गंगा की पवित्र बस्ती है जहाँ , दिलों को छू लेनी वाली प्रकृति है जहां इसे दुनिया का सबसे पुराना शहर कहो या कशी बनारस में घूमने की जगह जो पर्यटकों को घूमने का एक लाइफ टाइम एक्सपीरियंस देता है ।
हिल स्टेशन से लेकर बीच तक शहर की लम्बी इमारतों से लेकर महंगे शॉपिंग मॉल तक आपने बहुत कुछ देखा होगा लेकिन बनारस के रंग कुछ और ही है ।
काशी कहो, या बनारस, या फिर कहो वाराणसी , इसके हर नाम में सुंदरता झलकती है और बुद्ध से भी पहले का इतिहास झलकता है
यहाँ शाम गंगा घाट पर गुजरती है तो सुबह गरमागरम जलेबियो की महक से होती है ये सिर्फ शहर ही नहीं बल्कि काशी विश्वनाथ जी का घर है इस शहर के जितने रंग उतने नाम ।
आस्था के रंग से लेकर क्रांति के रंगो में भी खूब रंगा हुआ है वाराणसी यहाँ के कशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने चंद्रशेखर आज़ाद जैसे स्वतंत्र सेनानी को जन्म दिया है ।
चलिए हम जानते है बनारस में घूमने की जगह और बनारस के प्रसिद्द मंदिर के बारे में –
बनारस में घूमने की जगह
सदियों से सनातन तीर्थ यात्री माँ गंगा में हिन्दू तीर्थ यात्री बर्षो से यहाँ आ रहे है जहाँ अनुष्ठान और आस्था की गंगा पीढ़ियों से बहती चली आ रही है ।
गंगा की पवित्र बस्ती बनारस में घूमने की जगह , कैसे जाये , कहाँ रुके , बनारस की मशहूर चीज और बनारस के प्रसिद्द मंदिर की पूरी जानकारी इस लेख में बताया गया है ।
1. काशी विश्वनाथ मंदिर बनारस

बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ मंदिर है सनातन धर्मो के अनुसार एक बार इस मंदिर में दर्शन करने और गंगा में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है
जो भी श्रद्धालु वाराणसी जाता है वो इस मंदिर में भोले बाबा का आशीर्वाद लेने अवश्य जाता है ।
श्रद्धालुओं के लिए बनारस का सबसे प्रसिद्ध मंदिर काशी विश्वनाथ है जिसके गर्व गृह में भगवान शिव जी सुन्दर प्रतिमा के रूप में विराजमान है यहाँ दर्शनर्थियो के लिए सुबह 4:00 बजे मंदिर खोला जाता है ।
इस मंदिर में दर्शन के लिए सुबह जल्दी पहुंचे अन्यथा यहां पर घंटों लाइन लगाना पड़ता है क्योंकि यहां देश-विदेश से दुनिया भर के लोग दर्शन के लिए आते हैं
मंदिर के अंदर किसी भी डिवाइस को ले जाना पूर्ण रूप से वर्जित है चाहे वह कैमरा हो या मोबाइल सारी चीजें पूर्ण रूप से बर्जित है तो इसका जरूर ध्यान दें
मंदिर में भोलेनाथ का सुबह 4:00 बजे से 11:00 बजे तक दर्शन पा सकते हैं उसके बाद 11:00 से 12:00 तक यहां दिव्य आलोकिक आरती होती है उसके बाद फिर से मंदिर को खोला जाता है ।
2. दशाश्वमेध घाट
काशी विश्वनाथ मंदिर से 100 मीटर की दूरी पर गंगा नदी का दशाश्वमेध घाट स्थित है जहां पर आप स्नान करके सुबह मंदिर के दर्शन के लिए जा सकते हैं
खास बात यहाँ की गंगा नदी के इस घाट पर घोड़े , ऊंट और मोटर कार की सवारी अत्यंत मनभावन लगती है जहाँ पर्यटक खूब सारा आनंद उठाते हैं।
यहां से आप मां गंगा की दिव्य अलौकिक आरती का लुफ्त उठा सकते हैं जो अपने कैमरे में कैद करना बिल्कुल मिस ना करें और
गंगा के इस घाट को घूमने के लिए शाम के समय थोड़ा जल्दी पहुंच जाये ताकि यहाँ की गंगा की भव्य आरती वंदन सनसेट पॉइंट को देख सके
3. अस्सी घाट

अस्सी घाट काशी के पांच प्रमुख घाटों में से एक अस्सी घाट के बारे में ऐसी मान्यता है कि जब दुर्गा माता ने युद्ध के दौरान विजय प्राप्त की थी तो इस घाट के उत्तर दिशा पर विश्राम लिया था और वहां पर अपना आशीर्वाद छोड़ दिया था जिसकी वजह से से अस्सी घाट के नाम से जाना जाता है
काशी विश्वनाथ मंदिर से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गंगा का अस्सी घाट प्रसिद्ध है नौका विहार के लिए जहां पर श्रद्धालुओं की इतनी ज्यादा भीड़ होती है कि आप सोच भी नहीं सकते.
काशी बनारस के अस्सी घाट के पास में स्थित एक गुफा जहाँ श्री रामचरितमानस की रचना तुलसीदास ने किया था और फिर बाद में यही पर अपने प्राण त्याग दिए।
माँ गंगा के दिव्य आलौकिक दर्शन पाने के लिए भक्त प्रातः काल 4:00 बजे से इस घाट पर पहुंच जाते है ।
कहते हैं गंगा नदी के अस्सी घाट में डुबकी लगाने से संपूर्ण तीर्थ के दर्शन प्राप्त होते हैं मनुष्य जीवन में एक बार बनारस के इस घाट में जरूर आना चाहिए
यहां पर गंगा और अस्सी नदी का मिलन होता है जिसे संगम का निर्माण होता है जिसकी वजह से इसे अस्सी घाट के नाम से भी जाना जाता है
4. सारनाथ

आज से लगभग ढाई हजार बर्ष पहले जन्मे सिद्दार्थ गौतम जिन्हे दुनिया गौतम बुद्धा के नाम से जानती है बुद्धा की शिक्षा दीक्षा के बाद महर्षि गौतम बुद्धा काशी आये ।
सारनाथ वाराणसी से लगभग 10 किलोमीटर दूरी पर स्थित है जहाँ गौतम बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था बनारस का सारनाथ बौद्ध धर्म के 4 सबसे प्रमुख स्थानों में से एक है जिसमे शामिल है
- कुम्बिनी
- बोधगया
- कुशीनगर
- सारनाथ
सारनाथ में बनी हजारो बर्षो पुराणी सभ्यता के अबशेष मौजूद है जिन्हे देखने और इतिहास को खगोलने के लिए साल भर काफी संख्या में पर्यटक आते है ।
इनमे से सबसे प्रसिद्ध है धार्मिक स्तूप – जहाँ से बौद्ध धर्म पूरी दुनिया में फैला था ।
सारनाथ में घूमने की जगह
- चौखंडी स्तूप सारनाथ – यही अपने 5 शिष्यों को अपना पहला उपदेश दिया उसे धर्म चक्र प्रवर्तक सूत्र कहा जाता है जिसका अर्थ है धर्म चक्र गति पर नियंत्रण और यही था जन्म मानवीय पीड़ा से मुक्ति देने बाले बौद्ध धर्म का ।
- थाई मंदिर सारनाथ – थावस्तु शैली मे बना यह मंदिर पर्यटकों को काफी आकर्षित करता है हरे भरे शानदार गार्डन के बीच सुशोभित गौतम बुद्धा की प्रतिमा स्थापित है .
- तिब्बती मंदिर – इस मंदिर में तिब्बती बौद्ध चित्रों को सजाया गया है यहाँ काफी ज्यादा पर्यटक चीन , थाईलैंड , जापान और तिब्बत से ही आते है .
- पुरातत्व संग्रहालय – 1910 में स्थापित इस संग्रहालय में तीसरी शताब्दी से लेकर 12 वी शताब्दी तक के कलाकृतियों को बड़े सुन्दर ढंग से प्रदर्शित करता है ।
5. भारत माता मंदिर
ये टेम्पल वाराणसी का ही नहीं बल्कि पूरे भारत का unique मंदिर है जिसमे हमारे भारत की शान का शानदार नक़्शे के रूप में चित्रित किया गया है इसका निर्माण 1936 में किया गया था उद्घाटन महात्मा गणाधी के द्वारा करवाया गया ।
दुनिया का इकलौता ऐसा मंदिर है जो देश के लिए डेडिकेटेड है ।
वाराणसी घूमने जाये तो इसे अवश्य विजिट करे
6. तुलसी मानस टेम्पल
बनारस केंट से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह मंदिर प्रसिद्द है भगवान् राम सीता और राधा कृष्ण के लीला के लिए यहाँ चल चित्रों से झांकियो के द्वारा जीवंत लगने बाली मूर्तियों के रूप में सजाया गया है।
यदि आप धार्मिक स्थलों में रूचि रखते ही तो बनारस घूमने लायक जगहों में यह मंदिर सबसे शानदार स्थान है जो टूरिस्टो का पसंदीदा स्थान है ।
इस मंदिर की दीवारों पर श्री राम चरित मानस की चौपाइयों को बड़े सुन्दर ढंग से चित्रण किया गया है जहां हमेशा विदेशियों का आना जाना लगा रहता है ।
7. दुर्गा मंदिर बनारस
बाबा भोलेनाथ की नगरी काशी में माँ भगवती अदृश्य दैवीय रूप में दुर्गा कुंड में विराजमान है यह मंदिर बनारस के प्राचीनतम मंदिरो में से एक है । आदि काल में काशी में कुल तीन ही मंदिर थे जिनमे से काशी विश्वनाथ , दुर्गा मंदिर , और मानपूर्ण ।
वैसे तो बनारस की हर गली में मंदिर मिल जायेंगे लेकिन उनमे से सबसे ज्यादा टूरिस्ट शैलानी गंगा किनारे रामनगर में स्थित दुर्गा मंदिर टूरिस्टो की पहली पसंद है ।
पौराणकि कथाओ के अनुसार माँ दुर्गा जी ने शुम्भ और निशुम्भ का बद्ध करने के बाद यहाँ विश्राम किया था ।
मंदिर परिसर के सामने एक खूबसूरत सरोवर मौजूद है जो हमेशा पर्याप्त रूप से भरा हुआ होता है
8. संकट मोचन हनुमान मंदिर
उत्तरप्रदेश के बनारस में कई सारे प्रसिद्द मंदिर है उन्ही में से बनारस का संकट मोचन मंदिर जिसमे राम भक्त हनुमान की सुन्दर प्रतिमा के रूप में विराजमान है।
इस मंदिर का पौराणिक कथाओ में भी लेख मिलता है और यही पर गोस्वामी तुलसी दास को हनुमान जी ने साक्षात् दर्शन दिए थे ।
10. गंगा घाट बनारस
वैसे तो काशी की गलियों में कई घाट है लेकिन हम बात कर रहे है गंगा घाट की जो टूरिस्टो के लिए काफी लोकप्रिय है specialy ये घाट प्रसिद्द है सनसेट के लिए जहाँ से गंगा किनारे से boting करते हुए सूर्यास्त की रंग बिरंगी धुंधली रौशनी देखना काफी दिलचस्प होता है ।
9. चौसठ यपगिनी मंदिर
गंगा घाट के नजदीक ही स्थित चौसठित घाट में चौसठ योगिनी माता का मंदिर के दर्शन करने के लिए भक्त यहाँ जरूर जाते है एक बार दर्शन के लिए यहाँ जा सकते है ।
11. विश्वनाथ टेंपल बनारस
काशी विश्वनाथ मंदिर के अलाबा बनारस के बनारस के बीएचयू कॉलेज के परिसर में स्थित न्यू विश्वनाथ टेंपल है यहां पर भी कैमरा अलाउड नहीं है ।
12. मणिकर्णिका घाट
वाराणसी का सबसे पुराना घाट मणिकर्णिका के साथ की पौराणिक कथाये जुडी हुयी है एक कथा के अनुसार भगवान शिव ने माता पार्वती को अकेला छोड़कर बनारस के मणिकर्णिका घाट पर काफी ज्यादा समय में बिताया था ।
ये घाट प्रसिद्द है दिव्यांग आत्मा के दाह संस्कार के लिए यहाँ द्वापर युग से इसी घाट में परंपरा चली आ रही है ।
13. रामनगर किला बनारस
बनारस की गलियों में घाट और मंदिर ही नहीं बल्कि मुग़ल आलम के ज़माने के बने इस बेहतरीन नक्काशी दार किला भी मौजूद है जो 18 सेंचुरी में बने गया था
यहाँ पर्यटकों को घूमने के लिए
- वेदव्यास टेम्पल
- राज महल
- क्विर्की म्युसियम -राजयो के दवरा उपयोग किये जाने ब्वस्तुयो को देख सकते है
- और स्पेसिलय यहाँ इस फोर्ट में १५० साल पुराण क्लॉक घडी है .
- बनारस घूमने के लिए सबसे ज्यादा फेमस स्थानों में सीक है .
14. वाराणसी फन सिटी Waterpark
यदि आप वाराणसी घूमने दोस्तों या फॅमिली के साथ जाते है तो एक बार बनारस का वाटरपार्क भी विजिट करते जाये जहा आपको समुद्री लहरों के अलाबा कई वाटर स्वीमिंग एक्टिविटी करने के लिए मिल जायेंगे वो भी काफी कम प्राइस में ।
15. संत रविदास उद्यान बनारस
वाराणसी में हरे भरे बागो की तो कमी नहीं है लेकिन ये आर्टिफीसियल उद्यान यहाँ का सबसे खूबसूरत प्लेस में से एक है यह संत रविदास जी को समर्पित है ।
इस पार्क में कपल के साथ यहाँ घूमने के लिए भारी संख्या में पर्यटक उमड़ते है ।
विश्वनाथ गली, बाजार बनारस
वाराणसी जितना फेमस है अपने घाट और मंदिर के लिए यहाँ की उतनी ही प्रसिद्द है बनारसी साड़ियां आप बनारस आये है और अपने फैमिली परिवार के लिए बनारसी साड़ियां न खरीदे ऐसा नहीं हो सकता ।
बनारस की विश्व नाथ गली प्रसिद्ध है बनारसी साड़ियां और गारमेंट , गिप्ट्स आइटम , कुर्ती , लहंगे , लड़को के बनारसी स्टाइलिश कपडे इत्यादि ।
बनारस के प्रसिद्ध मंदिर
बनारस गंगा घाट के लबा मंदिरो के लिए भी प्रसिद्द है जिनकी अपनी अलग – अलग मान्यताये है –
- काशी विश्वनाथ मंदिर
- दुर्गा मंदिर
- संकटमोचन हनुमान मंदिर ,
- चौसठ योगिनी माता टेम्पल
- भारत माता मंदिर
- तुलसी मानस टेम्पल
- राम मंदिर
बनारस की मशहूर चीज क्या है ?
बाराणसी व्यापर के नजरिये से भी एक अहम् शहर है खास तौर पर यहाँ की बनारसी साडिया जो दुनिया भर में प्रसिद्द है देश में शायद ही ऐसी कोई वैवाहिक समारोह हो जो बनारसी साड़ियों के बिना संपन्न होती हो ।
बनारसी साड़ियां त्योहारों और किसी खास मौके पर आज भी भारतीय महिलाओं की पहली पसंद है ।
रुकिए थोड़ा चलते चलते बनारसी पान का मजा तो ले लीजिए दुनिया की छोडियो बनारसी पान के अमिताभ बच्चन कितने दीवाने है ये तो आप सभी ने डॉन फिल्म में देख चुके होंगे । खाइके पान बनारस बाला ।
बनारस की मिठाइयों , से लेकर चाट, पकोड़े तक बहुत फेमस है जलेबी । कचौड़ी सब्जी , और समोसे से आप यहाँ नास्ता कर सकते है
बनारस में रुकने की जगह
बनारस में रुकने के लिए हर तरह के होटल मौजूद है 5 स्टार से लेकर हर बजट में होटल यहाँ मिल जाते है जिनकी प्राइस 700 से लेकर आपके अपने बजट तक होती है।
इसके अलाबा बनारस में कई धर्मशालाए मौजूद है जो बनारस में घूमने लायक जगह के समीप ही पड़ता है जिससे पर्यटकों को घूमने में आसानी होती है ।
बनारस घूमने कब जाये ?
वाराणसी घूमने के लिए दशहरा , दिवाली , महाशिवरात्रि , सावन माह और माघी गंगा स्न्नान बनारस घूमने के लिए सबसे ज्यादा श्रद्धालु आते है
वैसे तो बनारस घूमने साल भर सैलानी यहाँ आते है लेकिन नवरात्री से लेकर मार्च तक वाराणसी घूमने की जगह देखने सबसे ज्यादा पर्यटक आते है ।
गर्मियों के मौसम में तेज धुप की बजह से घूमने में थोड़ा तकलीफ हो सकती है जिसकी बजह से आपको घूमने में मजा भी नहीं आएगा ।
बनारस कैसे जाये ?
यदि आप बनारस घूमने के लिए जा रहे तो जानकारी के लिए बता दू की देश के कोने कोने से बनारस यातायात की सभी सुबिधाओं से पूरी तरीके से जुड़ा हुआ है ।
यहाँ पहुंचने के लिए किसी भी रेलवे जंक्शन से सीट बुक कर सकते है । वाराणसी रेलमार्ग से कई शहरो से जुड़ा हुआ है आपको दिल्ली और आस पास के शहरो से बस की सुबिधा भी आसानी से मिल जाएगी ।
यदि आप हवाई यात्रा के माद्यम से वाराणसी जाना चाहते है तो यहाँ लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट है जो भारत के सभी एयरपोर्ट से पूरी तरह से जुड़ा हुआ है ।
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अगर आप घूमने के शौकीन है और धार्मिक स्थलों में घूमने की रूचि रखते है कशी बनारस आपके लिए शानदार पर्यटक स्थल साबित होगा ।
FAQ- बनारस घूमने के बारे में पूछे जाने बाले प्रश्न ?
बनारस क्यों प्रसिद्द है ?
गंगा की पवित्र बस्ती है जहाँ , दिलों को छू लेनी वाली प्रकृति है जहां और बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ मंदिर है जहाँ इसे दुनिया का सबसे पुराना शहर कहो या कशी बनारस , सनातन तीर्थ यात्री सदियों से यहाँ आ रहे है जहाँ अनुष्ठान और आस्था की गंगा पीढ़ियों से बहती चली आ रही है इसीलिए बनारस प्रसिद्द है.
बनारस के प्रसिद्ध मंदिर?
वाराणसी के प्रमुख मंदिर – काशी विश्वनाथ मंदिर , दुर्गा मदिर , संकटमोचन मंदिर , भारत माता मंदिर, तुलसी मानस मंदिर , चौसठ योगिनी मंदिर और सारनाथ स्तूप ये सभी स्थान बनारस के प्रसिद्द मंदिर है जहाँ साल भर श्रध्दालु श्रद्धा भक्ति से दर्शन के लिए आते है ।
बनारस के कितने नाम है?
बनारस का पौराणिक नाम काशी है जिसका उल्लेख रामायण , महाभारत , ऋग्वेद , और कई हिन्दू ग्रंथो में मिलता है लेकिन समय के चक्र में नाम में बदलाव हुए जैसे – रुद्रवास , आनंदवन , अविमुक्त , काशीक , बनारस , वाराणसी.
बनारस का नाम बनारस क्यों पड़ा?
दरअसल इसका नाम काशी से बनारस इसीलिए पड़ा क्योकि यहाँ गंगा नदी में 2 और नदियों का मिलन होता है वरुणा नदी और अस्सी नदी इसी बजह से इसे बनारस कहा गया । इसका पुराण नाम काशी था जो लगभग 5 हजार बर्ष पुराना है लेकिन भारत की आजादी के बाद आधिकारिक नाम बदलकर वाराणसी हुआ ।
निष्कर्ष –
इस लेख में आपने जाना बनारस में घूमने की जगह और वाराणसी के प्रसिद्द मंदिर के बारे में अगर हमारे द्वारा बताई गयी जानकारी में कोई दर्शनीय स्थल छूट रहा हो तो हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताये ।