हरिद्वार भारत के उत्तरी राज्य उत्तराखंड का एक शहर है। इसे हिंदू धर्म के सात सबसे पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है, यह स्थान इसलिए भी प्रसिद्ध है क्योंकि गंगा नदी हिमालय की घाटियों को छोड़कर सर्वप्रथम मैदानी इलाकों में यही उतरती है।
हर साल, लाखों हिंदू पवित्र गंगा में डुबकी लगाने के लिए हरिद्वार जाते हैं, जिसके बारे में माना जाता है कि यह उनके पापों को साफ करती है और उन्हें मोक्ष, या पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति के द्वार खोलती है।
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हरिद्वार में घूमने की जगह
हरिद्वार में स्थित कई महत्वपूर्ण मंदिरों और आश्रमों के साथ, हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण केंद्र भी है। यह शहर प्रसिद्ध हर की पौड़ी घाट का घर है, जहाँ गंगा की शाम की पूजा होती हैं।
यह शहर तीर्थयात्रियों के लिए भी एक लोकप्रिय गंतव्य है, जो चार धाम यात्रा करते हैं, और यह हिमालय के चार सबसे पवित्र हिंदू मंदिरों की यात्रा भी है।
अपने धार्मिक महत्व के अलावा, हरिद्वार अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी जाना जाता है, जिसमें गंगा शहर से होकर बहती है और हिमालय के पहाड़ पृष्ठभूमि के रूप में काम करते हैं।
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यह शहर कई वन्यजीव अभयारण्यों और राष्ट्रीय उद्यानों का भी घर है, जो इसे प्रकृति प्रेमियों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य बनाता है।
1. हर की पौड़ी
हर की पौड़ी, हरिद्वार में स्थित पवित्र गंगा का एक घाट है जहां लाखों हिंदू हर साल पवित्र गंगा में डुबकी लगाने और पूजा करने के लिए घाट पर जाते हैं।

हरि की पौड़ी को ब्रह्म कुंड के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यह वह स्थान है जहां भगवान ब्रह्मा ने यज्ञ किए था। यहां हर शाम गंगा आरती और सभी देवी देवताओं की पूजा अर्चना की जाती है जिसमें हजारों शामिल होते हैं। इस जगह की सबसे खास बात यहां आज भी भगवान विष्णु के चरणों के निशान देख सकते हैं।
हरिद्वार में हर की पौड़ी पर हर 12 वर्ष में विशाल कुम्भ मेला का आयोजन किया जाता है
2. मनसा देवी टेम्पल
मंदिर देवी मनसा देवी 51 शक्तिपीठों में से एक है जो हर की पौड़ी से 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है
मंदिर बिलवा पर्वत की चोटी पर स्थित है और यहां केबल कार या फुटपाथ से पहुंचा जा सकता है। मंदिर तीर्थयात्रियों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य है।
यह मंदिर आसपास के क्षेत्र और हिमालय के पहाड़ों के सुंदर दृश्यों के लिए भी जाना जाता है। अपने धार्मिक महत्व के अलावा, मनसा देवी मंदिर भी एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण है, जो अपनी सुंदर वास्तुकला और सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। मंदिर चार धाम यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो हिमालय के चार सबसे पवित्र हिंदू मंदिरों की यात्रा है।
मंदिर परिसर में मौजूद एक वृक्ष में दर्शनार्थी अपनी मनोकामना का धागा बांधते है जब उनकी कामना पूरी हो जाती ही तो पुनः हरिद्वार जा कर धागा खोल देते है ।
3. शांति कुञ्ज
शांतिकुंज एक आध्यात्मिक शिक्षा केंद्र है यहां पर जीवन जीने की शैली सिखाया जाती है ताकि व्यक्ति अपने देश और परिवार के लिए मानव जीवन में शिक्षा के साथ-साथ अपनी आध्यात्मिक उन्नति भी करे।

यहाँ पर दी जाने बलि शिक्षा का कोई शुल्क नहीं लिया जाता बल्कि साथ में शिक्षा लेने आने बाले व्यक्तियों को रहने और खाने की निशुल्क व्यवस्था दी जाती है .
इसके अलाबा यहाँ पर गायत्री माता मंदिर और अखंड ज्योति मंदिर जो 1926 से लगातार जल रही है इसके अलाबा यहाँ पर यज्ञ शाला , योग केंद्र , यात्रियों को ठहरने की उत्तम व्यवस्था के साथ साथ खाने की फ्री सुबिधा उपलब्ध है ।
4. भारत माता मंदिर
भारत देश को समर्पित यह मंदिर 7 मंजिला बना हुआ है जहां पर हर मंजिला में अलग -अलग मंदिर है जिनके अपनी अलग बिशेषता है – इसे घूमने के लिए लिफ्ट के माद्यम से टॉप मंजिला से नीचे की तरफ आना होता है –
चलिए जानते है सभी मंदिरो के महत्व क्या है –
- ७ मंजिला में भगवान् शिव का मंदिर जहाँ उनके बिभिन्न रूपों के दर्शन मिलते है .
- 6 मंजिलाभगवान व्रिष्णु कोसमर्पित है जहाँ उनके बिभिन्न अवतारों के दर्शन प्राप्त होते है .
- 5 शक्ति मंदिर यहाँ पर माँ दुर्गा के अलग अलग रूपों के दर्शन मिलते है.
- खंड 4 में हमारे देश के बिभिन्न राज्यों के बारे में बताया गया ऐसा बहुत कम ही लोगो ने देखा होगा.
- खंड ३ में हमारे देश के प्रसिद्द और पुज्य्नीय संतो के दर्शन मिलते है एक ही मंदिर में इतने संतो के दर्शन मिलना बहुत सौभाग्य की बात है
- खंड २ मातृ मंदिर जहाँ पर प्रसिद्द मातृ प्राचीन शक्तियों की प्रतिमाये बनी हुयी है जो बहुत कम लोगो ने देखि होगी.
- पहले मंजिला में शूर मंदिर स्थित है जहां उन लोगो की प्रतिमाये बनी हुयी है जिन लोगो ने हमारे भारत देश को स्वतंत्र कराने में अहम् भूमिका निभाया था.
यही विशेषता है इस मंदिर की
6. चंडी देवी मंदिर
हरिद्वार का मशहूर मंदिर चंडी देवी मंदिर नील पर्वत पर स्थित है हरिद्वार पौराणिक शहर है जो हिन्दू तीर्थो का तीर्थ स्थल भी है इस स्थान में जगह जगह पर मंदिर है जिनके अपने -अपने महत्त्व है ।

भारत में मौजूद 51 शक्ति पीठो में से एक चंडी देवी मंदिर ये वही स्थान है जहाँ शुम्भ और निशुम्भ को मार कर देवी ने कुछ समय यहाँ विश्राम किया था ।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जब शुम्भ और निशुम्भ राक्षसों ने धरती पर प्रलय मचाया था तब देवताओ ने उनका संहार करने का प्रयास किया और उन्हें सफलता नहीं मिला तब चंडी देवी ने खम्भ रूप प्रकट होकर दोनों राक्षसों का बद्ध किया ।
और तब से माता यही पर विराजमान होकर अपने भक्तो का कल्याण कर रही है ।
हरे भरे प्राकृतिक वातावरण के बीच दर्शनार्थियों को आस्था की ज्योति लिए पहाड़ी गलियारों से 3 किलोमीटर की लम्बी रास्ता पैदल पार करते है । यहाँ आकर सच में एक अलग ही अनुभव होने बाला है।
मदिर तक पहुंचने के लिए 3 रास्ते है –
- पैदल रास्ता जो 3 किलोमीटर की चढ़ाई चढ़नी पड़ती है
- दूसरा रास्ता – सीढ़ियों के माद्यम से
- तीसरा रास्ता- जो सबसे आसान बना देता है वो हो रोपवे
7. चिल्ला वाइल्ड लाइफ सेंचुरी
यदि आप जानवरो से प्यार करते है और जंगली पशुओ और पक्षियों को देखने में रूचि रखते है तो ये जगह आपके लिए है यहाँ पर भारत में पाए जाने बाले कई जंगली जानवरो को सैर करते हुए देख पाएंगे । यहाँ की एंट्री फीस 150 रूपए निर्धारित है ।
8. माया देवी मंदिर
माया देवी शक्तिपीठ हरिद्वार के हर की पौड़ी से 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जो माता सती को समर्पित है।
पौराणिक कथा के अनुसार माता सती के पिता प्रजापति दक्ष ने विशाल यज्ञ का आयोजन करवाया ।
जिसमे ब्रह्मा , वृषनु इंद्रा और अन्य देवी देवताओ को आमंत्रित किया लेकिन अपने दामाद भगवान् शिव को इस यज्ञ में आमंत्रित नहीं किया तब माता सती बहुत क्रोधित हुयी और अपमान करने का कारण जानने के लिए यज्ञ स्थल पहुंची ।
और अपने पिता से कारण पूछी इस पर दक्ष ने अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया तब देवी यज्ञ कुंड में कूद कर आत्म दाह कर लिया तब शंकर जी ने अपने तीसरी आँखे खोल दी और पूरे ब्रह्माण्ड में हाहाकार मच गया ।
भगवान् शिव के आदेश पर वीरभद्र ने दक्ष का सर काट दिया और शिव जी ने सती का पार्थिव शरीर लेकर पूरे पृथ्वी में तांडव करने लगे जिससे महाप्रलय आ गया।
तब व्रिष्णु जी ने अपने सुदर्शन चक्र से सती के टुकड़े कर दिए और जहाँ जहाँ उनके शरीर का टुकड़ा गिरा उन जगहों पर शक्ति पीठ अस्तित्व में आया इस तरह कुल 51 शक्ति पीठ हुए । उन्ही में से एक माया देवी शक्ति पीठ है ।
9. पावन धाम
कांच से बना यह मंदिर अपनी सुंदरता के लिए पूरे भारत में प्रसिद्द है इस मंदिर की नक़्क़शी कांच से इस तरह करी गयी है की एक ही प्रतिमा कई बार दिखयी पड़ती है यहाँ पर हिन्दू देवी देवताओं की सुन्दर झांकियो से सुसज्जित किया गया है ।
इस घाट पर अक्सर लोग ध्यान लगाने और मन की शांति के लिए लोग पहुंचते है
सप्त सरोबार रोड पर बना यह मंदिर हरिद्वार का मुख्य मंदिर है जहाँ सबसे ज्यादा पर्यटक आते है ।
ये विशेष रूप से कांच की कलाकरियो के लिए जाना जाता है यह स्थान हरिद्वार रेलवे स्टेशन से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर बसा हुआ है
10. व्रिष्णु घाट
हरिद्वार की प्रसिद्द जगहों में से एक व्रिष्णु घाट पर्यटकों के बीच प्रसिद्द है गंगा स्नान के लिए इस स्थान का वर्णन हिन्दू पौराणिक कथ्यो में मिलता है कहा जाता है की त्रेता युग में भगवान वृषनु जी ने यहाँ पर गंगा स्नान किये थे तब से इस जगह का महत्त्व है ।
जब आप हरिद्वार घूमने जाये तो इस पावन सिद्ध जगह पर स्नान करने अवश्य जाये और अपनी मनवांछित इक्षा की मन्नत मांगे ।
वृषनु घाट पर कुछ मदिर भी है जो काफी प्राचीन है ।
11. गौ घाट
प्रकति की गोंद में बसा यह गंगा का घाट काफी स्वक्ष और सुन्दर है ये प्रसिद्द है गौ हत्या से मुक्ति के लिए और साथ ही साथ अपने प्रियजनों की आत्मा की शांति के लिए श्रद्धालु यहाँ प्राथना करने आते है ।
घाट के चारो तरफ हरियाली के बीच कई प्राचीन मंदिर बने हुए जहाँ दर्शन के लिए जा सकते है ।
12. सप्तऋषि आश्रम
यहाँ पर माँ गंगा नदी की सात धराये में बहती हुयी दिखाई देती है जिसकी बजह से इस स्थान को सप्त सरोवर के नाम से भी जाना जाता है इसके अलाबा इसी स्थान पर हजारो बर्ष पहले सप्तऋषि का आश्रम हुआ करता था ।
वास्तव में ये आश्रम इतना खूबसूरत है की जो भी यहाँ आता है और एक दो दिन यहाँ रुकता है वो इंसान इस स्थान को बिलकुल भी नहीं छोड़ना चाहता ।
क्योंकि शांत वातावरण के साथ कल कल करती बहती हुयी गंगा और स्वक्ष वातावरण के बीच बना आश्रम का दृश्य पर्यटक हरिद्वार को दिल दे बैठते है ।
अगर आप कम पैसे में अच्छी सुबिधाओं के साथ रहना पसंद करते है तो सप्त ऋषि आश्रम सबसे शानदार जगह है जहाँ खाने रहने की उत्तम व्यवस्था के साथ यहाँ से हरिद्वार घूमने की सभी जगह नजदीक में पड़ती है ।
13. भीम गोडा कुंड
इस जगह का पौराणिक महत्त्व महाभारत से है युद्ध समाप्त होने के बाद पांडवो के भाई भीम ने यहाँ पर 12 बर्षो की तपस्या की थी और यहाँ अपने गढ़ा मरकर कुंड का निर्माण किया था जो आज भी उसी रूप में स्थित है ।
यहाँ पर काफी ज्यादा दर्शनार्थी घूमने के लिए जाते है यह प्रसिद्द जगह हरी की पौड़ी से 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है ।
14. दक्ष महादेव
हरिद्वार से 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित शिव को समर्पित मंदिर में सावन महीने में लाखो श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते है यह मंदिर काफी खूबसूरत है ।
इसका पौराईक महत्त्व मिलता है की ये वही स्थान है जहा अपने पिता के द्वारा भगवान शिव को अपमानित किये जाने पर देवी सती ने अपना प्राण त्याग दिया था ।
15. नील धारा हरिद्वार
हरिद्वार में स्थित ये जगह प्रसिद्द है माँ गंगे के सुन्दर वातावरण के बीच स्वक्ष नीले रंग के जल के लिए इसके साथ साथ नदी के दोनों छोर पर पहड़ो से ढाका हुआ ये स्थल काफी सौंदर्य लगता है मनो वक्त ठहर सा गया हो ।
नील धारा घाट के एक छोर पे चंडी देवी मंदिर और दुसरे छोर पर मनसा देवी मंदिर स्थित है तभी तो यह स्थान काफी शानदार है सुबह की व्यायाम के लिए यहाँ जा सकते है ।
हरिद्वार कैसे पहुंचे ?
हरिद्वार पहुंचने के लिए भारत के तीन प्रमुख यातायात सुभिधायो से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है हरिद्वार रेलवे स्टेशन में प्रमुख शहरो जैसे दिल्ली , मुंबई , चेन्नई , बंगलोरे , हैदराबाद , कोलकाता ,इंदौर इत्यादि से यहाँ प्रतिदिन रेलगाड़िया आती है ।
- यदि आपके शहर से हरिद्वार आने बलि ट्रैन नहीं है तो आपको दिल्ली तक आकर हरिद्वार की दूरी 210 किलोमीटर है तय कर सकते है ।
- दूसरा ऑप्शन है देहरादून तक आकर हरिद्वार जा सकते है जिकी दूरी 43 किलोमीटर है ।
- यदि आप हवाई यात्रा करके हरिद्वार पहुंचना चाहते है तो इसके नजदीक में देहरादून का एयरपोर्ट है जो अन्तर्राज्यीय सभी जगह से हवाई जहाज आती है ।
हरिद्वार में रुकने की जगह ?
हरिद्वार में रुकने के लिए कई बिकल्प है जिनमे से रिसोर्ट , होटल कैंपिंग कॉटेज, या आश्रम जहा आपको सभी सुभिधायो के साथ खाने और रहने की उत्तम व्यवस्था मिल जाएगी ।
Read more– हरिद्वार में रुकने के लिए निशुल्क आश्रम
- यदि आप आश्रम में रुकना पसंद करते है तो शांति कुञ्ज जहाँ पर साफ स्वक्षता का विशेष ध्यान दिया जाता है और रहने खाने के लिए बिलकुल फ्री होता है ये एक ट्रस्ट है यदि आप चाहे तो कुछ पेमेंट कर सकते है ।
- इसके अलाबा सप्त ऋषि आश्रम जहाँ कम से कम बजट में भी रह सकते है यहाँ से हरिद्वार टूरिस्ट प्लेस पास में पड़ता है जो लगभग 5 किलोमीटर के दायरे में सभी जगह पड़ती है ।
- यदि आप होटल में रुकना चाहे तो हर की पौड़ी के आस पास कई होटल मौजूद है जो हर बजट मिल जाते है जिनका मिनिमम 800 रूपए प्रतिदिन किराया लगता है ।
हरिद्वार घूमने का कितना खर्चा लगेगा ?
हरिद्वार घूमने के लिए कम से कम 2 दिन का समय निकल कर जाये यदि आप ऑटो बुक करके घूमना चाहते है तो उसका कन्वेन्स 800 में पूरा हरिद्वार घूम लेंगे ।
- अगर आप आश्रम में रुकते है तो शांति कुञ्ज जहाँ पर सब कुछ बिलकुल फ्री अपने हिसाब से आप चाहे तो कुछ पेमेंट कर सकते है क्योंकि यह एक ट्रस्ट है ।
- अगर आप होटल में रुकते है तो कम से कम 1000 प्रतिदिन में मिल जायेंगे और खाने का चार्ज 200 प्रतिदिन ।
- मै बता करू 2 दिन के हरिद्वार टूर प्लान में 2000 रूपए मिनिमम घूमने का खर्चा आएगा ।
हरिद्वार कैसे घूमे ?
हरिद्वार घूमने के लिए कई बिकल्प है जैसे – टैक्सी , किराये पर बाइक , टूरिस्ट बस , या पर्सनल वाहन ।
यदि आप दोस्तों के साथ घूमने आते है तो बाइक सबसे बेस्ट ऑप्शन रहेगा जो रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड में किराये पर आसानी से मिल जायेंगे जिसके लिए ओरिजिनल डॉक्युमनेट सिक्योरिटी के तौर पर जमा कराया जाता है जब आप बाइक Return करेंगे तो आपको लौटा दिया जाता है ।
बाइक का चार्ज मिनिमम 500 प्रतिदिन दो लोगो के लिए अलग अलग गाड़ियों के अलग चार्ज किया जाता है ।
दूसरा ऑप्शन है टैक्सी जिसका किराया 600 से लेकर 800 तक होता है इसके अलाबा शेयरिंग टैक्सी लेकर भी हरिद्वार घूम सकते है जो काफी कम बजट में हो जायेगा ।
हरिद्वार घूमने का सबसे अच्छा समय कौन सा है ?
हरिद्वार घूमने के लिए वैसे तो साल के 12 महीने यहाँ पर्यटकों आना जाना लगा रहता है लेकिन बरसात में सावन के समय से जून तक यहाँ सबसे ज्यादा श्रद्धालु घूमने आते है ।
कुल मिलाकर, आध्यात्मिक ज्ञान और हिंदू धर्म की गहरी समझ चाहने वालों के लिए हरिद्वार की यात्रा एक समृद्ध और पूर्ण अनुभव है।
FAQ- हरिद्वार के बारे में पूछे जाने बाले प्रश्न ?
हरिद्वार में ठहरने के लिए आश्रम ?
यदि आप आश्रम में रुकना पसंद करते है तो शांति कुञ्ज जहाँ पर साफ स्वक्षता का विशेष ध्यान दिया जाता है और रहने खाने के लिए बिलकुल फ्री होता है ये एक ट्रस्ट है यदि आप चाहे तो कुछ पेमेंट कर सकते है ।
हरिद्वार में क्या क्या चीज देखने लायक है?
हरिद्वार की देखने लायक प्रसिद्द जगहों में हर की पौड़ी , मनसा देवी मंदिर , चंडी देवी मंदिर , ब्रह्मा कुंड , शांति कुञ्ज , पवन धाम , माया देवी टेम्पल , दक्ष महादेव मंदिर प्रमुख है । इसके लबा भी हरिद्वार में घूमने की कई स्थान मौजूद है जहाँ भरी संख्या में पर्यटक घूमने जाते है ।