आज हम देवो के देव महादेव जी के पावन धाम की बात करने जा रहे है नमस्कार दोस्तों अगर आप कैलाश पर्वत यानि की कैलाश मानसरोवर यात्रा करना चाह रहे है तो आप जानते ही होंगे की ये यात्रा काफी दुर्लभ होती है लेकिन makebharat.com के रहते हुए आपको फिक्र करने की जरूरत नहीं है।
क्योंकि आज के इस लेख में मै आपको कैलाश मानसरोवर यात्रा का भव्य टूर गाइड करूँगा जिसमे मै आपको मानसरोवर यात्रा पर जाने के नियम क्या है , इसका रहस्य क्या है , कब जाना चाहिए , कैसे जाये , रुकने और खाने पीने की क्या ब्यबस्थ होती है , और अंत में ये भी बताऊंगा कैलाश मानसरोवर यात्रा में खर्च कितना लगता है। और साथ ही साथ ये भी जानेंगे की यात्रा में शुरू से लेकर आखिरी तक किन किन बातो का पालन करना होगा
आपकी यात्रा को सुखद , सफल और मगलमय बनाने की पूर्ण प्रयत्न करूँगा तो बने रहे लेख के अंत तक ।
मानसरोवर की यात्रा पर जाने के लिए आपको पास पोर्ट जी जरूरत पड़ेगी अगर आप तिब्बत प्रवेश कर रहे है यहाँ किसी भी प्रकार के बीजा की जरुरत नहीं पड़ती केवल पास पोर्ट ही काफी होता है ।
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चलिए पहले इसके कुछ अनसुलझे रहस्य के बारे में जानते है –
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कैलाश पर्वत का रहस्य
हिन्दू पौराणिक कथाओं तथा धर्म ग्रंथो में कैलाश पर्वत का उल्लेख अलग अध्यायों के र्रोप में किया गया है चाहे स्कन्द पुराण हो , शिव पुराण या फिर मत्स्य पुराण हो इस स्थान का बड़े सुन्दर शब्दों में वर्णित किया गया है ।
कैलाश पर्वत कई रहस्यों से जुड़ा हुआ है जिसका पता लगाने के लिए दुनिया भर के वैज्ञानिक जुड़े हुए है लेकिन अभी तब इसका कोई पुख्ता जानकरी किसी के नहीं मिल पायी है ।
- जरा सोचिये आखिर ऐसी क्या बजह है की दुनिया की सबसे ऊँची हिमालय की चोटी को लगभग 7 हजार बार से भी अधिक चढ़ाई किया जा चुका परन्तु कैलाश पर्वत हिमालयन की चोटी से 2200 मीटर कम है लेकिन इसे फतह करना किसी के बस की बात नहीं ये अपने आप में रहस्य है .
- धरती के उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव का जो केंद्र बिंदु है वही पर स्थित है भगवान शिव का ये धाम जिसे कैलाश मानसरोवर कहते है हिन्दू पुराणों में कैलाश पर्वत को पृथ्वी का केंद्र बिंदु कहा गया था और आज के आधुनिक युग में वैज्ञानिक भी इसे पृथ्बी के केंद्र बिंदु होने का प्रमाणित कर चुके है ।
- कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने बाले श्रद्धालुओं के अनुसार कहा जाता है की वहां मौजूद मानसरोवर झील के पास डमरू बजने की निरन्तर आवाज सुनाई देती है लेकिन वैज्ञानिक शोध के अनुसार ये आवाज बर्फ पिघलने के बजह से आती होगी ।
- कैलाश पर्वत से 4 प्रसिद्द नदियों का उदय होता है जिनमे से – सतलज , सिंधु , ब्रह्मपुत्र और घाघरा .
- कैलाश मानसरोवर में दिशासूचक यानि की कैम्पस ठीक से काम नहीं करता कारण यह है की यही पर सभी दिशाए आकर एक साथ मिलती है .
- कैलाश पर्वत के शिखर पर २ झील स्थित है पहला मानसरोवर लेक जो दुनिया में सबसे ऊंचाई पर शुद्ध पानी की सबसे बड़ी झील है और उसका आकर सूर्य के सामान बताया गया है . दूसरा राक्षस झील है जो दुनिया में सबसे बड़े खारे पानी की झील है इसका आकर चन्द्रमा के सामान है
- इसी राक्षस झील की पास ही रावण भगवन शिव को प्रसन्न करने के लिए घोर तपस्या किया था .
- मानसरोवर झील को पुराणों में भगवान् व्रिष्णु का निवास स्थल यानि की बैकुंठ धाम कहा गया है ।
(Disclaimer: कैलाश पर्वत रहस्य के बारे में इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. makebharat.com इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
चलिए जानते है यदि आप मानसरोवर यात्रा पर जाने का प्लान बना रहे है तो इसके लिए सबसे पहले ऑनलाइन registration करना अनिवार्य होता है ।
कैलाश मानसरोवर यात्रा रजिस्ट्रेशन कैसे करे ?
दोस्तों कैलाश मानसरावर की यात्रा भारत सरकार के द्वारा KMVN मतलब कमाऊ मंडल विकास निगम जिस तरीके से केदारनाथ की यात्रा GMVN के द्वारा करवाई जाती है ठीक उसी तरह इस यात्रा का संचालन कुमाऊ मंडल करता है।
कैलाश यात्रा करने के पहले ही कुमाऊ मंडल विकास निगम के द्वारा ऑनलाइन रेजिस्ट्रेशन करना पड़ता है । जो की non refundable 5 हजार रूपए प्रतिव्यक्ति जमा कराया जाता है
रेजिस्ट्रेशन पूरा होने के बाद आपको 2 से 3 दिन बाद मैसेज या फ़ोन कॉल के माध्यम से सूचित किया जाता है की आपको अब आना है दिल्ली मेडिकल टेस्ट करवाने के लिए । और ये टेस्ट 3 से 4 दिन तक चलता है ।
मेडिकल टेस्ट पूरा होने के बाद आपको रिपोर्ट मिलेगी अगर आप उसमे पास हो जाते है तभी आप यह यात्रा प्राम्भ कर सकते है अन्यथा आप अपने घर के लिए रवानगी ले लीजिये ।
मानसरोवर जाने में कितना समय लगता है?
दोस्तों मानसरोवर यात्रा लगभग 28 दिन की होती है क्योंकि कैलाश यात्रा करने के लिए आपको 55 किलोमीटर की चढ़ाई मार्ग पर पैदल चलना पड़ता है जो की 15 दिन का समय लग जाता है । वहां पहुंचकर भगवान शिव के दर्शन करने के बाद वापस दिल्ली तक लौटने में भी मिनिमम 13 दिन का समय लग जाता है ।
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कैलाश पर्वत कैसे जाएं ?
मानसरोवर की यात्रा पर पर जाने बाले यात्रीगणों को registraion proccess तथा medical test पास करने बाद KMVN की तरफ से massage या फ़ोन कॉल के माध्यम से सूचित किया जाता है क्योंकि वहां जाने के लिए बैच बनाया जाता है और एक बैच में केवल 30 लोग ही जाते है जब ये मेंबर पूरे हो जाते है तो यात्रियों को दिल्ली बुलाया जाता है ।
दिल्ली से कैलाश मानसरोवर की यात्रा शुरू हो जाती है जो की उत्तराखंड नैनीताल के रास्ते से होते हुए कैलाश पर्वत के लिए प्रस्थान करते है ।
कैलाश मानसरोवर यात्रा खर्च
दोस्तों जैसे की ऊपर हमने बताया था की यह यात्रा कुमाऊ मंडल के द्वारा करवाया जाता है इनका जो भी tour pakage बनता है उसी में सभी चीजे include होती है जैसे की आपके दिल्ली से लेकर कैलाश तक का पूरा ट्रांसपोर्टिंग खर्च , और जितने दिन यात्रा सम्नन्न होती है तब तक के खाने पीने और रुकने की ब्यबस्था साड़ी की सॉरी इसी पैकेज में जुड़ा होता है । इसकी detatil जानकारी के लिए KMVN की official वेबसाइट में विजिट कर सकते है ।
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कैलाश मानसरोवर यात्रा नियम
- इस दुर्लभ यात्रा को करने के लिए यात्रियों की आयु मिनिमम 18 बर्ष से 70 बर्ष तक निर्धारित की गयी है ।
- यात्रा करने के उपरांत पहले ही कुमाऊ मंडल विकास निगम की ऑफिसियल वेबसाइट से ऑनलाइन रेगेस्ट्रेशन करना अनिवार्य है इसमें non refundable 5000 रूपए प्रतिव्यक्ति जमा करना पड़ता है
- यात्रा के लिए सभी यात्रियों को मेडिकल टेस्ट पास करना जरूरी होता है।
- इस यात्रा में प्रतिव्यक्ति 25 किलो तक सामान अपने साथ ले जाने की इजाजत है .
कैलाश यात्रा में रहने और खाने पीने की क्या ब्यबस्था होती है ?
इस तीर्थ यात्रा में ठहरने और खाने पीने की सभी सुभिधाये कुमाऊ मंडल के द्वारा ही किया जाता है जो की पैकेज में इसका चार्ज जुड़ा हुआ होता है ।
कैलाश यात्रा के दौरान ध्यान देने बाली बाते
जैसे की हमने ऊपर लेख में बताया की ये यात्रा बड़ी ही कठिन होती है क्यंकि चढ़ाई रास्ते और साथ में बर्फ़बारी और उसी बर्फ में पैदल चलना बड़ा मुश्किल भरा सफर होता है इसीलिए इन बातो को जरूर ध्यान दे –
- अपने साथ 3 हल्के ऊनी कपडे रखे
- साथ में २ जोड़ी जूते रखे और उन जूतों को पहनकर पहले ही प्रैक्टिस कर ले ताकि यात्रा के दौरान कोई दिक्कत का सामना न करना पड़े .
- अपने हाँथ पांव की उंगलियों को बचाने के लिए साथ में दस्ताने और मोज़े 4जोड़ी जरूर रखे ।
- नाक, कान और मुँह को अच्छी तरह से ऊनी कपड़ो से जरूरत के हिसाब से ढंके रखे ।
- पर्वतारोहण कर रहे अपने साथ के सभी समूहों के साथ साथ चले
- बर्फीली तूफ़ान आने पर सभी लोग एक साथ रहे
- यात्रा के दौरान हल्का और हेल्दी खाना खाये
- वहां बहुत ज्यादा आसमानी बिजली गिरती है उनसे बचने के लिए किसी पेड़ के नीचे न रहे
- अपने साथ ग्लूकोज जरूर रखे और जरूरत के हिसाब से समय समय पर पीते रहे
कैलाश पर्वत की परिक्रमा कैसे करे
दिल्ली से निकलने के 4 दिन बाद यानि की पाचवे दिन आप मानसरोवर झील के सामने पहुंच जायेंगे और वहां से शुरू होती है कैलाश परिक्रमा जो की पैदल या घोड़े अपनी सुभिधानुसार कर सकते है जो की 54 किलोमीटर की बड़े कठिन परिक्रमा होती है ।
FAQ- कैलाश पर्वत यात्रा के बारे में पूछे जाने बाले प्रश्न ?
कैलाश मानसरोवर किस देश में है
कैलाश पर्वत भारत चीन के सीमा में बसे तिब्बतीय हिमालयन चोटी पर स्थित है जो की पूरी तरीके से चीन सरकार के आधीन है ।
मानसरोवर जाने में कितना समय लगता है?
मानसरोवर यात्रा लगभग 28 से 30 दिन के बीच होती है क्योंकि ये यात्रा करने के लिए आपको 55 किलोमीटर की चढ़ाई मार्ग पर पैदल चलना पड़ता है जो की 15 दिन का समय लग जाता है । शिव के दर्शन करने के बाद वापस लौटने में भी मिनिमम 13 दिन का समय लग जाता है.
अंतिम लाइन
आशा करता हु कैलाश मानसरोवर यात्रा के बारे में ये सम्पूर्ण जानकरी आपको अच्छी लगी होगी इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे ।
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