Best 15 ] बीकानेर में घूमने की जगह – सम्पूर्ण जानकारी

दोस्तों इस लेख में आप जानेगे बीकानेर घूमने की सम्पूर्ण जानकारी जैसे – बीकानेर कब जाये , कैसे जाये , बीकानेर घूमने का खर्च क्या लगेगा , और बीकानेर में रुकने और खाने पीने की क्या व्यबस्था है और बीकानेर में घूमने की जगह कौन कौन सी है इसीलिए आपसे अनुरोध है इस लेख को अंत तक पढ़े ।

राजस्थान के उत्तर पश्चिम में स्थित बीकानेर क्षेत्रफल के हिसाब से राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा जिला है राजस्थान में सबसे ज्यादा घूमे जाने बाले टूरिस्ट प्लेस में बीकानेर का स्थान 6 वे नंबर पर आता है।

जो की भारत की राजधानी दिल्ली से 425 किलोमीटर , जयपुर से 333 किलोमीटर और जोधपुर से 250 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जो पाकिस्तान बॉर्डर की सीमा को 168 किलोमीटर कवर करता है ।

बीकानेर में घूमने की जगह

बीकनेर शहर जाना जाता है अपने गौरवशाली इतिहास , संस्कृति और प्राचीन भारत की हड़प्पा सभ्यता के लिए इसी बजह से यहाँ हर बर्ष भारी तादात में पर्यटक बीकानेर की यात्रा पर जाते है ।

बीकानेर शहर की स्थापना का श्रेय राव बीका जी को जाता है उन्होंने ही इस शहर की 1488 में सर्वप्रथम नीव राखी थी यहाँ कई सारे प्राचीन मंदिर , हवेलिया और हड़प्पा संस्कृति के अवशेष मौजूद है जिसे देखने और इतिहास को जानने के लिए टूरिस्ट बीकानेर पर्यटन स्थल का रुख करते है ।

चलिए अब जानते है बीकानेर में घूमने की जगह कौन कौन सी है –

1. बीकानेर डेजर्ट

राजस्थान के थार रेगिस्तान के बीच स्थित डेजर्ट बीकानेर में घूमने की जगह में पर्यटकों की पहली पसंद होती है यहाँ आने बाले ज्यादातर टूरिस्ट यही से अपनी पिकनिक की शुरुआत करते है ।

यहाँ काफी सारे डेजर्ट बने हुए है जहाँ रात में राजस्तानी परंपरा में नचा गाने और उनके रहन सहन देखने को मिलेगा साथ में इन डेजर्ट में ठहरने और खाने पीने की काफी अच्छी व्यवस्था की जाती है ।

यहाँ पर कई प्रकार की एक्टिविटी के साथ साथ जीप सफारी और ऊंट की सवारी का आनंद उठाने के लिए पर्यटक यहाँ आते है

इन सब के लिए आपको एक पैकेज लेना होता है जो वहां जाकर इनकी बुकिंग कर सकते है जिसका चार्ज लगभग 1500 से 2500 के बीच होता है जिसमे रहने, खाने और ऊंट सवारी के साथ साइड सीन और बोने फायर नाच गाने की प्रतियोगता देखने के लिए शामिल होता है ।

दोस्तों यदि बीकानेर घूमने जाये और वहां की रेगिस्तानी सफारी का मजा न ले तो बीकानेर जाने का कोई मतलब नहीं होगा यहाँ कई जगह ऐसी है जहाँ ऊंट पर बैठ कर रेगिस्तान की सरजमीं को बड़े करीब से देख पाएंगे ।

2. करनी माता मंदिर

बीकानेर की सोभा केवल यहाँ के महल , किला और रेगिस्तान ही नहीं बनाते बल्कि यहाँ पर स्थित सुप्रसिद्ध हिन्दू धर्म समर्पित करनी माता मदिर है जो की बेहतरीन नक्काशी के लिए दुनिया भर में अपनी अलग पहचान बनाये हुए है जो बीकानेर शहर से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है ।

इस मंदिर को चूहों के मंदिर के नाम से जाना जाता है क्योंकि यहाँ पर लगभग 20 हजार से भी ज्यादा चूहे वास करते है इनके बारे में कहा जाता जाता है की ये सभी चूहे करनी माता की संतान है ।

3. गजनेर पैलेस

बीकानेर में तो वैसे बहुत से ऐतिहासिक धरोहर मौजूद है लेकिन सबके अपने अलग महत्त्व है गजनेर पैलेस राजा महाराजाओं का वो स्थान जब वो शिकार कर के लौटे थे तब वो सबसे पहले यही पर आया करते थे ।

रेगिस्तान में गर्मियों में सुकून पाने के लिए इस जगह को बनाया गया था इसके बगल में एक खूबसूअरत झील है जहाँ बोटिंग यानि नाव की सवारी करने के लिए ज्यादातर टूरिस्ट यहाँ आते है ।

जब आप बीकानेर का टूर प्लान करे तो इस जगह को अपने लिस्ट में जरूर शामिल करे ।

4. गजनेर अभ्यारण

जंगली जानवरो और प्रकृति प्रेमियों के लिए बीकानेर में गजनेर अभ्यारण सबसे अच्छी जगह है यहाँ पर बिभिन्न प्रकार के जंगली जानवर जैसे – चीता , शेर, हांथी , हिरन , भालू , ऊंट , जंगली सूअर नील गाय , चिंकारा के अलाबा और भी कई अन्य पशु और पक्षीय देखने को मिलेंगे जो देशी और विदेशी प्रकार की होते है के साथ साथ झील के समीप पक्षियों के समूह को देख पाएंगे ।

खास तौर पर रेगिस्तान में पाए जाने बाले जीव जंतुओं को यहाँ देखा सकते है ।

यदि आपको इन सभी में रूचि हैतो एक बार यहाँ जंगल सफारी करते हुए जरूर जाईयेगा क्योंकि जंगल सफारी में सफर करते हुए आपको इन सभी पशु और पक्षियों काफी करीब से देख पाएंगे ।

5. जूना गढ़ किला

राजा राय सिंह के द्वारा बनवाया गया सं 1593 में यह किला राजस्थान के सबसे सुन्दर किलो में से एक है किला के चारो तरफ मौजूद हरे भरे गार्डन इसकी खूबसूरती को और भी निखार देते है ।

किले के भीतरी हिस्से में बना जेना क्वाटर यहां आने बाले पर्यटकों को काफी आकर्षित करता है जो अपनी अद्भत नक़्क़शी के लिए प्रसिद्द है

बीकनेर का सबसे लोकप्रिय स्थान जूनागढ़ का किला है जो लाल बलुए पत्थरो बना हुआ यह किला 1 किलोमीटर के दायरे में बना हुआ है जूनागढ़ किला आज भी यहाँ गर्व से अपना इतिहास वयान करता है और आज का बीकानेर शहर इसी किले के इर्द गिर्द बसा हुआ है।

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6. लालगढ़ महल

लालगढ़ महल को ब्रिटिश शाहको के द्वारा1926 में बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह जी के लिए बनवाया गया था इस महल के परिसर में 2 आँगन भी मौजूद है जहाँ काफी सुन्दर दृश्य दिखाई देता है ।

किसी ज़माने में राजाओ का निवास स्थान लालगढ़ महल आज के आधुनिकीकरण में इसे होटल में तब्दील कर दिया गया है जहाँ राजशाही अंदाज में टूरिस्ट यहाँ ठहरते है ।

विदेशो से आने बाले या भारत के बड़े बड़े बॉलीवुड एक्टर इसी पैलेस में रुकना पसंद करते है ।

इसकी खास बात यह है की यहाँ पर म्युसियम भी मौजूद है जहाँ पर राजयो के रहन सहन को प्रदर्शित करते है उनके कपडे रानियों के वस्त्र किचिन , औजार , बैडरूम और भी बहुत कुछ यहाँ पर्यटकों को देखने के लिए मिल जायेगा ।

जब भी आप बीकानेर का टूर प्लान करे तो अपने लिस्ट में इस ऐतिहासिक धरोहर को जरूर शामिल करे और साथ में यहाँ के होटल राजशाही अणडज में खाने का लुप्त उठाये

इस किले का पुराण नाम चिंतामणि हुआ करता था बाद में 20 शताब्दी के शुरुआत में बदलकर जूनागढ़ रख दिया गया

7. अंतरास्ट्रीय ऊंट मेला

बीकानेर में हर बर्ष कई मेले का आयोजन होता है लेकिन यहाँ का ऊंट मेला विश्व भर में प्रसिद्द है जो की दुनिया का सबसे बड़ा ऊंट मेला है इस फेस्टिवल के दौरान कई सारे कार्यक्रम किये जाते है जैसे गैर डांस , ऊंट डांस और ऊंट की सवारी आयोजित होती है और साथ में जमकर आतिशबाजी की जाती है ।

यह फेस्टिवल बीकानेर में जनवरी के महीने में किया जाता है और इस समय यहाँ पर विदेशी और देशी पर्यटक भरी संख्या में पहुंचते है ।

8. ऊंट अनुसन्धान सेण्टर

सामजिक और आर्थिक दृष्टि से ऊंट से होने बाले विकास को देखते हुए 20 सितम्बर 1995 को राष्ट्रीय रिसर्च ऑफ़ कैमल की स्थापना की गयी जहाँ पर 3 प्रकार की प्रजातियों के सैकड़ो छोटे बड़े ऊंट निवास करते है ।

यहाँ जाने के बाद आप चाहे तो ऊंट की सवारी भी कर सकते है

यहाँ पर ऊंट के दूध से बने हुए कई प्रकार के खाने का टेस्ट ले सके है जैसे । दूध , खीर , लस्सी बीकानेर आकर इस जगह का टूर जरूर करनी चाहिए ।

9. बीकानेरी हवेलिए

हवेलिया तो बहुत देंखे होंगी आपने लेकिन बीकानेर में जो हवेलिया राजा महाराजाओं के द्वारा बनवायी गयी है उनकी तुलना किसी और से नहीं की सकती ।

अपने बेहतरीन नक्काशी के लिए जानी जाने बाली इन हवेलियों में आने के बाद टूरिस्टो को एक अलग ही एक्पेरिएन्स देता है जरा सोचिये यहाँ जाकर आपको सोचने पर मजबूर कर देगा आखिर उस ज़माने में भी कितने राजशाही ढंग से लोग अपना जीवन व्यतीत करते थे

10. लक्ष्मीनाथ टेम्पल

बीकानेर का सबसे पुराने मंदिरो में सुमार लक्ष्मी नाथ टेम्पल श्रद्धालुओं के आस्था के बीच बहुत लोकप्रिय पावन पवित्र धाम है जो की माता लक्ष्मी और भगवान् वृषनु जी को समर्पित है ।

हिन्दू फेस्टिवल के समय यहाँ श्रद्धालुओं की लम्बी लाइन देखने को मिलती है आस्था की जोति में इस मंदिर में आने बाले भक्तो की मनोकामनाये अबस्य पूरी होती है ।

11. श्री कोलायत जी का मंदिर

यह जगह प्रसिद्द ऋषिमुनि कपिल जी का आश्रम हुआ करता था जो उनकी तप स्थली भूमि है इनके बारे में यह भी कहा जाता है की भगवान् वृषनु के 5 वे अवतारक कपिल ऋषिमुनि ही थे ।

कोलायत मंदिर बीकनेर पर्यटन स्थल का मुख्या जगहों में से एक है इस धाम में एक बड़ी झील बनी हुयी है जहाँ नाव की सवारी भी होती है

प्रतिवर्ष कोलायत जी धाम में कार्तिक पूर्णिमा यानि दिवाली के समय यहाँ बहुत ही भव्य मेले का आयोजन किया जाता है जिसमे लाखो लोग शामिल होते है ।

सरोवर के चारो तरफ हरे भरे पीपल के वृक्ष इसकी खूबसूरती में चार चाँद लगा देते है झील के दुसरे छोर में गुरुनानक मंदिर भी है

बीकानेर में घूमने आने बाले पर्यटक इस स्थान में अवश्य जाते है

12. हैरम गणपति मंदिर

बीकानेर को छोटी कशी भी कहा जाता है इसे काशी इसलिए भी कहते है क्योकि ये स्थान अनेको ऋषियों की तप स्थली भूमि रह चुकी इसीलिए अपनी मनोकामनाएं लेकर भक्त यहाँ पूजा अर्चना के लिए जाते है कहते है इनके शरण में आने से इंसान की मनोकामनाएं पूरी होती है यहाँ पर गणेश जी के कई मंदिर बने हुए है उनमे से एक प्रसिद्द है गुरुगनेश।

13. भांडासर जैन मंदिर

राजस्थान के बीकानेर में घूमने की जगहों में 2 जैन मंदिर भी आते है है जिनमे से भांडासर जैन मंदिर अपनी एक अलग ही पहचान बनाये हुए है इस मंदिर की नक्काशी पीले पत्थरो से की गयी है जो देखने में बहुत ही खूबसूरत लगता है इस मंदिर को 16 वी शताब्दी में भांडासर कॉबल व्यापारी के द्वारा करवाया गया था।

14. गंगा सिंह संग्रहालय

बीकानेर के इस प्रसिद्द म्युसियम में प्राचीन हड़प्पा सभ्यता और गुप्तकाल के कई अवशेषों को सभाल कर रखा गया है साथ में यहाँ उस ज़माने में उपयोग किये जाने बाले बर्तन , कालीन , चित्रकारी , सिक्के और प्राचीन हथियार रखे हुए है जिसे आप संजीदगी से देखेंगे तो दिल दे बैठेंगे ।

जो की बीकानेर शहर से 30 किलोमीटर की दूरी पर बना हुआ है

15. कोटे गेट

अंत में चलते चलते बता दू की बीकानेर में कोटे गेट यहाँ का प्रमुख बाजार है जिसकी बझा से सबसे ज्यादा भीड़ भाड़ इसी स्थान में रहता है यहाँ से अपने प्रियजनों को यादो के रूप में यहां से गिफ्ट के तौर पर राजस्थानी संस्कृति के गिप्ट आइटम खरीद कर अपने साथ ले जा सकते है

यहाँ खास बात यह है की जमकर मोलभाव होता है जिससे कम पैसे में ज्यादा सामान खरीदा जा सकता है ।

बीकानेर कैसे पहुंचे

बीकानेर पहुंचने के लिए भारत के 3 बड़े यातायात सुबिधाये रेलमार्ग , हवाई यात्रा और बस सर्विस के द्वारा पंहुचा जा सकता है ।

बया ट्रैन- बीकानेर राजस्थान का बहुत बड़ा रेलवे जंक्शन है जहा भारत के सभी प्रमुख शहरो जैसे मुंबई , दिल्ली , चेन्नई , हैदराबाद , कोलकाता और बैंगलूर जैसे शहरो से प्रतिदिन ट्रैन का अबागमन होता है लेकिन यदि आपके शहर से डायरेक्ट ट्रैन बीकानेर के लिए नहीं है तो सबसे पहले जोधपुर या जयपुर पहुंचकर बीकानेर के लिए रेलगाड़ी पकड़ सकते है ।

बया हवाई जहाज – बीकानेर तक हवाई जहाज से पहुंचने बाले पर्यटकों को सबसे पहले जोधपुर एयरपोर्ट आना होता है जहाँ से 250 किलोमीटर की दूरी ट्रैन या बस से तय करनी पड़ती है जो की एयरपोर्ट के बहार से बस आसानी से मिल जाती है ।

बया बस – बया रोड बीकानेर जाने बाले टूरिस्टो के लिए भारत के सभी शहरो से रोड की 4 लेन सुबिधा उपलब्ध है जिसका सफर काफी सुहाना होता है ।

बीकानेर घूमने कब जाये

वैसे तो बीकानेर घूमने के लिए सभी मौसम में टूरिस्ट यहाँ आते है लेकिन सर्दियों का समय ऑक्टूबर से लेकर मार्च का जो समय होता है वो बीकानेर घूमने के लिए सबसे उचित टाइम होता है क्योंकि अगर आप गर्मियों में यहाँ आते है तो रेगिस्तान की ग्रीष्मकालीन गर्मी सहन नहीं होती जो आपके सफर में मजा काम कर देगा ।

बीकानेर घूमने का खर्चा क्या लगेगा

बीकानेर घूमने के लिए दसरत में कैंपिंग करने का खर्च 2 हजार से 3 हजार किया जाता है जो एक दिन और एक रात का होता है इसमें आपको मिलेगा कैमल सफारी का मजा और साथ में खाने और रहने की उत्तम व्यवस्था के साथ राजस्थानी सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे नाच गाने और सर्दियों में बॉन फायर का लुप्त उठाने का मौका मिल जायेगा ।

बीकानेर घूमने का कितना दिन का समय होना चाहिए

बीकानेर घूमने के लिए कम से कम 2 दिन का समय जरूर लेकर जाये क्योंकि एक दिन आपका सैम सैंड डून्स यानि डेजर्ट में निकल जायेगा और दुसरे दिन बीकानेर के प्रसिद्द मंदिर और किला , हवेलिया देखने के लिए निकल जायेगा जो की 2 दिन का समय यहाँ घूमने के लिए पर्याप्त होता है ।

बीकानेर में रुकने और खाने की क्या व्यवस्था है

बीकानेर में रुकने के 3 बड़े बिकल्प मौजूद है जिनमे से – हवेलिया , होटल , और डेसेर्ट्स

होटल – अगर हम होटल की बात करे तो बीकानेर में हर बजट के होटल मौजूद है जो शहर के भीतर स्थित है ज्यादातर शहर में स्थित है जिनका रेट 800 से 1500 रूपए प्रतिदिन होता है जो अच्छी सुबिधाओं के साथ मिल जायेंगे इनकी बुकिंग ऑनलाइन और ऑफ लाइन दोनों प्रकार से होती है ।

डेसेर्ट्स – अगर हम डेजर्ट की बात करे तो बीकानेर से 20 किलोमीटर दूर थार रेगिस्तान में रेतीले टीलों के बीच बने इन डेजर्ट में पर्यटक रुकना ज्यादा पसंद करते है क्योंकि खुले आसमान के नीचे रात में काफी शानदार लगता है । इसके लालबा यहाँ रेगिस्तान सफारी , और ऊंट की सवारी के साथ साथ राजस्थानी परंपरा में नाच गाने का नाईट में आयोजन किया जाता है जिसमे काफी अच्छा टूरिस्टो का मनोरंजन होता हो जाता है ।

इन डेसेर्ट्स में रुकने के चार्ज 2500 रूपए से 3 हजार के बीच होता है जिसमे ये सभी सुबिधाये दी जाती है ।

हवेलिया – बीकानेर में राजशाही ढंग से रहना पसंद करने बाले पर्यटकों को हवेलिया या गजनेर पैलेस है में ठहरना चाहिए क्योंकि यहाँ पर शाही अंदाज में रहने और खाने की अच्छी व्यवस्था होती है इनके रेट थोड़ा महंगे होते है जो 3 हजार रूपए प्रतिदिन से चार्ज किया जाता है ।

निष्कर्ष –

दोस्तों ऊपर इस लेख में आपने जाना बीकानेर में घूमने की जगह कौन कौन सी है , और बीकानेर कब जाये , कैसे जाये , ये सभी प्रकार की बीकानेर की सम्पूर्ण यात्रा की जानकारी बताई गयी है

मेरे द्वारा लिखे गए इस लेख में यदि आपका का कोई सवाल हो तो हमें नीचे कमेंट सेक्शन में लिख भेजे मई आपके प्रश्नो का इंतजार करुँगी ।

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