जानकी मंदिर सीतामढ़ी जगत जननी सीता जन्मस्थली

आज के इस लेख में हम आपको ले चल रहे है भारत और नेपाल की सीमा में स्थित साक्षात् जगत जननी लक्ष्मी अवतारिणी माता सीता के जन्मस्थली भूमि जानकी मंदिर सीतामढ़ी जो की पुनौरा धाम के नाम से जाना जाता है ।

बिहार राज्य के सीतामढ़ी जानकी मंदिर हिन्दू धर्म का पावन तीर्थ स्थल है यह प्राचीन समय में मिथिला राज्य के आधीन हुआ करता था और उस समय इसका नाम सीतामड़ई था कालांतर में इसका नाम बदलकर सीतामढ़ी रख दिया गया ।

अगर हम सीतामढ़ी जिले के पर्यटन स्थलों के बारे में बात करे तो इस तीर्थ नगरी में धार्मिक स्थल उसी के अनुरूप है यही चीज बिहार के इस जिले को सबसे खास बनाता है ।

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सीतामढ़ी मंदिर का रहस्य

सीतामढ़ी वही स्थान है जहाँ राजा जनक जी को खेत में हल चलाते समय मटके में माता सीता जी मिली थी और ये जगह बिहार में स्थित है जो सीतामढ़ी जिला के अंतर्गत आता है ।

त्रेता युग में एक बार मिथिला राज्य में भीषड़ अकाल पड़ा था तब ऋषिमुनुनियो ने राजा जनक जी को यज्ञ करवाने के लिए सलाह दिए थे तथा जिस स्थान पर यज्ञ करवाया गया था उसे आज के समय में हलेश्वर के नाम से जाना जाता है जो सीतामढ़ी में स्थित है ।

यज्ञ पूरा होने के पश्चात् जनक जी ने अपने कोमल हांथो से हल चलना प्रारम्भ किया और 5 किलोमीटर हल चलाते हुए पुरैना गांव में पहुंचते है ।

जैसे ही उस बंजर जमीन में हल को वहां से मोड़ते है वैसे ही एक मटके में एक खूबसूरत परियो जैसी बच्ची जनक जी को मिलती है और वही थी जगत जननी माँ लक्ष्मी अवतरणी सीता ।

उसके बाद पूरे धरती लोक में बादलो की घनघोर बरसात प्रारम्भ हो गयी फिर मिथिला से हमेशा के लिए अकाल चला गया ।

दोस्तों आपने रामायण के बारे में जरूर सुना होगा और माता सीता के बारे में आपको अच्छे तरह से पता ही होगा की पृथ्वी लोक में इनका जन्म किसी के गर्भ से नहीं हुआ अपितु ये स्वयं धरती से प्रकट हुयी थी इसलिए इनकी माँ पृथ्वी है ।

सीतामढ़ी के पर्यटन स्थल

चलिए जानते है आखिर सीतामढ़ी के धार्मिक स्थल पहुंचकर हमें क्या क्या घूमना चाहिए जो जगहे सबसे ज्यादा पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनी हुयी है –

1. जानकी मंदिर

सीतामढ़ी शहर में जानकी नामक स्थान पर स्थित यह मंदिर सैकड़ो बर्ष पुराना है इस मंदिर के प्रवेश द्वारा को चांदी से मढ़ा गया है जिसकी बजह से इसे रजित द्वारा भी कहा जाता है।

मंदिर के गर्वगृह में भगवान् राम और माँ सीता की अद्भुत प्रतिमा भक्तो का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती है ।

मंदिर परिसर के भीतर निर्मित उर्विजा कुंड जिसके मध्य में हल चलाते हुए राजा जनक और घड़े से प्रकट होते हुए माँ सीता की अद्भुत प्रतिमा है जो पर्यटकों को अचंभित कर देती है ।

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2. पुनौरा धाम

सीतामढ़ी शहर से केवल 2 किलोमीटर दूर बहुत ही भव्य पुनौरा धाम है ये स्थान कई प्रसिद्द ऋषियों की तप स्थली भी यह चुका है उन्ही में से एक महर्षि पुण्डरीक जी थे जिनका यही पर आश्रम हुआ करता था ।

पुनौरा धाम के भीतर स्थित कुंड सीता माता की जन्म भूमि मानी जाती है जानकी मंदिर के परिसर में कई धार्मिक स्थल मौजूद है जिसमे सबसे प्रमुख गायत्री मंदिर , विवाह मंडप , सुन्दर ताल तथा म्यूजिकल फाउंटेन , सीता सरोवर और झरना मौजूद है इसीलिए ये स्थान इस शहर का सबसे प्रमुख पर्यटन स्थल है ।

इसकी ख्याति सम्पूर्ण भारत में फैली हुयी है इसीलिए यहाँ कई फिल्मो की शूटिंग भी हो चुकी है

हर बर्ष सीतामढ़ी महोत्सव पर 2 दिवसीय भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है जिसमे देश के कोने कोने से शर्द्धालु माता के दर्शन के लिए पहुंचते है ।

3. हलेश्वर मंदिर

सीतामढ़ी मंदिर से करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर एक बहुत ही प्राचीन शिव मंदिर है पुराणों के अनुसार ये स्थान त्रेता युग में मिथिला राज्य के आधीन हुआ करता था।

उस समय एक बार सम्पूर्ण मिथला में अकाल पड़ा था तब ऋषिमुनियों ने राजा जनक को यहाँ यज्ञ करवाने की सलाह दिया था ।

और उन्होंने इसी स्थान पर बिशाल यज्ञ करवाया फिर यही से राजा जनक ने हल चलाना प्रारम्भ किया और 5 किलोमीटर दूरी तय करके पुरैना गांव में पहुंचे जहाँ हल के सिरे से माँ जानकी प्रकट हुयी और इसके तुरंत बाद चारो तरफ घनघोर बरसात होने लगी और मिथिला से अकाल समाप्त हुआ ।

हलेश्वर मंदिर में हर बर्ष बसंत पंचमी , महाशिवरात्रि और हर सावन सोमवार को विशाल मेला लगता है ।

4. पंथ पाकर

सीतामढ़ी शहर से उत्तर पूर्व में 8 किलोमीटर दूर स्थित पंथ पाकर के बारे में महर्षि बाल्मीकि द्वारा रामायण में बड़ा सुन्दर वर्णित किया गया है ।

रामायण के अनुसार माता सीता की विवाह की डोली जब अयोध्या जा रही थी तो यहाँ पर डोली से उतर कर सीता जी ने विश्राम किया था और एक पेंड की डाली तोड़कर अपने दातून कर उस लकड़ी को फेंक दी थी।

वो लकड़ी की डाली बाद में एक बड़े वृक्ष का रूप ले लिए तब से आज तक वह पेड़ इसी स्थान पर बरक़रार है । इसके आसपास कई रामायण चित्रित मंदिर और झील मौजूद है जो उस समय के काल चक्र के साक्षी है ।

ये इतना पावन धाम है की श्रद्धालु दर्शन के लिए भारी संख्या में दूर दूर से अपनी मन्नते लेकर आते है और माता सीता राम के चरणों में फूल अर्पण करके मनोकामनएं मांगते है ।

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5. जनकपुर

आपको लग रहा होगा की मै सीतामढ़ी के पर्यटन स्थल में जनकपुर की बात क्यों कर रहा हु क्योंकि जनकपुर तो नेपाल में है लेकिन जानकारी के लिए बता दू की सीतामढ़ी से जनकपुर जो की नेपाल राष्ट्र में स्थित है इसकी सीतामढ़ी से महज 52 किलोमीटर है और वहां जाने के लिए किसी भी प्रकार की सरकार द्वारा अनुमति की जरुरत नहीं पड़ती ।

सिर्फ भारत और नेपाल बॉर्डर पर अपने नाम की एंट्री देनी पड़ी है इसके बाद आप बड़े आसानी से जनकपुर के लिए प्रस्थान कर सकते है ।

प्राचीन समय में मिथिला राज्य की राजधानी रहे जनकपुर यानि की भगवान राम की ससुराल में अवश्य घूमने के लिए जाये यहाँ एक खूबसूरत सीता जी का मंदिर है जो संगमरमर से बना हुआ है और वहां जाकर आप सीता जी के आंगन में उनके खेलने के स्थान को देख पाएंगे ।

सीतामढ़ी कैसे पहुंचे ?

दोस्तों सीतामढ़ी पहुंचने के लिए आपके पास 3 बड़े ऑप्शन है

ट्रैन से सीतामढ़ी कैसे पहुंचे

वैसे तो सीतामढ़ी का खुद का रेलवे स्टेशन है जो की शहर से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है लेकिन अगर आपके शहर से डायरेक्ट यहाँ के लिए ट्रैन उपलब्ध नहीं है तो उस कंडीशन में आप मुज्जफ्फरपुर रेलवे जंक्शन के लिए ट्रैन पकड़ सकते है जो की सीतामढ़ी से महज 53 किलोमीटर दूर है और वहां से बया बस सीतामढ़ी धाम के लिए प्राथन कर सकते है ।

बया हवाई जहाज

सीतामढ़ी शहर 3 बड़े इंटरनेशनल एयरपोर्ट से बहुत अच्छी तरह से कनेक्ट है इसका सबसे निकटतम एयरपोर्ट दरभंगा है जो की 87 किलोमीटर की दूरी पर है

दूसरा ऑप्शन है की आप जयप्रकाश नारायण इंटरनॅशनल एयरपोर्ट जो की पटना में स्थित वहां के लिए फ्लाइट पकड़ कर सीतामढ़ी पहुंच सकते है इसकी दूरी 139 किलोमीटर है ।

बया रोड

अगर आप बया रोड के माध्यम से सीतामढ़ी जानकी मंदिर को एक्स्प्लोर करने की सोच रहे है तो well done  आपका सफर काफी सुहाना होगा कारण यह है की यह शहर बिहार के प्रमुख शहरो से well connected  है ततः इसकी खूबसूरती और संस्कृति को देखते हुए आसानी से पहुंच जायेंगे ।

निष्कर्ष

आशा करता हु जानकी मंदिर सीतामढ़ी यात्रा की सम्पूर्ण जानकरी आपको अच्छी लगी होगी तथा सीतामढ़ी पर्यटन स्थल को घूमने में श्रद्धालुओं को यह लेख सहूलियत देगा ।

यदि आपको सीतामढ़ी के बारे में किसी भी प्रकार की जानकारी पाना चाहते है तो हमें नीचे कमेंट सेक्शन में जरूर बताये और ये लेख पसंद आया हो तो अपने दोस्तों के साथ फेसबुक में जरूर शेयर करे ।

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