भारत के छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित बस्तर जिला का मुख्यालय जगदलपुर नगर है यह शहर प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण चारों ओर घने जंगलों, और पहाड़ियों से घिरा हुआ है मानो ऐसा प्रतीत होता है जैसे स्वर्ग यही बसता है ।
दोस्तों बस्तर के आसपास कई सारे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मौजूद हैं जहां हर साल लाखों सैलानी देश विदेश से अपनी शानदार पिकनिक इंजॉय करने के लिए आते हैं अगर आप भी जंगलों में किसी खूबसूरत हिल स्टेशन की सैर करना चाहते हैं तो आपको निश्चित रूप से बस्तर यात्रा का प्लान बनाना चाहिए।
आगे इस लेख में आपको बस्तर पर्यटन स्थल घूमने की संपूर्ण जानकारी को विस्तार पूर्वक वर्णन किया गया है जैसे- बस्तर कब जाना चाहिए ? बस्तर कैसे जाएं ? वहां ठहरने तथा खाने-पीने की क्या व्यवस्था मिलेगी और कौन-कौन से स्थान देखने योग्य जहां सबसे ज्यादा टूरिस्ट घूमने के लिए आते हैं इन सभी सवालों के जवाब आपको अंत तक मिल जाएंगे
Table of Contents
बस्तर पर्यटन स्थल की सूची
यहां लोकप्रिय बस्तर में घूमने की जगह की सूची है इससे आपको यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी बस्तर भ्रमण के दौरान किन-किन स्थानों को अपने टूर प्लान में शामिल करना चाहिए-
1. चित्रकोट जलप्रपात
गोदावरी की सबसे बड़ी सहायक नदी इंद्रावती पर बनने वाला चित्रकोट जलप्रपात बस्तर जिला से लगभग 40 किलोमीटर दूर जगदलपुर के पश्चिमी छोर में स्थित है।
भारत में नियाग्रा फाल के नाम से मशहूर इस जलप्रपात को देश का सबसे चौड़ा और सुंदर झरना होने का गौरव प्राप्त है शायद इसीलिए कुदरत के इस विहंगम दृश्य को देखने के लिए विदेशों से हर साल भारी संख्या में टूरिस्ट आते हैं।
रोमांचक यात्रा के लिए यह हर मौसम में दर्शनीय है अगर आप इस वाटरफॉल में नौका विहार का आनंद उठाना चाहते हैं तो मानसून छोड़कर बाकी किसी भी मौसम में जा सकते है परंतु वास्तव में बरसात के समय जब इंद्रावती नदीअपना विकराल रूप धारण करती है तब 100 फीट की ऊंचाई से गिरता हुआ पानी की गर्जना दूर-दूर तक सुनाई देती है और यह दृश्य मंत्रमुग्ध कर देने वाला होता है।
2. कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान
हरियाली घाटियों के तलहटी में बसा कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान को किसी खूबसूरती का मोहताज कहे या फिर कुदरत का करिश्मा, सागवान और बांस के घने जंगलों के मध्य स्थित यह उद्यान प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण है जहां विलुप्त हो रहे जंगली जानवर शेर, चीता, भालू, हिरण, मगरमच्छ जैसे कई अन्य जीव जंतु तथा विचित्र पक्षियों की प्रजातियां निवास करती हैं ।
यहां पर्यटकों को घूमने तथा देखने योग्य बहुत सारी जगह हैं जिनका पर्यटक काउंटर से निर्धारित शुल्क जमा करके देखा जा सकता है इस प्रकार है
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के दर्शनीय
- कुटुमसर गुफा
- कैलाश गुफा
- कांगेर धारा
- दंडक गुफा
सभी स्थानों को घूमने के लिए निर्धारित शुल्क जमा करने के बाद जिप्सी में बैठा कर घुमाया जाता है।
3. कुटुमसर गुफा
कुटुमसर गुफा कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान का एक प्रमुख आकर्षण है पर्यटक काउंटर से इसकी दूरी 10 किलोमीटर है जहां बिना अनुमति के जाना वर्जित है यहां व्यक्तिगत वाहन लेकर प्रवेश नहीं किया जा सकता निर्धारित शुल्क जमा करके जिप्सी की सफारी के माध्यम से पहुंचाया जाता है।
जंगल में सुरक्षा का ध्यान रखते हुए इस गुफा को हर वर्ष 1 नवंबर से 15 जून तक खोला जाता है बाकी के महीनों में पूरी तरह से बंद रखा जाता है।
घुमावदार संकरी गुफाओं में अंदर जाते वक्त सावधानी बरतने की जरूरत होती है जैसे जैसे आप इसकी गहराई में उतरते जाएंगे आपको प्राकृतिक रूप से कैल्शियम कार्बोनेट से बनी गुफा अत्यंत चमकीली और सफेद दिखाई देगी जिसमें कई जीव जंतुओं की आकृतियां देखी जा सकती हैं हैं
यहां अनेकों नई नई आकृतियों का जन्म होता है तो पुरानी बिगड़ती रहते हैं इस प्रकार इनका जीवन चक्र चलता रहता है सच कहें तो कुदरत का क्या करिश्मा है। इसके अतिरिक्त गुफा के अंतिम छोर में भगवान शिव लिंग और छोटा सा सरोवर है जिसमें (बिना आंख वाली ) अंधी मछलियों को देखा जा सकता है।
4. तीरथगढ़ जलप्रपात
बस्तर जिला अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है जिसकी सुंदरता में चार चांद यहां के कई वाटरफॉल लगाते हैं उन्हीं में से एक है तीरथगढ़ जलप्रपात जो बस्तर का तीसरा सबसे अच्छा पर्यटन स्थल है और यह जो राष्ट्रीय उद्यान के अंदर स्थित है।
झरने का पानी सीढ़ीदार चट्टानों की परत से होकर गुजरता है जिसका मनमोहक दृश्य अत्यंत ही लुभावना होता है इसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि मानो वक्त कुछ पल के लिए यही ठहर जाएं।
5. दलपत सागर झील
कहने को तो यह एक छोटी सी झील है लेकिन किसी जन्नत से कम नहीं है खास करके उन लोगों के लिए जो बर्डवाचिंग और नौका विहार के शौकीन हैं। यहां सैकड़ों प्रकार के प्रवासी पक्षियों का बसेरा है ये परिंदे कभी आसमान में उड़ते हैं तो कभी एक दूसरे से आंख मिचोली खेलते इनकी इसी खूबसूरती को निहारने के लिए दूर-दूर से पर्यटक झील में नौका विहार करने के लिए आते हैं।
6. मिचनार हिल
यदि आप बस्तर टूर, ट्रिप को दोस्तों के साथ एडवेंचर तरीके से एक्सप्लोर करना चाहते हैं तब आपको निश्चित रूप से मिचनार पर्वत में ट्रेकिंग करने के लिए जाना चाहिए।
यह स्थान बस्तर जिला के लोहंडीगुड़ा तहसील के अंतर्गत मिचनार नामक गांव के दुर्गम रास्ते पर स्थित है जंगली रास्तों से गुजरते हुए ट्रैकिंग मार्ग पर कई सारे खूबसूरत झरने ,गुफाएं , मंदिर और अनगिनत दुर्लभ प्रजातियों के पेड़ों की श्रृंखला देखने को मिलेंगे, जैसे ही पर्वत के शिखर पर पहुंचेंगे तो वहां से आपको प्राकृतिक सुंदरता का मंत्रमुग्ध कर देने वाला दृश्य दिखाई देगा।
7. बिजाकसा जलप्रपात
अक्सर देखा जाता है की अन्य राज्यों से बस्तर आने वाले टूरिस्ट जानकारी के अभाव में इस मनमोहक जलप्रपात तक नहीं पहुंच पाते परंतु वास्तव में टूरिस्ट यहां अन्य वाटरफॉल के अपेक्षा ज्यादा आनंद ले सकते हैं क्योंकि यहां उन्हें स्नान करने के लिए कई सारे घाट बने हुए हैं।
छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में 10 से अधिक खूबसूरत झरने मौजूद है यह उन्हीं में से एक जो बस्तर पर्यटन स्थल का तीसरा सबसे ज्यादा देखा जाने वाला झरना है इसकी दूरी बस्तर जिला मुख्यालय जगदलपुर से 50 किलोमीटर चित्रकूट वाटरफॉल मार्ग पर स्थित रातंगा नामक स्थान से 2 किलोमीटर जंगली गलियारों के पगडंडी रास्ते में पड़ता है।
8. मानव विज्ञान संग्रहालय
बस्तर के घने जंगलों में निवास करने वाली जनजातियों की संस्कृति और जीवन शैली को प्रदर्शित करने के लिए 1972 में जगदलपुर शहर में मानव विज्ञान संग्रहालय की स्थापना हुई।
इस संग्रहालय में जनजातियों के रहन-सहन और उनके द्वारा उपयोग किए जाने वाले वस्तुएं जैसे- कपड़े, जूते, टोपी, आभूषण, मुखोटे, बर्तन, हथियार लकड़ी की नक्काशी तथा उनके रहने के घरों का सुव्यवस्थित संग्रह है।
छत्तीसगढ़ में निवास करने वाली आदिवासियों की जीवन शैली जानने में रुचि रखने वाले लोगों के लिए यह म्यूजियम निश्चित रूप से आपके जिज्ञासा को बढ़ा देगा
9. बस्तर का दशहरा पूजा
नवरात्रि में दशहरा त्यौहार पूरे भारत में मनाया जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं बस्तर जिला में मनाया जाने वाला दशहरा पर्व दुनिया भर में लोकप्रिय है इसे देखने के लिए भारत के कोने कोने से पर्यटक आते हैं।
हम बात कर रहे हैं जगदलपुर नगर में स्थित मां दंतेश्वरी का भव्य मंदिर है जहां आदिवासियों द्वारा 75 दिनों तक निरंतर विधि विधान से दशहरा उत्सव मनाया जाता है।
इस उत्सव में देवी दंतेश्वरी को बड़े रथ में बैठाकर परिक्रमा कराई जाती है लगातार 600 सालों से इसे परंपरागत तरीके मनाया जा रहा है इस दशहरे में एक अनोखी परंपरा रथ चुराने की है जो मांड्या जनजातियों के लोग रथ चुराकर जंगलों में ले जाते हैं
इसके बाद चोरी हुए रथ को वापस लाने के लिए ग्रामीणों को मनाया जाता है इस अद्भुत दशहरे को देखने के लिए दुनिया भर से हजारों पर्यटक हर साल नवरात्रि के शुभ अवसर पर आते हैं।
10. बस्तर का लोहंडीगुड़ा मार्केट
बस्तर पर्यटन स्थल घूमने के बाद वहां के स्थानीय बाजार में अलग अलग स्वादिष्ट व्यंजनों तथा छत्तीसगढ़ी ट्रेडिशनल चीजों की खरीदारी करने के लिए जा सकते हैं यह अन्य राज्यों से बिल्कुल अलग प्रकार का मार्केट है यहां चीटियों की चटनी मछली के साथ-साथ और भी विभिन्न खान पीन का आनंद उठा सकता है। यह बाजार इतना प्रसिद्ध है कि आप इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि से देखने के लिए लोग विदेशों से भी जाते हैं।
बस्तर कैसे जाएं ?
बस्तर जिला मुख्यालय जगदलपुर में इसका स्वयं हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन है लेकिन यहां बहुत कम शहरों से गाड़ियों का संचालन होता है ,
देश के किसी भी हिस्से से बस्तर पहुंचने वाले यात्रियों के लिए इसका निकटतम रेलवे स्टेशन तथा हवाई अड्डा जगदलपुर लेकिन यदि आपके शहर से जगदलपुर के लिए डायरेक्ट ट्रेन गाड़ियां उपलब्ध नहीं है तो आप छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के लिए रेलगाड़ी या फिर हवाई जहाज पकड़ सकते हैं। इसके आगे का सफर बस या ट्रेन से तय कर सकते हैं क्योंकि 280 किलोमीटर है।
बस्तर कब जाना चाहिए ?
वैसे तो बस्तर की खूबसूरती हर मौसम में निखरती रहती है इसे देखने के लिए लोग साल भर आते रहते हैं परंतु वास्तव में बस्तर यात्रा का हरियाली और छल्लो का मनमोहक दृश्य देखने के लिए सबसे अच्छा समय जुलाई से नवंबर के बीच का होता है इस दौरान यहां के पहाड़ों से जगह-जगह पर छोटे बड़े झरने बहते रहते हैं बाकी के मौसम में इतनी ज्यादा रौनक नहीं रहती।
बस्तर में कहां रुके ?
अगर आप अपनी यात्रा के दौरान होटल में रुकना चाहते हैं तो जगदलपुर शहर के भीतर हर बजट के होटल मिल जाएंगे और यहां से सभी बस्तर टूरिस्ट प्लेस 40 किलोमीटर के दायरे के भीतर स्थित है।
होटल के अलावा बस्तर में यात्रियों को ठहरने की उत्तम व्यवस्था के साथ कैंपिंग और रिसोर्ट जैसी सुविधाएं उपलब्ध है जोकि चित्रकूट वाटरफॉल के पास में ही मौजूद है आप चाहे तो अपनी यहां ठहरने की व्यवस्था बना सकते है।
अगर हम बस्तर में खाने की बात करें तो यहां ₹100 से ₹150 थाली स्वादिष्ट भोजन मिल जाता है।
दोस्तों आपको बस्तर यात्रा की जानकारी कैसी लगी यदि आपका कोई सवाल या सुझाव है तो हमें नीचे कमेंट लिख भेजें.
इसी तरह की भारत के विभिन्न टूरिस्ट प्लेस की जानकारी आप हमारी वेबसाइट www.makebharat.com में पढ़ सकते हैं
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