यदि आप पुष्कर घूमने का प्लान बना रहे हैं तो अब सही जगह आए हैं एक यात्री के रूप में मैं आपको विस्तृत जानकारी के साथ बता सकता हूं कि पुष्कर में घूमने की जगह कौन-कौन से हैं।
आइए जानते हैं आखिर ऐसी क्या खास बात है इस पुष्कर सरोवर में कि इसे तीर्थों का तीर्थ कहा जाता है ? क्यों इसे हिंदुओं के पवित्र तीर्थ स्थानों में से एक माना जाता है ? ऐसी क्या खास बात है कि ब्रह्मा जी ने इतने बड़े पृथ्वीलोक में पुष्कर को ही अपना स्थान चुना ? चलिए इस रहस्यमई धार्मिक स्थल पुष्कर में घूमने की जगह के बारे में विस्तार पूर्वक जानते हैं।
राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित पुष्कर जो सुंदर अरावली पहाड़ियों से तीन तरफ से घिरा हुआ है एक तरफ ऊंचे ऊंचे रेगिस्तान के टीलों से जिसका उल्लेख पौराणिक रामायण और महाभारत जैसे पुराणों में मिलता है।
यहां त्यौहारों में होली का सेलिब्रेशन और सर्दियों के प्रारंभ होते ही पुष्कर मेले का तो जवाब ही नहीं है ।
कहते हैं इस मंदिर जैसा पूरे ब्रह्मांड में नहीं है इसका निर्माण स्वयं ब्रह्मा जी ने करवाया था लेकिन चौदहवीं शताब्दी में इसका पुनर्निर्माण कराया गया।
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पुष्कर में घूमने की जगह
पुष्कर एक छोटा शहर है जहां की ट्रिप के लिए 2 दिन पर्याप्त है साथ ही तीर्थ स्थल होने के नाते यहां श्रद्धालु और टूरिस्ट की भीड़ पूरे साल रहती हैं लेकिन यहां नवंबर महीने में 5 दिवसीय चलने वाले पुष्कर मेले और होली के मौके पर काफी भीड़ होती है और यहां के मौसम के हिसाब से जुलाई से मार्च तक यहां घूमने का सबसे अच्छा समय होता है।
1. ब्रह्मा सरोवर
पौराणिक कथाओं के अनुसार पंच सरोवर यानी कि 5 सबसे खूबसूरत झीलों में से एक ब्रह्म सरोवर को माना जाता है और इसे स्वयं भगवान विष्णु को जल के रूप में बताया गया है।
लगभग 52 एकड़ में फैले झील का निर्माण जगत परमेश्वर श्री ब्रह्मा जी के द्वारा करवाया गया था। इसका महत्व इसलिए भी है क्योंकि यहां महर्षि वेदव्यास ने महाभारत की रचना किए , विश्वमित्र इसी जगह पर तपस्या किए थे और गुरु गोविंद जी ने यहां गुरु ग्रंथ का पाठ किया था इतना ही नहीं भगवान श्रीराम ने अपने पिता दशरथ का पिंडदान यही किए थे।
साथ ही साथ आपको बता दूं इस सरोवर में कुल 52 घाट हैं जिसमें सबसे बड़ा जयपुर घाट सबसे पवित्र गऊघाट, सिखों के लिए गोविंदघाट ,मुख्य ब्रह्मा घाट और प्रधान वराह घाट है। जहां की भव्य संध्या की आरती देखने लायक होती। इस पवित्र जल में स्नान करने से मनुष्यों के सारे पाप और त्वचा रोग दूर होते हैं।
2. ब्रह्मा मंदिर
- पुष्कर मंदिर का इतिहास हिंदू ग्रंथ पद पुराण के अनुसार ब्रह्मा जी ने बज्र नामक राक्षस का वध अपने कमल पुष्प से किए थे तभी उसी फूल के तीन पंखुड़ियां धरती पर गिरी और वहां जेस्ट पुष्कर, मध्य पुष्कर और कनिष्ठ पुष्कर अस्तित्व में आया।
- ब्रह्मा जी पुष्कर ने महायज्ञ करवाने का फैसला करते हैं और अपने बेटे नारद से अपनी पत्नी सावित्री को आमंत्रित करने के लिए भेजते हैं।
- तब नारद जी अपनी माता सावित्री जी से यह कहते हैं पिताजी ने आपको सोलह सिंगार करके अपनी सखियों के साथ धरती लोक में बुलाए हैं।
- सोलह सिंगार करने में माता को काफी वक्त लग जाता है जिससे यज्ञ का निर्धारित समय निकला जा रहा था तब ब्रह्मा जी ने इंद्र को आदेश देते हैं इस यज्ञ के लिए किसी कुमारी कन्या के साथ गंधर्व विवाह के लिए ।
तब इंद्र को एक गरीब किसान की बेटी मिली जिसे देवताओं ने गाय से तीन बार होकर पवित्र किया और इसी तीन बार क्रिया से गायत्री देवी और गायत्री मंत्र की उत्पत्ति हुई।
हो रहे यज्ञ के बीच में गायत्री देवी अपनी सखियों के साथ वहां पहुंचती है और अपने पति के बगल में बैठी कन्या को देखकर काफी क्रोधित हो जाती है और वहां उपस्थित सभी देवताओं सहित ब्रह्मा को श्राप देती हैं कि आज के बाद आपकी पूजा इस संसार में पुष्कर के अलावा कहीं नहीं होगी जहां भी आपके नाम पर मंदिर बनेगा वह पूरी तरह से ध्वस्त हो जाएगा।
3. पुष्कर एडवेंचर कैंप
पुष्कर के धार्मिक यात्रा के अलावा यहां की एडवेंचर एक्टिविटी जरूर करनी ही है जैसे सारी महत्वपूर्ण जगह घूमना , पुष्कर सरोवर में डुबकी लगाना, पुष्कर मेला, डिजर्ट सफारी एंड कैंपिंग ऊंट वाली डोली की सफारी ,पुष्कर मेला, रात्रि का सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेना ,सावित्री माता रोपवे, ट्रैकिंग, हॉट एयर बैलून, मानसून में पुष्कर घाटी , शॉपिंग, और पुष्कर के फेमस भोजन को अपने पुष्कर धाम यात्रा के साथ-साथ अवश्य इंजॉय करें।
4. पुष्कर मेला
पुष्कर की यह कोई जगह नहीं है बल्कि यह भारत का सबसे प्रसिद्ध मेला है जो हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर वर्ष कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी से पूर्णिमा तक 5 दिनों तक निरंतर चलता है।
कहते हैं इस दौरान संसार के सभी देवी देवता, संत महात्मा, ऋषि मुनि, गंधर्व, सुर ,असुर अदृश्य रूप में पुष्कर के इस पावन भूमि पर पधारते हैं यानी कि इस दौरान यहां सभी दिव्य शक्तियों का वास होता है। प्राचीन समय में इन्हीं शक्तियों से प्रेरित होकर लोग दूर-दूर से हाथी, घोड़े, ऊंट बेल, तांगा के साथ आने लगे।
समय बीतता गया और धीरे-धीरे यह पशु मेले के रूप में तब्दील होने लगा क्योंकि लोगों ने अपने पशुओं को व्यापार के रूप में शुरू कर दिया था और एक समय ऐसा आया जब यह पूरे भारत में सबसे बड़े पशुओं के क्रय विक्रय के लिए जाना जाने लगा।
आपकी जानकारी के लिए बता दूं यह एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा ऊंट मेला है जिसमें हर साल लाखों विदेशी पर्यटक और श्रद्धालु आते हैं इसीलिए इसे मेरवाड़ा का कुंभ और राजस्थान का सबसे रंगीन मेला कहा जाता है।
इस मेले में सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम, घाटों में दीपदान,महा आरती, डांस, दुल्हन प्रतियोगिता, झूले, खेलों की प्रतियोगिता जैसे क्रिकेट, फुटबॉल जैसी कई और एक्टिविटी को इंजॉय किया जा सकता है
5. पुष्कर की होली
देश की सबसे प्रसिद्ध बरसाना की होली और दूसरी पुष्कर की होली में शामिल होने के लिए दुनिया भर से विदेशी पर्यटक आते हैं यहां के गजब के साउंड सिस्टम और भीड़ के साथ भांग सर्व किया जाता है।
एक बात का आपको जरूर ध्यान रखना चाहिए जब आप पुष्कर मेला और होली इंजॉय करने के लिए आएं तो होटल की ऑनलाइन बुकिंग पहले से ही कर ले वरना इस दौरान यहां इतनी ज्यादा भीड़ होती है फिर रहने के लिए जगह कम पड़ जाती है।
6. सावित्री मंदिर
रत्नागिरी पहाड़ियों पर विराजमान देवी सावित्री मंदिर तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां और रोपवे दोनों की सुविधाएं उपलब्ध है।
आप ऊपर जाने के लिए रुपए ले सकते हैं वरना 700 सीढ़ियां जो थोड़ी मुश्किल जरूर है लेकिन हरी बड़ी पहाड़ी घाटियों को देखते हुए जाने में मजा ही कुछ और होता है।
ऊपर पहुंचने पर मंदिर प्रांगण से पूरे पुष्कर शहर का खूबसूरत परिदृश्य दिखाई देता है।
7. गायत्री माता मंदिर
राजस्थान के इस मंदिर को पाप मोचन मंदिर के नाम से भी जाना जाता है यहां तक पहुंचने का रास्ता थोड़ा कठिन है लेकिन जब आप ऊपर पहुंचेंगे और इतनी ऊंचाइयों से सादगी भरे भाव से पूरे शहर का दृश्य देखेंगे तो यह नजारा आपके जीवन का सबसे यादगार फलों में से एक होगा।
8. वराह मंदिर
यह मंदिर सूअर के रूप में भगवान विष्णु के तीसरे अवतार को समर्पित है इसे मूल रूप से 12वीं शताब्दी में बनाया गया था लेकिन मुगल शासक औरंगजेब ने इसे पूरी तरह से नष्ट करके मूर्ति को झील में फेंक दिया था बाद में जयपुर के राजा सवाई मानसिंह 17वीं शताब्दी में इसका फिर से जीर्णोद्धार करवाया।
9. रंगजी मंदिर
दक्षिण भारत कला में निर्मित यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है इतना ही नहीं पुष्कर धाम के इस मंदिर में पुजारी भी द्रविड़ भारत के हैं जो भागवत और वैष्णव संप्रदाय से संबंधित है
10. गुरुद्वारा साहिब
पुष्कर के दर्शनीय स्थल में गुरुद्वारा भी है जो सिखों के प्रथम गुरु , गुरु नानक जी और दसवें गुरु गोविंद सिंह जी के पुष्कर यात्रा को समर्पित है यहां पर भी आप दर्शन कर सकते हैं।
11. पुष्कर का ब्रह्मा मार्केट
शॉपिंग के लिए सबसे अच्छा और जाना मना पुष्कर का ब्रह्मा मार्केट है जहां सभी प्रकार के कपड़े ,ज्वेलरी, सजावट की वस्तुएं, हैंडीक्राफ्ट, के अलावा भी और भी कई प्रकार की शॉपिंग की जा सकती है।
पुष्कर कब जाना चाहिए ?
सामान्य रूप पुष्कर घूमने का सबसे अच्छा और उचित समय सर्दियों के मौसम में नवंबर से लेकर मार्च तक होता है क्योंकि अन्य मौसम में रेगिस्तानी क्षेत्र होने के कारण यहां भीषण गर्मी पड़ती है जिसकी वजह से तीर्थ यात्रियों को गर्मियों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
पुष्कर घूमने का कुल खर्च कितना लगता है ?
यह एक छोटा सा शहर है यहां 1 दिन रुक कर सभी जगहों को घूमने के साथ-साथ डिजर्ट्स में कैंपिंग के साथ-साथ खाने-पीने और कुछ प्रतियोगिताओं को इंजॉय करने का कुल खर्च लगभग ₹4000 में बड़े आसानी से हो जाता है।
पुष्कर कैसे पहुंचे ?
पुष्कर अजमेर शहर से 15 जयपुर से 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है इसका नजदीकी रेलवे स्टेशन अजमेर जंक्शन है नियरेस्ट हवाई अड्डा किशनगढ़ जो यहां से लगभग 45 मीटर की दूरी पर है।
आप इन लोकेशन पर पहुंचकर बाय टैक्सी, शेयरिंग बस, या बाइक स्कूटी रेंट पर लेकर आसानी से पुष्कर तक पहुंच सकते हैं। पुष्कर यात्रा पुष्कर धाम
FAQ- पुष्कर धाम के बारे में पूछे जाने वाले प्रश्न ?
Q. पुष्कर मेला कब लगता है ?
पुष्कर मेला हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर वर्ष कार्तिक शुक्ल पक्ष के एकादशी से पूर्णिमा तक रहता है जो राजस्थान के अजमेर से 11 किलोमीटर दूर पुष्कर सरोवर के पास लगता है. तथा इस भव्य मेले में पशुओं का भी क्रय विक्रय भारी मात्रा में किया जाता है.
Q. पुष्कर में देखने के लिए क्या क्या है ?
पुष्कर में देखने तथा घूमने के लिए सबसे प्रसिद्ध पुष्कर सरोवर में डुबकी लगाना, पुष्कर मेला, डेजर्ट सफारी एंड कैंपिंग, रात्रि का सांस्कृतिक कार्यक्रम, सावित्री माता रोपवे, पहाड़ों के ट्रैकिंग, ऊंट की डोली सवारी, हॉट एयर बैलून, मानसून में पुष्कर घाटी और यहां का भोजन और शॉपिंग यात्रा के दौरान जरूरी है.
Q. पुष्कर कैसे घूमे ?
पुष्कर घूमने के लिए सबसे अच्छा और सस्ता विकल्प होता है बाइक स्कूटी किराए पर लेकर जो कि अजमेर रेलवे स्टेशन या फिर पुष्कर बस स्टॉप के पास में मिल जाएगा इनका प्रतिदिन का चार्ज 500 से 700 के बीच में होता है।
निष्कर्ष
आशा करता हूं आपको पुष्कर में घूमने लायक जगह की है सूची पसंद आई होगी जिसे आपको पुष्कर धाम की यात्रा करने में काफी ज्यादा सहूलियत मिलेगी।
आपकी पुष्कर यात्रा को सुखद सफल और मंगलमय की कामना करता हूं
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