प्रजातियों के पक्षियों तथा जंगली जानवरों का घर माना जाता है लेकिन भारत का कान्हा राष्ट्रीय पार्क प्रसिद्ध है बारहसिंघा के लिए यह देश की एकमात्र एसी जगह है जहां बारहसिंघा सबसे ज्यादा पाए जाते हैं।
जब देश से इन की प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर थी तभी केंद्र सरकार ने इनके संरक्षण के लिए कान्हा उद्यान में इनके रखरखाव की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी उठाई इसीलिए आज यह पूरी तरह से यहां पर घूम फिर पा रहे हैं।
अगर आप कान्हा नेशनल पार्क में बारहसिंघा को करीब से देखना चाहते हैं तो दिसंबर लास्ट से लेकर जनवरी मध्य तक इनका प्रजनन का समय होता है उस समय अगर आप यहां आएंगे तो इन्हें बेहद ही करीब से सैर करते हुए देख पाएंगे।
शायद यही कारण है की सर्दियों के इसी महीने यानी कि (1 अक्टूबर से लेकर 30 जून तक) इस उद्यान को पर्यटकों के लिए खोला जाता है बाकी के माह में इसे पूरी तरह से पर्यटकों के आवागमन के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाता है।
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आइए जानते हैं कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में देखने तथा घूमने लायक क्या क्या है-
कान्हा नेशनल पार्क देखने तथा घूमने की जगह ?
पर्यटकों को जंगल का भ्रमण कराने के लिए कान्हा टाइगर रिजर्व में जीप सफारी, हाथी सफारी, और साइकिलिंग जैसे सुविधाएं उपलब्ध है जो कुदरत की खूबसूरती दिखाने के लिए बेजोड़ विकल्प प्रदान करता है –
1. जीप सफारी
जी हां दोस्तों कान्हा किसली नेशनल पार्क में देशी और विदेशी वन्यजीवों और बैकफुट का आनंद लेने के लिए सबसे अच्छा तरीका जीप सफारी है।
वन्यजीव विशेषज्ञों द्वारा संचालित यह सफारी का बढ़िया अनुभव देने के लिए( 4*4 )जीप में बैठा कर जंगल का भ्रमण कराया जाता है।
जिसमें हरे भरे जंगल, घाटियां , वादियां, झील, झरने ,नदियां , पक्षियों तथा वन्य प्राणी को बड़े ही करीब से देखने का एक अच्छा अनुभव प्रदान करता है।
2. कान्हा राष्ट्रीय उद्यान का हाथी सफारी
इस उद्यान का सबसे रोमांचक पहलू यहां की हाथी सफारी है इसे 1 घंटे से लेकर 4 घंटे तक आनंद सफारी के रूप में इसका मजा लिया जा सकता है जिसमें बैठकर जंगल का भ्रमण करते हुए जंगली जानवरों को घूमते फिरते और सैर करते हुए देखा जा सकता है।
देर किस बात की आप भी इस खूबसूरत उद्यान को घूमने के लिए जाएं और हाथी सफारी का लुफ्त उठाएं ।
3. बर्ड वाचिंग
यहां प्रकृति के सुंदर वातावरण में पक्षियों की मनमौजिया किसी को भी मंत्रमुग्ध कर सकते हैं ये पंक्षियां कभी आसमान में उड़ते हैं तो कभी आंख मिचोली करते हैं इस कुदरती सुंदरता को निहारने के लिए यह राष्ट्रीय उद्यान प्रकृति प्रेमी पर्यटकों को सुनहरा अवसर प्रदान करता है ।
तो देर किस बात की है आप भी जाइए इस टाइगर सफारी में और इंजॉय करिए अपने खूबसूरत यादगार पलों को।
4. संग्रहालय
दोस्तों कान्हा टाइगर रिजर्व में एक संग्रहालय में मौजूद है जिसमें राष्ट्रीय उद्यान तथा यहां निवास करने वाली विभिन्न जनजातियों के संस्कृति कलाकृतियां तथा उनके रहन-सहन के वातावरण और घटनाओं को मूर्त रूप में दर्शाया गया है।
यह संग्रहालय सप्ताह में बुधवार के दिन बंद रहता है जब आप यहां घूमने जाएं तो इसका विशेष ध्यान रखें।
5. श्रवण ताल
दोस्तों यह वही रामायण कालीन स्थान है जहां राजा दशरथ ने शब्दभेदी बाण चलाया था और माता पिता भक्त श्रवण कुमार के ऊपर जाकर लगा था और यहां पर उनकी मृत्यु हो गई थी।
इस ताल की सबसे खास बात है कि यहां हमेशा स्वच्छ पानी से भरा हुआ होता है जिस के रिसाव के कारण मनहरनाल और देशिनाल क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में पानी बना रहता है और यही जलीय पौधों को बारहसिंघा अपना भोजन बनाते हैं।
6. चुहरी
कान्हा उद्यान से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चुहरी नामक स्थान है जहां बड़ी पानी की झील मौजूद हैं जिसके कारण गर्मियों में आसपास का वातावरण में नमी बनी रहती है इसीलिए जगह बाघों के लिए यह स्थान उपयुक्त माना जाता है।
7. रौंदा
कान्हा किसली के औरैया मार्ग पर स्थित रौंदा बारहसिंघा का निवास स्थान है पर यही पर इन्हें काफी करीब से देखा जा सकता है।
8. सनसेट पॉइंट
कान्हा किसली उद्यान के भीतर एक ऊंचा आकर्षण बामणी दादर है जिसे सनसेट पॉइंट के नाम से भी जाना जाता है जो आने वाले पर्यटकों को ढलते हुए सूरज के रंग बिरंगे केसरिया रंग की किरणों का मनमोहक दृश्य प्रदान करता है। खास करके फोटोग्राफी के शौकीन लोगों के लिए यहां का सनसेट पॉइंट बहुत ही लाजवाब स्थान है।
9. झील झरने तथा बंजार नदी का व्यू प्वाइंट
इन सबके अलावा इस उद्यान के भीतर झील, झरने, नदियां, और सरोवर तथा गोंड आदिवासियों के बसेरा को जंगल के भ्रमण के दौरान साइकिल की सवारी करते हुए देखा जा सकता है।
10. साइकिल सफारी
दोस्तों जब भी आप कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में घूमने की जगह देखने के लिए जाएं तो वहां की साइकिल सवारी जरूर लें क्योंकि इसके माध्यम से आप जंगल में अपने ग्रुप के साथ साइकिल ड्राइव करते हुए यहां की खूबसूरत तस्वीरों को अपने कैमरे में कैद कर सकते हैं।
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान घूमने का सबसे अच्छा समय
कान्हा किसली उद्यान को घूमने के लिए सबसे बेस्ट समय 15 अक्टूबर से लेकर 30 जून तक होता है कारण यह है कि जुलाई से लेकर 30 सितंबर तक पर्यटकों के आवागमन के लिए इसे बंद रखा जाता है क्योंकि उस समय मानसून की वजह से यहां कई खतरनाक सांप और जंगली जानवर आ जाते हैं जिसके कारण खतरे का डर बना रहता।
कान्हा किसली में रुकने की क्या व्यवस्था है?
दोस्तों कान्हा किसली नेशनल पार्क में पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए वन विभाग के द्वारा वहां बहुत सारे रिसोर्ट बनाए गए हैं ।
₹2000 से लेकर ₹10000 तक के बहुत सारे यहां रिसोर्ट बने हुए हैं आप अपनी सुविधा के अनुसार किसी एक में ठहरने की व्यवस्था बना सकते हैं।
और यहीं पर आपको हर प्रकार के खाने के लिए व्यंजन मिल जाएंगे और इसके साथ ही साथ स्विमिंग पूल में तैरने का लुफ्त उठा सकते हैं ।
इनकी बुकिंग ऑनलाइन तथा वहां पहुंचकर रिसोर्ट बुकिंग काउंटर से कर सकते हैं।
कान्हा किसली के जानवर
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा कई विलुप्त हो रहे वन्यजीवों की प्रजातियों को देखने का अवसर प्रदान देता है इस में निवास करने वाले यह कुछ प्रमुख जानवर है जैसे- बाघ, गौर, बारहसिंघा, नीलगाय, बायसन, सुस्त भालू, लकड़बग्घा, सही, लोमड़ी, अजगर, जंगली बिल्ली, खरगोश, गैंडा, भालू, और हाथी के यहां दर्शन होंगे।
इन जंगली जानवरों के अतिरिक्त कान्हा किसली में कई प्रजातियों के पक्षियों को भी देखा जाता है जिनमें से पिंटर , स्टॉक , पोंड हैरान , टील्स पैरेट्स , मोर , कोयल , किंगफिससेर , पपीहा , मधुमखहि , तोता , मैना , गौरैया , उल्लू , पेंगुइन, बुलबुल, बगुला, सरस, बटेर, बाज इत्यादि
इनके अलावा भी यहां कई और प्रकार के भी जंगली जानवरों तथा पक्षियों को देखा जा सकता है
कान्हा किसली कैसे पहुंचे?
दोस्तों कान्हा नेशनल पार्क पहुंचने के लिए आपके पास मुख्यतः तीन विकल्प है जिसमें वायु मार्ग, रेल मार्ग, और रोड मार्ग चलिए एक-एक कर जानते हैं-
वायु मार्ग
हवाई यात्रा के द्वारा पहुंचने वाले यात्रियों के लिए कान्हा नेशनल पार्क का निकटतम हवाई अड्डा जबलपुर है जोकि पार्क से 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। और दूसरा हवाई अड्डा का विकल्प है रायपुर जो यहां से लगभग 220 किलोमीटर की दूरी पर है और तीसरा निकटतम एयरपोर्ट नागपुर है जिसकी दूरी 300 किलोमीटर दूर है।
रेल मार्ग
यदि आप रेलगाड़ी का सफर करके ना किसली राष्ट्रीय उद्यान पार्क तक पहुंचने की सोच रहे हैं तो गोंदिया और जबलपुर इसके दो निकटतम रेलवे स्टेशन जिनकी दूरी क्रमशः 145 और 160 किलोमीटर है।
बाया रोड
कान्हा किसली रोड के माध्यम से जाने की सोच रहे हैं तो इसकी कनेक्टिविटी मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के प्रमुख शहरों को रोड मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा है जोकि आसपास के शहरों से सार्वजनिक बसें नियमित रूप से चलती हैं और निजी वाहन से उद्यान तक जाने के लिए बेहद शानदार रोड के माध्यम से जुड़ा हुआ है ।
FAQ- कान्हा किसली के बारे में पूछे जाने वाले प्रश्न
Q- कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान किस जिले में है ?
कान्हा किसली नेशनल पार्क 940 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला यह उद्यान मध्य प्रदेश के दो जिला यानी के मंडला और बालाघाट जिला की सीमा में बसा हुआ है जिसके कारण इसका कुछ हिस्सा मंडला में है और बाकी का भाग बालाघाट जिला के अंतर्गत आता है।
Q- कान्हा राष्ट्रीय उद्यान से कौन सी नदी बहती है ?
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान से बंजार नदी बहती है जोकि नर्मदा नदी की सहायक नदी के रूप में प्रसिद्ध है।
निष्कर्ष
आशा करता हूं आपको कान्हा नेशनल पार्क घूमने की यह जानकारी आपको पसंद आई होगी इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।
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